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Mayaank Modi
धड़कनों को समझाया है मैने, के धड़कना तरतीब से ।। अर्सों बाद देखूंगा उसको, इतने करीब से ।। #yqbaba #yqhindi #yqdidi #धड़कनों #तरतीब #बहना
Aman Mishra
नींद और ख्वाब का एक अजीब रिश्ता है बन्द आंखों से वरना मसले हतन कहा दिखता है । बड़े दर्द होते है एक शायर की डायरी में हर वो जज्बात जो अब कागजात बन के बिकता है ।। - अमन मिश्रा (चीते) "जज्बात और कागजात" #yqbaba #yqdidi #yopowrimo #wordship #yqkavi #yqshayari #banarasi_writes #yqghazal
Itzz Rajatt
मैंने गौर से देखा है, उसे किसी और का होते हुए। बड़ी तरतीब से वो उतरे, पहले दिल में फिर दिल से। #yqbaba #yqdidi
Aliem U. Khan
दिल ने एहसास के बाज़ार में खुशियों की दुकां, कर दी नीलाम किसी दर्द से सौदा करके। हमने तरतीब से रक्खा था ग़मों को दिल में, क़हक़हों ने इन्हें बिखरा दिया बोसा करके। ज़िद है अश्कों को बहना नहीं छोड़ेंगे कभी, हम भी हंस लेते हैं इमरोज़ हौसला करके। #ehsas #khushiyan #dard #bosa #qahqahon #sauda तरतीब - order, arrangement बोसा - kiss इमरोज़ - current day
Mahendrasinh(Mahi)
कोई दिल के भी कागजात बनवाओ, मेरा दिल किसीने चोरी कर लिया है। ©Mahendrasinh(Mahi) दिल के कागजात..✍️✍️ insta - @mahishayar226 Follow for daily new post #माही #शायरी #हिंदी #माहिशायर
Sangeeta Patidar
चेहरे की क्या ज़रूरत, जब दिल हमारा क़रीब है, रोज़-रोज़ मिलने की, जब निकल रही तरकीब है। ख़्वाबी-ख़यालात से आओ एक नया जहां बनाएँ, फ़ुर्सतों की क्या ज़रूरत, जब उम्दा ये तक़रीब है। लोग नहीं समझेंगे हँसते चेहरे में छिपी हक़ीक़त, बे-वजह सबसे कहेंगे, देखो ये कितनी अजीब है। सादगी को समझना भी, रहा है अक्सर मुश्किल, हैसियत के पीछे भाग मानते क्या ख़ूब नसीब है। दोहरी ज़िंदगी जीना आसाँ नहीं रहता होगा 'धुन', माफ़ कर कह शुक्रिया, जीने की यही तरतीब है। तक़रीब- मौका, ज़रिया तरतीब- ढंग Rest Zone 'तस्वीर विश्लेषण' #restzone #rztask284 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #fee
Sharik Zafar Salmani
कुछ अल्फ़ाज़ की तरतीब से बनती है शायरी कुछ चेहरे भी मुकम्मल गजल हुआ करते हैं (शारिक) कुछ अल्फ़ाज़ की तरतीब से बनती है शायरी कुछ चेहरे भी मुकम्मल गजल हुआ करते हैं
Abhishek Singh Rathore
लफ़्ज़ों की तरतीब मुझे बांधनी नहीं आती “ग़ालिब” हम तुम को याद करते हैं सीधी सी बात है। लफ़्ज़ों की तरतीब मुझे बांधनी नहीं आती “ग़ालिब” हम तुम को याद करते हैं सीधी सी बात है
Mohammad Ibraheem Sultan Mirza
माँ_बाप की दवाई की पर्ची अक्सर खो जाती है, . पर लोग वसीयत के कागजात बहुत संभालकर रखते है, . #मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा