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ARUN KUMAR PRAJAPATI
तुम को हँसने की कोई वजह मिल गयी, मुझको रोना पड़ा भी तो क्या हो गया। मेरे अश्क़ों की मुझको कदर मिल गयी, मुझको रोना पड़ा भी तो क्या हो गया। तुम थे मेरे, मेरे पास दुनियाँ थी सब, आँसुओं का ये सौदा ज़रूरी न था, जब खरीदार तुम्ही मेरे बन गये, मुझको रोना पड़ा भी तो क्या हो गया। मेरे अश्क़ों की मुझको कदर मिल गयी, मुझको रोना पड़ा भी तो क्या हो गया। प्यास जब भी लगी मुझको सहराओं में, तेरे होंठों का मीठा समंदर भी था, आज प्यासी थी दरिया और पानी न था, मुझको रोना पड़ा भी तो क्या हो गया। मेरे अश्क़ों की मुझको कदर मिल गयी, मुझको रोना पड़ा भी तो क्या हो गया। तुम ख़ुश हो ना, यही तो मेरी ख़ुशी है। कदर : कीमत To be continue... #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yqhindiurdu #yqghazal #ghazal #aansu #love
Uttam Dixit
हाथ को जबसे छोड़ा ग़ज़ल बन गयी, उसने दिल मेरा तोड़ा ग़ज़ल बन गयी..!! इश्क़ में दर्द मिलना तो आम बात है, ग़म से नाता है जोड़ा ग़ज़ल बन गयी..!! यार मरते हैं उसपे उसे जीने को हम, उसे जिया थोड़ा थोड़ा ग़ज़ल बन गयी..!! उस तरफ जा रहा था ख़ुशी थी जहाँ, मेरे रास्ते को जो मोड़ा ग़ज़ल बन गयी...!! "मतवाले" हैं जो उसपे लिखा करते हैं, मैंने कलम को निचोड़ा ग़ज़ल बन गयी..!! एक नई ताज़ातरीन पेशकश.... #udquotes #udghazals #yqghazal #ग़ज़ल #दिल #रास्ता
Uttam Dixit
कहीं गहरे दफ़न दिल में, ये अफ़सोस रहने दो, मैं खामोश हूँ मुझको, अब खामोश रहने दो..!! खंजर से भी गहरा, ज़ख़म हर्फों का है लगता, ज़ुबानों में यहाँ शामिल, अभी ये जोश रहने दो..!! फ़क़त मतलब की ख़ातिर ही, रिश्ते हैं जमाने में, नशा-ए-खुदगर्ज़ी में सबको, यूँ ही मदहोश रहने दो..!! कभी दिल की ख़लिश मेरी, यहाँ समझा नहीं कोई, मेरी ज़द में यही बाक़ी, ग़म-ए-आग़ोश रहने दो..!! जाम-ए-ज़हर-ए-फ़ितरत अब, पिलाते रोज़ हैं साक़ी, है मयस्सर ये नशा मुझको, इन्हें तो होश रहने दो..!! उजड़ते हैं चमन हर रोज़, चुपचाप ज़माना देखे है, हाँ इनकी रगों में है पानी, इन्हें बे-ज़ोश रहने दो..!! जब भी कलम उठाता हूँ, "मतवाला" कर देती है, मुझे मेरी ही नज़्मों में, तुम ख़ानाबदोश रहने दो..!! *हर्फ़ = शब्द *फ़क़त = सिर्फ़ *नशा-ए-खुदगर्जी = मतलबपरस्ती का नशा *ख़लिश = चिंता *जाम-ए-ज़हर-ए-फ़ितरत = ज़हरीले स्वभाव के ज़हर का प्याला *साक़ी = शराब पिलाने वाला *मयस्सर = प्राप्त,हासिल *रग= नस,धमनी
Uttam Dixit
जिंदगी ये कहाँ हमको लेके आ गयी है, मौत भी मेरी हालत से शरमा गयी है..!! फासले खुद से खुद के यूँ बढ़ने लगे हैं, के चोट भी दूर जाने से घबरा गयी है..!! जो रास्ता था वो मुझसे बिछड़ने लगा है, और मंजिल भी मंजिल से टकरा गयी है..!! साथ जो भी रहा वो समझ ना सका, अब ये तन्हाई भी हमको तड़पा रही है..!! आशियाँ खुद के ख्वाबों से ही जल गया, औ' आग के साथ देखो हवा आ रही है..!! ये रात ऐसी है जिसका सवेरा नहीं, सच को आँखें मेरी क्यूँ ये झुठला रहीं हैं..!! भूलना जिसको चाहे है ये "मतवाला", साँस-दर-साँस वोही तो याद आ रही है..!! बड़े दिनों से लिखते लिखते आज पूरी हुई, बड़े दिनों बाद कोई ग़ज़ल लिखी है, वो भी अपने चिरपरिचित अंदाज़ में.... #udquotes #जिंदगी #मौत #मंजिल #आशियाँ #याद #yqghazal
Uttam Dixit
गुलज़ार करके गुलशन को,यूँ गुल सा खिला दिया, अब ऐ खुदा जो तूने मुझे,है मुझसे मिला दिया..!! कभी हर ख्वाब मेरा टूट कर,था फिर से बिखर गया, इकतरफा प्यार का मुझको था,ये कैसा सिला दिया..!! बस कदम-कदम पर काँटों के,बाजार मिले मुझको, इतना बता क्या मैंने कभी,था तुझसे गिला किया..!! मर ही जाता गम के मारे,हाल-ऐ-दिल ऐसा था कुछ, वो तो मेरे सपनों ने मुझको,था फिर से जिला दिया..!! है उससे अच्छी ग़ज़ल मेरी,मैं साथ इसी के जी लूंगा, इक जाम ज़हर का घोल के,अब खुद को पिला दिया..!! अब भरोसा कलम पे है,अब कागज़ का साथ निभाना है, कुछ और बचा न "मतवाला",सबकुछ तो जला दिया..!! #udquotes #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqghazal #खुदा #मतवाला
Uttam Dixit
हुआ बस यही था कि कुछ हुआ ही नहीं था, मेरी नज़रों ने उसके दिल को कभी छुआ ही नहीं था..!! कि बेगुनाह होकर भी हम गुनेहगार हो गए, और वो गुनाह करके भी कहते हैं,कोई गुनाह ही नहीं था..!! जिसकी बन्दगी में थे रात-दिन एक कर डाले, मेरी तरफदारी को तो यहाँ वो खुदा भी नहीं था..!! बस दर्द की नज्मों से भरी थी डायरी दिल की, मेरी किस्मत में शायद लफ्ज़-ए-वफ़ा ही नहीं था..!! वो कहते हैं,जरा सी चोट से ही मर गया मैं तो, कोई बता दो उन्हें,वो नासूर तो लायक-ए-दवा ही नहीं था..!! उस बेवफा ने हमे भी बेवफा नाम दे डाला, जिसको छोड़ किसी और दर मैं गया ही नहीं था..!! फिर बेकदर हर ख्वाब मिरा टूटा था "मतवाला", जब कह दिया उसने कि मैं उसे कभी मिला ही नहीं था..!! कुछ नहीं मतलब कुछ भी नहीं.... #udquotes #yqbaba #yqdidi #yqghazal #yqhindi #yqbhaijan #yqdada
सानू
कभी तू ना रहे फिर भी तिरी तस्वीर काफ़ी है, यही टूटी हुई कश्ती यही तक़दीर काफ़ी है जुदा हो कर भी यादें ये हवायें ले ही आयेंगी मुझे क्या चाहिए बस अब यही तासीर काफ़ी है, ये क्या कम है मुझे तूने अदीबों में किया शामिल, ख़ुदा के सामने बस एक ये तहरीर काफ़ी है, लुटा सब कुछ मिरा पर अब मगर कैसे तुझे खो दूँ, ज़माने के लिए मेरी यही तक़रीर काफ़ी है, तू मेरे नाम से मशहूर होता जा रहा हर दिन, ऐ सानू ज़ीस्त की तेरी यही तौक़ीर काफ़ी है। तेरी तस्वीर #yqdidi #yqhindi #yqghazal
सानू
कभी दोस्ती प्यार इक़रार तुमको भी क्या क्या लिखा, सितारा कभी जुगनुओं का उजाला या शजरा लिखा। ये ज़ुल्फ़ें तुम्हारी हैं काली घटाएं, हैं साँसों की ख़ुशबू से महकी हवाएं, ये गालों की लाली ये होठों की प्याली, तुम्हारा ही ग़ुस्सा ये नख़रा लिखा। कभी दोस्ती कभी प्यार.... #yqhindi #yqdidi #yqbaba #geet #yqghazal
सानू
क्यों ऐसे देखता है तू ख़ुशी में गा रही हूँ मैं, बरसती जा रही हूँ मैं खुद ही नहा रही हूँ मैं, न तू ही सिर्फ़ है मेरा मुहब्बत मैं सभी की हूँ, मुसाफ़िर तू है कश्ती का कभी दरिया रही हूँ मैं, रकीबों से भरी है ज़िन्दगी आरास्ता हैं ग़म, मुहब्बत में रहा बीमार तू दरमां रही हूँ मैं, युगों से 'मीर' 'ग़ालिब' 'एलिया' लिखते रहे मुझको, पलट कर देख ले 'सानू' नहीं तो जा रही हूँ मैं। पलट कर देख ले #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqghazal #yqhindiurdu
सानू
जल रहा है तू अगर तो काम है जलना तिरा, तू निकल आया कहीं से है कहीं ढलना तिरा, तू अगर मद्धम लगे तो ये समझ शुरुआत है, लय पकड़ जाए अगर तो फिर समझ ले अन्तरा, रौशनी तेरे विखण्डन से यहाँ आती मग़र, थक गया होगा अगर आराम कर लेना ज़रा, एक तेरी आस में दिन रात मैं जलती रहूँ, चाहना तुझको ज़रा ये जुर्म ही है ना मिरा, सूरज #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqshayari #yqghazal