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Neeraj Kanwar
White अपने ही मन को मानते मानते ........ ना जाने खुद से कब अनबन हो गई। ©Neeraj Kanwar #Night #मन #Ke #विचार #बहुत #गहना #होतें #है
Anjali Singhal
Mukesh kumar dewangan
खो रहे है लफ्ज़ इस कदर कोहरा घना है नेचर से जुड़े रहना जिंदगी का खूबसूरत गहना है..! ©Mukesh kumar dewangan खो रहे है लफ्ज़ इस कदर कोहरा घना है नेचर से जुड़े रहना जिंदगी का खूबसूरत गहना है..!
Deepesh Hindustani
निशब्द
Sethi Ji
काश ! यह ज़िन्दगी की राहें इतनी आसान होती हमारी मोहब्बत हमारे जज़्बातों की मेहमान होती हम भी लिखते एक ग़ज़ल तुम्हारे बेपरवाह हुस्न पर आज कल के शायरों में हमारी भी पहचान होती सोते हर पल तुम्हारी पलकों की छाँव में मंज़िलें खुद हमको पाने के लिए परेशान होती कोई नहीं देखता किसी के इश्क़ को बुरी नज़रों से हर किसी की मोहब्बत घर का सम्मान होती काश ! यह दुनिया इतनी महान होती हर बेटी अपने माँ बाप की शान होती 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Sethi Ji 🩷 🌟 मोहब्बत जुदा हैं 🌟🩷 🩷🌟 मोहब्बत ख़ुदा हैं 🌟🩷 लाल इश्क़ ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत गहना हैं ।। मैंने आज फ़िर तेरे वास्ते सादगी का चोला पहना ह
कृष्णा वाघमारे, जालना , महाराष्ट्र,431211
Nitu Singh जज़्बातदिलके
प्रेम की डोरी... प्रेम की डोरी उसकी ही थाली मेँ रह गयी रखी, जब भईया की वीरगति की खबर ले दौड़ी आई सखी। राह तक रही बडी आस से बहना के हाथोँ से थी थाली छूटी, उस दिन आँच गिरी हृदय पर डोरी थी जीवन से ही थी टूटी, गिर पड़ी यकायक जमीन चाटती भईया की प्यारी बहना, टूट गया था स्वर्णिम रिश्तोँ का सुनहरा तब एक गहना, हृदय तार तार हुआ जाता था मन स्तब्ध बस रोता था, विधना अपनी चाल चल गया शायद केवल वह खुश होता था। जमघट लगा था उस घर पर जिसने बेटा जवान एक खोया था, माता ने छाती कूटी थी और बापू सिसक सिसक कर रोया था। कुछ क्षण बीते महारुदन के बीच उठ खडी हुयी प्यारी बहना, और सिसकियां ले लेकर सबको लगी सुनाने थी कहना माँ भारती का सच्चा सेवक था मेरा भाई प्यारा, माता की रक्षा करते करते जो जीवन से भले गया हारा। स्वर्णिम अक्षर से मेरे भईया की गाथा गाई जाएगी, हर बहना अपने भईया को जब रेशम की डोर पहनाएगा। तब रक्षा का वचन सच्चे अर्थोँ मेँ समझ जग पाएगा, माँ भारती की रक्षा मेँ हर युवक जी जान लाएगा, भईया की कलाई पर अब मैँ ना राखी बांध पाऊँगी, पर उसकी अंतिम विदाई पर भी मैँ आँसू नहीँ बहाऊँगी। गर्व सदा मुझे रहेगा अपनी माता के रक्षक भाई पर, माँ भारती के उस सेवक पर और उसकी सेवकाई पर। तब अश्रु पोँछे थे बहना ने जनता ने जयकार लगाई थी, रक्षाबंधन का तब मतलब जाना ऐँसी राखी हमने मनाई थी। ©Nitu Singh(जज़्बातदिलके) #rakshabandhan प्रेम की डोरी... प्रेम की डोरी उसकी ही थाली मेँ रह गयी रखी, जब भईया की वीरगति की खबर ले दौड़ी आई सखी। राह तक रही बडी