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Sanu Chauhan Spn
गम को Delete करो खुशी को Save करो दोस्ती को Download करो प्यार को Incoming करो नफरत को OutGoing करो हंसी को Hold करो और अपनी मुस्कान को Send करो ❤️❤️ सानू सिंह चौहान❤️❤️ WhatsApp - 9454500732 गम को Delete करो खुशी को save करो दोस्ती को Download करो.......
Akash Chaudhary
प्रेम को परिभाषित नहीं करते पात गन्दी रेत से लथपथ वो पत्ते जो कभी वृक्ष के वक्ष से कलाएं करते थे, कितनी ही चिड़िया तुमको छूकर गुजरी, मैं तुम पर आज ढूंढने बैठ गया उनके पैरों के निशान, क्या मन नहीं है तुम्हारा तुम उनको परिभाषित करो, क्या नहीं बताना चाहते मुझे अपने प्रेम के विषय में, तुम्हारी व्यथा और प्रेम से परिचित हूं मैं समझ रहा हूं पात तुम्हे मैं, तुम्हे पुरानी चिड़िया की याद आयी होगी, चलो मैं अपने दरवाजे से इंतजार में हूं जब चाहना तब दास्तां सुनाना......, तुम्हारा मौन समझता हूं मैं, तुम बता रहे हो शायद मुझे प्रेम कभी शब्दों से नहीं किया जाता वो होता है बस ,बस होता है।। ©Akash Chaudhary प्रेम को परिभाषित नही किया जाता।।❤️
Ajay Daanav
हृदय से उपजे विचार हो तुम शब्दों का मेरे श्रृंगार हो तुम करती हुई झंकृत मन-वीणा सातों सुरों की झनकार हो तुम हूं मैं कविता छंदों में गढ़ी कविता का मेरी सार हो तुम हृदय से उपजे विचार हो तुम प्यार को परिभाषित नहीं किया जा सकता।
Paramjeet Manav NCR
बता देना , अगर कोई हमसे ज्यादा करे तुमसे प्यार पागल अपने वजूद को मिटाने को है हम तैयार 😭😭😭😭😭 वजूद मिटाने को तैयार हूं 🤗
Gurpreet Singh प्रीत कि कलम
तैहरती थी मेरी कश्ती समुद्र के उस मुकाम पर जहा मंजिल मिलने वाली थी मेरी मेहनत के दाम पर दुश्मन ने पलटी है कश्ती समुद्र कि लहरो के मुकाम पर ऐ दुश्मन आने वाला हु मै लहरो के साथ मे तुझे और तेरी बस्ती ले जाऊगा साथ मे,, ©Gurpreet Singh प्रीत कि कलम किसी को नाकाम मत करो खुद को कामयाब करो,,
Shashank मणि Yadava "सनम"
भले बड़े बन जाओ यारों, लेकिन माँ को याद रखो।। मंदिर जाने से बेहतर है, माँ को अपने पास रखो।। माँ के प्यार, दुआ से बढ़कर, न कोई भगवान है।। जिसने माँ को मान दिया, वो सबसे सुखी इंसान है।। प्रभु पूजा की ख्वाहिश यारों, जब भी मन में लाता हूँ।। सच कहता हूँ यारों तब, मंदिर मस्जिद न जाता हूँ।। अपनी माँ की ममता के, आँचल में मैं सो जाता हूँ।। ©Shashank मणि Yadava "सनम" #Mother's love,,,,, माँ को परिभाषित करती हुई पंक्तियाँ
No name
खुलें आसमान में उड़ने वाला मैं कहां पिंजरे में रह पाऊंगा बादल को छुने वाला मै कहां जमीन पर टिक पाऊंगा ©नितिन शर्मा (सुबु) उड़ान देना मेरे हर वजूद को #Bird
Anamika Sharma
#FourLinePoetry पलकों में छुपे अश्क़ बाकी हैं, दिल मे भी दबी हुई कसक बाकी है.. तुम जा चुके हो मेरी ज़िंदगी से , पर मुझमें तुम्हारा वजूद बाकी है..!! ©Anamika Sharma वजूद #वजूद #anamikasak #fourlinepoetry