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mau jha
शेर जंगल का राजा होता है। वह अपने जंगल में सब को डरा कर रहता है। शेर भयंकर और बलशाली होता है। एक दिन शहर का राजा जंगल में घूमने गया। शेर ने देखा राजा हाथी पर आसन लगा कर बैठा है। शेर के मन में भी हाथी पर आसन लगाकर बैठने का उपाय सुझा। शेर ने जंगल के सभी जानवरों को बताया और आदेश दिया कि हाथी पर एक आसन लगाया जाए। बस क्या था झट से आसन लग गया। शेर उछलकर हाथी पर लगे आसन मैं जा बैठा। हाथी जैसे ही आगे की ओर चलता है , आसन हिल जाता है और शेर नीचे धड़ाम से गिर जाता है। शेर की टांग टूट गई शेर खड़ा होकर कहने लगा – ‘ पैदल चलना ही ठीक रहता है। ‘ नैतिक शिक्षा – जिसका काम उसी को साजे , शेर ने आदमी की नक़ल करनी चाही और परिणाम गलत साबित हुआ। ©Mau Jha story moral for kid's #Texture
story moral for kid's #Texture
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White **ईमानदारी की जीत** एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में राम नाम का एक ईमानदार किसान रहता था। राम का परिवार बहुत गरीब था, लेकिन राम ने कभी भी किसी की चीज़ चुराने या गलत तरीके से पैसे कमाने की कोशिश नहीं की। एक दिन, राम खेत में काम कर रहा था जब उसे एक चमचमाती सोने की अंगूठी मिली। राम ने सोचा कि यह अंगूठी किसी गाँववाले की हो सकती है। उसने गाँव में सभी से पूछा, लेकिन किसी ने दावा नहीं किया कि वह अंगूठी उनकी है। राम ने तय किया कि वह उस अंगूठी को गाँव के सरपंच के पास ले जाएगा। सरपंच ने भी गाँव में घोषणा कराई, लेकिन कोई भी अंगूठी का मालिक नहीं मिला। सरपंच ने राम से कहा, "राम, तुम इस अंगूठी को अपने पास रख लो। यह तुम्हारी ईमानदारी का इनाम है।" राम ने अंगूठी ले ली, लेकिन उसने सोचा कि उसे इस अंगूठी से किसी की मदद करनी चाहिए। उसने अंगूठी को बेच दिया और उससे मिले पैसे से गाँव के स्कूल की मरम्मत करवा दी और कुछ पैसे गरीब बच्चों की शिक्षा पर खर्च कर दिए। कुछ महीनों बाद, गाँव में एक अमीर व्यापारी आया। उसने सरपंच से कहा, "मैंने यहाँ कुछ महीने पहले एक सोने की अंगूठी खो दी थी। क्या किसी को वह मिली है?" सरपंच ने राम को बुलाया और व्यापारी से मिलवाया। राम ने व्यापारी को पूरी कहानी सुनाई। व्यापारी ने राम की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे इनाम के रूप में दस सोने की मुद्राएँ दीं। राम ने वह मुद्राएँ भी गाँव के विकास और गरीबों की मदद के लिए खर्च कर दीं। इस प्रकार, राम की ईमानदारी और निस्वार्थता ने उसे गाँव में एक आदर्श बना दिया और सभी ने उसकी प्रशंसा की। ईमानदारी की जीत ने गाँव में एक नई दिशा दिखाई और सबने राम के पदचिन्हों पर चलना शुरू किया। **शिक्षा:** इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईमानदारी और निस्वार्थता हमेशा जीतती है और समाज में आदर व सम्मान दिलाती है। ©Pooja #Moral story
#moral story #मोटिवेशनल
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White ### गाँव की बचपन की यादें गाँव का नाम स्नेहपुर था। वहाँ एक छोटा सा बच्चा, रवि, अपने माता-पिता और दादी के साथ रहता था। स्नेहपुर एक शांत और सुंदर गाँव था, जहाँ हरियाली और प्यार की कोई कमी नहीं थी। रवि की उम्र केवल दस साल थी, पर उसकी चंचलता और मासूमियत सबका दिल जीत लेती थी। हर सुबह, रवि अपनी दादी के साथ गाँव के मंदिर जाता था। मंदिर के पास एक बड़ा पीपल का पेड़ था, जिसकी छाँव में बैठकर दादी उसे पुरानी कहानियाँ सुनाया करती थी। रवि को उन कहानियों में बहुत मज़ा आता था। उसकी दादी की कहानियाँ सुनते-सुनते वह सपनों की दुनिया में खो जाता था। एक दिन, रवि ने सुना कि गाँव में मेला लगने वाला है। वह बहुत खुश हुआ और तुरंत अपनी माँ के पास दौड़ता हुआ गया। माँ ने उसे बताया कि मेले में बहुत सारी मिठाइयाँ, खिलौने, और झूले होंगे। रवि की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेले वाले दिन, रवि ने अपनी सबसे प्यारी शर्ट पहनी और पूरे परिवार के साथ मेले गया। वहाँ उसने गुब्बारे, चाट और अपनी पसंदीदा मिठाई, जलेबी खाई। मेले में उसने एक खिलौना भालू देखा, जो उसे बहुत पसंद आया। उसके पिता ने उसकी खुशी देखकर वह भालू उसे दिला दिया। शाम को, जब रवि अपने खिलौने के साथ घर लौटा, तो वह बहुत थक गया था। उसने भालू को अपने पास रखा और अपनी दादी की कहानियाँ सुनते-सुनते सो गया। उस रात, रवि ने सपने में देखा कि वह अपने नए भालू के साथ जादुई जंगल में घूम रहा है, जहाँ पेड़ों पर चॉकलेट और जमीन पर मिठाईयाँ बिखरी हुई हैं। इस तरह, स्नेहपुर में रवि का बचपन हँसी-खुशी और प्यारी यादों से भरा हुआ था। गाँव की सरलता और दादी की कहानियाँ उसके जीवन को खास बनाती थीं। और इस तरह, रवि के बचपन की मीठी यादें हमेशा उसके दिल में बसी रहीं। ©Pooja #Moral story
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White ### एक छोटी सी कहानी: **दोस्ती का अनमोल तोहफा** एक छोटे से गाँव में, दो दोस्त रहते थे - राम और श्याम। दोनों की दोस्ती बचपन से ही थी और उनकी एक-दूसरे के प्रति निष्ठा और प्रेम अद्वितीय था। एक दिन, गाँव के पास के जंगल में आग लग गई। आग तेजी से फैल रही थी और गाँव के लोग भयभीत थे। राम और श्याम दोनों ने मिलकर गाँववालों की मदद करने का निश्चय किया। वे अपने घरों से बाल्टियाँ लेकर पानी भर-भर कर आग बुझाने के लिए दौड़ पड़े। श्याम की एक टांग थोड़ी कमजोर थी, लेकिन उसने हार नहीं मानी और राम के साथ-साथ आग बुझाने में जुट गया। वे दोनों बिना रुके, बिना थके, गाँव के लोगों की मदद करते रहे। राम ने देखा कि श्याम थक गया है, लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। राम ने श्याम को अपने कंधे पर बैठा लिया और दोनों मिलकर आग बुझाने लगे। उनकी इस निष्ठा और साहस को देखकर गाँव के बाकी लोग भी प्रेरित हुए और सब मिलकर आग बुझाने लगे। थोड़ी देर में आग बुझ गई और गाँव के लोग सुरक्षित हो गए। सभी ने राम और श्याम की तारीफ की और उनकी दोस्ती का आदर किया। इस घटना के बाद, राम और श्याम की दोस्ती और भी गहरी हो गई। वे दोनों समझ गए कि सच्ची दोस्ती वह होती है, जो कठिन समय में एक-दूसरे के साथ खड़ी रहती है। गाँव के लोग उनकी इस दोस्ती की मिसाल देने लगे और दोनों को सच्चे मित्रों के रूप में सम्मानित किया। इस प्रकार, राम और श्याम की दोस्ती ने सबको यह सिखाया कि सच्चा मित्र वही होता है, जो मुश्किल समय में साथ खड़ा रहता है और बिना किसी स्वार्थ के मदद करता है। ©Pooja #Moral story
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White ### कहानी: दोस्ती का असली मतलब एक छोटे से गाँव में दो लड़के, राहुल और मोहन, रहते थे। दोनों की उम्र लगभग एक ही थी और वे बहुत अच्छे दोस्त थे। वे हर रोज़ एक साथ खेलते, पढ़ते और हँसी-मज़ाक करते थे। एक दिन, गाँव के पास एक सर्कस आया। दोनों दोस्त बहुत उत्साहित थे और उन्होंने सर्कस देखने का फैसला किया। लेकिन सर्कस का टिकट बहुत महंगा था। राहुल ने अपने गुल्लक में से सारे पैसे निकाल लिए, लेकिन फिर भी उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। मोहन ने देखा कि राहुल उदास है और उसने अपनी सारी बचत निकाल कर राहुल को दे दी। इस तरह दोनों ने मिलकर सर्कस का आनंद लिया। सर्कस के बाद, जब वे गाँव वापस लौट रहे थे, तो रास्ते में अचानक एक तेज़ बारिश शुरू हो गई। दोनों ने एक पेड़ के नीचे शरण ली, लेकिन बारिश इतनी तेज़ थी कि वे पूरी तरह से भीग गए। बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी, और दोनों को घर पहुँचने की चिंता सताने लगी। तभी, राहुल ने अपनी जेब से एक छोटा सा प्लास्टिक का टार्प निकाला, जो उसने सर्कस से लौटते समय खरीदा था। उसने और मोहन ने मिलकर उस टार्प को ओढ़ लिया और धीरे-धीरे गाँव की ओर चल पड़े। वे पूरी तरह से भीग तो गए थे, लेकिन टार्प ने उन्हें कुछ हद तक सुरक्षित रखा। राहुल ने कहा, "मोहन, आज हमने एक-दूसरे की मदद करके सिखा कि सच्ची दोस्ती का मतलब क्या होता है।" मोहन ने मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ राहुल, दोस्ती का असली मतलब यही है कि जब हमें किसी की ज़रूरत होती है, तो हम बिना सोचे-समझे उनकी मदद करें।" दोनों ने उस दिन सीखा कि सच्ची दोस्ती न केवल अच्छे समय में साथ देती है, बल्कि मुश्किल समय में भी हमें सहारा देती है। वे दोनों इस सीख को जीवन भर याद रखते हुए, एक-दूसरे के साथ मजबूती से खड़े रहे। ### समाप्त यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची दोस्ती का महत्व क्या है और कैसे एक सच्चा दोस्त हमेशा हमारी मदद के लिए तैयार रहता है। ©Pooja #Moral story
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White बर्फ़ की चादर शिमला के एक छोटे से गाँव में, एक लड़का जिसका नाम रोहन था, अपनी माँ के साथ रहता था। रोहन बहुत ही चंचल और हंसमुख बच्चा था। उसे बर्फ में खेलना बहुत पसंद था। हर साल जब सर्दियाँ आतीं और चारों तरफ़ बर्फ की चादर बिछ जाती, रोहन का उत्साह देखते ही बनता था। एक दिन, रोहन अपनी माँ से बोला, "माँ, क्या मैं बर्फ में खेलने जा सकता हूँ?" माँ ने मुस्कुराते हुए कहा, "ठीक है बेटा, लेकिन ध्यान रखना।" रोहन बाहर निकला और बर्फ में खेलने लगा। अचानक उसकी नज़र एक छोटी सी खरगोश पर पड़ी, जो ठंड से कांप रहा था। रोहन ने तुरंत अपनी जैकेट उतारी और खरगोश को ओढ़ा दी। खरगोश धीरे-धीरे गर्म होने लगा और रोहन को धन्यवाद देते हुए अपने बिल में चला गया। रोहन खुश होकर घर लौटा और माँ को सारी कहानी सुनाई। माँ ने रोहन को गले लगाते हुए कहा, "तुम्हारी दया और प्रेम ही तुम्हें सबसे खास बनाते हैं, बेटा।" उस दिन के बाद से रोहन ने समझ लिया कि असली खुशी दूसरों की मदद करने में ही है। और फिर हर सर्दी में, वह बर्फ में खेलते हुए, जरूरतमंद जानवरों की मदद करना नहीं भूलता था। शिमला का वह छोटा सा गाँव, रोहन की दया और प्रेम की कहानियों से भरा रहता। बर्फ की चादर तो हर साल आती, लेकिन रोहन के नेक दिल की गर्माहट हमेशा वहां के लोगों और जानवरों को सुकून देती। ©Pooja #Moral story
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White एक गाँव में एक छोटा सा लड़का था, जिसका नाम राजू था। वह बहुत ही उत्साही और समझदार था। एक दिन उसने गाँव के प्रमुख से सुना कि उसके गाँव के पास एक रहस्यमय जंगल है। राजू ने तुरंत उस जंगल की ओर रुख किया। जंगल में वह एक पुरानी मंदिर के पास पहुँचा। वहाँ एक बड़ा सा पत्थर था, जिसमें एक सिक्का छिपा था। राजू ने सिक्का लिया और वापस अपने गाँव की तरफ चल दिया। उसने वहाँ पहुँचकर देखा कि वह सिक्का अच्छे लोगों की मदद के लिए है। इससे वह अपने गाँव में सभी को सहायता करने लगा। उसके साथ रहनेवाले लोग भी उसके साथ जुड़ गए और गाँव में एक सशक्त समुदाय बन गया। राजू ने उस जंगल का रहस्य खोजकर एक नया दिन लाया और अपन ©Pooja #Moral story
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White एक छोटा सा गाँव था, जहाँ के लोग बहुत ही मिलनसार थे। उनमें एक बच्चा था, नाम था रामू। रामू का सपना था कि वह एक दिन अपने गाँव को और लोगों को बेहतर जीवन दे सके। एक दिन, वह अपने गाँव के बच्चों के साथ एक पेड़ का निर्माण करने के लिए सोचा। वह बच्चों को सिखाता रहा कि पेड़ क्यों महत्वपूर्ण है और कैसे यह जीवन के लिए लाभकारी है। धीरे-धीरे, गाँव के लोग उसके विचारों को समझने लगे और उन्होंने भी पेड़ लगाने की शुरुआत की। समय के साथ, गाँव हरा-भरा होने लगा और लोगों का जीवन भी सुधार गया। रामू का सपना सच हो गया और उसने अपने गाँव को सुंदरता से भर दिया। वह खुश था कि उसने अपने सपने को हकीकत में बदल दिया। ©Pooja #Moral story
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