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Knazimh
White मैं खामोश नहीं बस चुप्पी साध रखी है । हैं जमाना साथ फिर, भी बंदूक तन रखी है वो आँसू बहते है, दिखावे के ज़माने को। हमने भी हर अदा को आज़माने के हुनर पला रखे है । नहीं करते गुफ़्तगू वो तो हम भी अपने रवैये पर है खमोश सही पर चुप्पी साध रखी है । ©Knazimh मैं खामोश नहीं।।
मैं खामोश नहीं।।
read moreArun kr.
White मैं जब मैं 'मैं'लिखूं तो समझना बात हम सबकी हैं उस मैं में छिपी हैं अनगिनत किस्से जिसे मैं समझता हूँ अपना उस मैं की वेदना को धारण कर स्वयं मैं अनुभूति पाता हूँ तब जाकर किसी के किस्से-कहानियों को शब्दों में पिरो पाता हूँ हर बार 'मैं' में मैं स्वयं नही प्रीत हो या वेदना मिलन हो बिछड़न मनुष्यता के नाते हम सब मे होती है अनुभूतियां अनुभूतियां जो जोड़ती हैं एक -दूसरे को जो मैं में,हम में, हमसब में हैं कोई एक मैं में अनेको का मैं हैं पर हर मैं स्वयं को शब्दों में नही पिरो पाता है फिर कोई मैं खड़ा हो शोषण ,उत्पीड़न,अत्याचार, नारी उत्पीड़न, बलात्कार, गरीबी-कुपोषण, बेरोजगारी,महंगाई और अन्याय को लिख हम सबकी मैं लिख जाता हैं। ©Arun kr. #मैं
gaTTubaba
White सबसे बड़ा झूठ निकला ये तो की "तुम्हारी नहीं हैं तलाश हमें" ©gaTTubaba #Thinking सबसे बड़ा झूठ निकला ये तो की "तुम्हारी नहीं हैं तलाश हमें"
#Thinking सबसे बड़ा झूठ निकला ये तो की "तुम्हारी नहीं हैं तलाश हमें"
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White मैं अकेला चल पड़ा , तेरे ख़याल मैं, हक़ीक़त नहीं, तो ख़्यालों मैं मिल लेंगे... written by Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar) #Sad_Status खयाल मैं
#Sad_Status खयाल मैं
read moreनवनीत ठाकुर
इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला। अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया, वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला। मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे, जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला। ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने, आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
#नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
read moreSanjana Hada
Autumn इश्क - इश्क सी लड़की Miss Hada..🌺🌺 ************************* इस डिजिटल युग में साहित्य से प्रेम करने वाली मैं, इंस्टाग्राम के जमाने में कविताएं लिखने वालीं मैं, वेस्टर्न के जमाने में बिल्कुल सलवार सूट जैसी मैं, New गानों से कोसों दूर भागने वालीं मैं हमेशा सदाबहार गाने सुनने वाली मैं, न कोई Message न कोई Video call मुझे पसंद है Face to Face बातें करना , मुझे आता नहीं बातें बनाना मुझे तो बस अब स्वयं को है जानना , आता नहीं मुझे कोई षड्यंत्र मैं तो चाहती हूं बस अब स्वयं पर नियंत्रण, मैं हर परिस्थिति में भी पन्नों पर प्रेम बिखेरना चाहती हूं मैं अपने व्यक्तित्व को शब्दों से निखारना चाहती हूं, हां मैं स्वयं से इश्क करना चाहती हूं...🌺 ©Sanjana Hada #autumn मैं
#autumn मैं
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White बातें सब की सुन लेता हूँ मैं ख़ामोशी से करते जाना अपने दिल की मेरी आदत है काँटों से उलझाना दामन है शौक मेरा . दिल मे दर्द पराया बसाना मेरी फ़ितरत है….!!! ©हिमांशु Kulshreshtha मैं...
मैं...
read morekevat pk
White अब ना ही करो इंतजार मेरा क्योंकि था तुम्हारा , पर अब नहीं।। ©kevat pk मैं
मैं
read moreAjay Tanwar Mehrana
ना मेरा कोई मेरा रहबर मेरा रब ना हितैषी मैं ही तो हूं जो मेरा सब मोड़ सब आंधी तूफानों की मरोड़ कोई कह तो दे कि मैं बर्बाद हूं । मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । जी रहे सब दुःख भरी मर्यादाओं में मैं नहीं विक्षत ना ही दिलशाद हूं , कालचक्र कर्मकांडों की ये सीमा तो भी चलती चक्की का उन्माद हूं । मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । ना मैं जकड़ा जातियों, पंथों, धर्म ने ना समाज की रिवाजों के भरम ने , झूठ सब देवों - देवियों की ये लीला 'अजय' खुले द्वंद्वों में बजता नाद हूं ! मैं चला बंदिश जमाने की भी तोड़ असल मायने में तो मैं आजाद हूं । ©Ajay Tanwar Mehrana मैं आजाद हूं
मैं आजाद हूं
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