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Devesh Dixit
एक सा कफ़न देखा शमशान घाट पर जाकर मैंने, मुर्दों का ऐसा हाल देखा। अमीर - गरीब दोनों पर मैंने, पड़ा एक सा कफ़न देखा। वही विधि थी वही क्रिया थी, ऐसा मैंने अनुशासन देखा। भेद-भाव की जगह नहीं थी, ईश का ऐसा विधान देखा। पाँच तत्वों में विभक्त हो गये, उस काया को मिटते देखा। जो वे अपने तब कर्म बो गये, उन कर्मों पर भी रोते देखा। इस कलयुगी जीवन में यहाँ, लोगों को है बिखरते देखा। ऐसी नहीं कोई जगह जहाँ, उसको है मुस्कराते देखा। मौत के दर्शन तब पाकर उसका, जीवन से नाता टूटते देखा। क्या मतलब है अमीर गरीब का, अगर एक सा कफ़न देखा। ............................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #एक_सा_कफ़न_देखा #nojotohindi #nojotohindipoetry एक सा कफ़न देखा शमशान घाट पर जाकर मैंने, मुर्दों का ऐसा हाल देखा। अमीर - गरीब दोनों पर मैं
#एक_सा_कफ़न_देखा #nojotohindi #nojotohindipoetry एक सा कफ़न देखा शमशान घाट पर जाकर मैंने, मुर्दों का ऐसा हाल देखा। अमीर - गरीब दोनों पर मैं #Poetry #sandiprohila
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दिल का रिश्ता (दोहे) दिल का रिश्ता प्रेम का, ये सबसे अनमोल। ईश्वर भी इसमें बसें, मन की अपने बोल।। शर्त नहीं हो प्रेम में, इसका रखना ध्यान। रहे समर्पण जान लो, तभी मिले सम्मान।। क्रोध करे जो प्रेम में, समझो उसे लगाव। उसके मन की है व्यथा, मत खाना तुम ताव।। दिल का रिश्ता भाव का, इसको समझें खास। तुमसे ही है जिंदगी, और तुम्हीं से आस।। अनबन से मतभेद हों, दूरी का विस्तार। नादानी से तुम बचो, बदलो तुम व्यवहार।। कीमत इसकी है बड़ी, बात यही तू जान। दिल का रिश्ता ईश का, कहते सभी सुजान।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #दिल_का_रिश्ता #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi दिल का रिश्ता (दोहे) दिल का रिश्ता प्रेम का, ये सबसे अनमोल। ईश्वर भी इसमें बसें, मन
#दिल_का_रिश्ता #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi दिल का रिश्ता (दोहे) दिल का रिश्ता प्रेम का, ये सबसे अनमोल। ईश्वर भी इसमें बसें, मन #Poetry #sandiprohila
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कोमल (दोहे) कोमल हिय को जानिये, ईश्वर का वरदान। कहती है सद्भावना, उस सा नहीं महान।। बालक सम व्यवहार हो, नहीं कपट के पास। कोमल वाणी भी रहे, जगह बनाता खास।। वे ही उसको चाहते, जिनके ह्रदय समान। कोमलता का राज हो, जाने सकल जहान।। कोमल जिसका आचरण, मिले उसे सम्मान। ईश्वर का वह लाड़ला, उसका रखते ध्यान।। जिसने पाया ईश को, उसे मिला वरदान। कोमलता के साथ ही, उसे मिली पहचान।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कोमल #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi कोमल (दोहे) कोमल हिय को जानिये, ईश्वर का वरदान। कहती है सद्भावना, उस सा नहीं महान।। बालक सम
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काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास। सदुपयोग इसका करें, उनको भी है आस।। काल चक्र के देवता, देते हैं परिणाम। जिसका जैसा कर्म है, वैसा उसको दाम।। काल चक्र बलवान है, कहते सभी सुजान। विमुुख न होना तुम कभी, बनकर के अनजान।। काल चक्र से बच सका, जरा बताओ कौन। मूल्य नहीं क्यों जानते, अभी रहो तुम मौन।। .......................................................... देवेश दीक्षित. ©Devesh Dixit #काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा
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सीता छन्द मापनी:- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ वर्ण :- १५ राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते । प्रीति के जो हैं सतायें ईश को ही ढूढ़ते ।। लोग क्यों माने बुरा जो आपसे ही प्रेम है । आपके तो संग मेरी ज़िन्दगी ही क्षेम है ।। १ भूल जाये आपको ऐसा कभी होगा नहीं । दूर हूँगा आपसे ऐसा कभी सोचा नहीं ।। प्रीति तेरी है बसी वो रक्त के प्रावाह में । खोज पाता है नहीं संसार मेरी आह में ।। २ प्रीति का व्यापार तो होता नहीं था देख लो । प्रीति में कैसे हुआ है सोंच के ही देख लो ।। प्रेम में तो हारना है लोग ये हैं भूलते । जीत ले वो प्रेम को ये बाट ऐसी ढूढ़ते ।। ३ प्रेम कोई जीत ले देखो नही है वस्तु ये । प्रेम में तो हार के होता नही है अस्तु ये ।। प्रेम का तो आज भी होता वहीं से मेल है । प्रीत जो पाके कहे लागे नहीं वो जेल है ।। ०१/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सीता छन्द मापनी:- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ वर्ण :- १५ राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते ।
सीता छन्द मापनी:- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ वर्ण :- १५ राधिका को मानते है कृष्ण को ही पूजते । #कविता
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