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Lakhnavi shayar 2.O
Unsplash कुछ ख्वाब चमन में पलकों की हम छोड़ के सोते हैं । एहसासों से मन का रिश्ता अब जोड़ के सोते हैं । पूछो न मेरे हमदम कितनी अब सर्द हिज़्र की राते हैं, इक कम्बल तेरी यादों की हम ओढ़ के सोते हैं । नीरज निश्चल ©Lakhnavi shayar 2.O #Book #शायरी #virel #कविता #रात #इश्क #प्यार #नीरज
Ram Prakash
White शीशे का जिस्म है पत्थरों के शहर में संभल कर चले तो अपनी ही जिंदगी से इश्क हो जाएगा ©Ram Prakash #GoodNight इश्क इश्क
#GoodNight इश्क इश्क
read moreRajesh Arora
........... ©Rajesh Arora आनलाइन इश्क हिंदी कॉमेडी फनी शायरी जोक्स हिंदी कॉमेडी
आनलाइन इश्क हिंदी कॉमेडी फनी शायरी जोक्स हिंदी कॉमेडी
read moreParasram Arora
White एक दम्पति की जिंदगी मे उम्र का एक पढ़ाव ऐसा भी आता है ज़ब इश्क मे रोमांस की जगह एक दूसरे के प्रति तहजीब से पेश आना पड़ता है और तब उस दम्पति को मर्यादाओ. मे रह कर अपनी हसरतो का तहजीब से ही ब्यान करना पड़ता है ©Parasram Arora इश्क और तहजीब
इश्क और तहजीब
read moreusFAUJI
White आज-कल समाज में भाई-भाई आपस में लड़ते रहते हैं जिससे उन्हें सिर्फ समाज शर्मिंदगी मिलती हैं लड़ना ही हैं तों वतन के लिए लड़ो मर भी गये तों तिरंगा 🇮🇳 मिलेगा कफ़न के लिए 🇮🇳 जय हिंद जय भारत 🇮🇳 ©usFAUJI ना लड़ो भाई , लड़ना है लड़ो वतन के लिए #परिवार #वतन #usfauji #Nojoto
Dev choudhary
इश्क और मुश्क शायरी लव रोमांटिक शेरो शायरी दोस्ती शायरी हिंदी शायरी 'दर्द भरी शायरी'
read moreMohan Sardarshahari
White नोकरी, छोकरी और शायरी दो समय तो ये हर बार निखार पाते। इसमें कभी भी पारंगत नहीं हो सकते हमेशा ये सुधार की गुंजाइश ही रखते। लफ्ज़ यहां बहुत महत्व रखते बिगड़े लफ्ज़ तो ये नहीं बख्शते। रात दिन का फेर नहीं समझते जब लगे तलब तभी जगा लेते। व्यक्ति जब तक कुछ सोचता तब तक तो ये मुंह बना लेते। तीनों ही रत्न ये अद्भुत एक दूसरे को पुष्ट करते। ©Mohan Sardarshahari # नोकरी , छोकरी और शायरी
# नोकरी , छोकरी और शायरी
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है ईमानों का पतन अब पूछता कौन है.. दर्द देने की आदत शुमार है जमाना दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई शहीदों को नमन अब कौन पूछता है.. ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है... जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है.. जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है... ©अज्ञात #किसके हिस्से वतन
#किसके हिस्से वतन
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