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Ajay Tanwar Mehrana
शिक्षा वहीं दें जो शिक्षित हों गंवारों की बातें आजकल अमान्य होंगी भिक्षा वहीं लें जो भिक्षुक हों मंगतों की मांग आजकल सामान्य होगी दिक्षा वहीं दें जो दिक्षित हों दुनिया बिना ज्ञान अब धन-धान्य होगी शांति वहीं लें जो अशांत हों मृत्यु के बाद भी अशांति जघन्य होगी । . ©Ajay Tanwar Mehrana # नमो बुद्धाय # # भवतु सब्ब मंगलम
# नमो बुद्धाय # # भवतु सब्ब मंगलम
read moreVarun Savita (वर्ण)
मुहब्बत का अंजाम जानना है, तो उससे पूंछो जो मुहब्बत तो करता है, किन्तु बयाँ करना नहीं जानता। सहना
सहना #Poetry
read moreShahab
जो कभी बदल नहीं सकता उसे सहना सीखें माफ करना और कुछ बातों को भूलना सीखें पहचान पाने की लालसा ना रखें अपना कर्म करते रहें किसी के काम में तब तक दखल ना दें जब तक पूछा ना जाए ऐसा कोई काम ना करें जिसके लिए बाद में पछतावा हो ईर्ष्या की भावना से बचें और दूसरों के अच्छे कामों की प्रशंसा करें... ©Shahab #सहना
Ahamad naved
सूर्य और पिता की गर्मी गर्मी को सहना सीखो क्यों की जब दोनो डूबते हैं,तो चारो तरफ अंधेरा छा जाता है। ©Ahamad naved सहना सीखो
सहना सीखो #विचार
read moreRaone
मीत मेरे कुछ सहना पड़ता है जो ना चाहो पर करना तो पड़ता है हृदय के उन अरमानों को इच्छाओं को दफनाना पड़ता है कुदरत के क्रूर प्रहारों को कष्टों और विकारों को हृदय में उठते असीम पीड़ाओं को उसे भी सहन करना पड़ता है दर्द को ख़ुद का ढाल बना के ख़ुद से ख़ुद को मरहम लेप लगा के चेहरे पर झूठी कुछ मुस्कान दिखा के सन्मुख सबके हँसना पड़ता है हृदय में जलते शोलों और अंगारों को आंखोँ के पीछे आँसू के बहते फव्वारों को हिम सदिस करना पड़ता है जीवन है तो जीना पड़ता है माँ के कंपित होठों पर झरते अश्कों की बूँदें माँ के गोरे गालों पर जहर सा घूँट पी पीकर के माँ की ख़ातिर मर मर कर भी जीना पड़ता है सपनों को उनके ढाल बनाकर अश्कों को तलवार बनाकर कांटों के पथ पर चलकर आगे तो बढ़ना हीं पड़ता है शिप सी कोमल जान मेरी एक तो ज़ुल्मी है संसार तेरी फ़िर भी कलेजे पर पत्थर को रखकर समाज से हमको हीं लड़ना पड़ता है माना अशुभ की हूँ मर्दन करती व्यथित मन को ख़ुद हीं फुसलाकर मुझको आगे तो चलना पड़ता है कुछ न कुछ तो सबको हीं सहना पड़ता है.....2 राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी ©मेरी दुनियाँ मेरी कवितायेँ सहना पड़ता है
सहना पड़ता है
read moreTrilok
समाज में प्रसिद्धि के लिए, कहना सीखना होता है परिवार की समृद्धि के लिए, रहना सीखना होता है खुद की प्रसन्नता के लिए, सहना सीखना होता है। ये कहना रहना सहना, मूल मंत्र है सुखी जीवन के प्रसंग मिलते हैं इनसे, अनेकों अपनेपन के कहने के लिए मधुरता शब्दों में लाना रहने के लिए प्रेम को बढ़ाते जाना सहने के लिए अपने अहं को बिसराना इन गुणों के त्रिपुंज से सुख के विरले पुंज से जिंदगी खुशहाल होती मिलते हैं हर्ष के मोती। इस गुण त्रिवेणी संगम को अपना जाओ सबका साथ, सबका विकास, सबको अपनाओ।। रहना कहना सहना
रहना कहना सहना
read moreविवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )
मोहब्बत सहना मुश्किल हैं, जीवन की यह एक अधूरी मंजिल हैं। क्या जाने क्यों ये दर्द इतना गहरा हैं, कि ज़िन्दगी में कुछ अधूरा सा अहसास रहता हैं। दिल में उमंग भरी होती हैं, फिर भी कुछ न कुछ सताता रहता हैं। चाहत का रंग दिखता हैं सबको, फिर भी कोई ना कोई दर्द छिपता रहता हैं। मोहब्बत का सफर थोड़ा सा अलग होता हैं, ज़रूरतें बदल जाती हैं, दर्द बढ़ता हैं। कुछ लोग मुस्कुराते हुए जीते हैं, फिर भी कुछ अपने दिल में तनहा रहते हैं। इस दर्द को बयां करना मुश्किल हैं, लेकिन इसको ज़िन्दगी से जोड़ना भी ज़रूरी हैं। क्योंकि जब तक मोहब्बत नहीं होगी, तब तक ज़िन्दगी अधूरी ही रहेगी। ©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) #lonely मोहब्बत सहना.....