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Rameshkumar Mehra Mehra
और ना ही हया.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # रोते बही है,जिसकी भाबनाएं सच्ची होती है,बाकी मतलब के रिश्ते रखने बालो की,आंखो में न शर्म होती है,ना आंसू,और ना हया...
# रोते बही है,जिसकी भाबनाएं सच्ची होती है,बाकी मतलब के रिश्ते रखने बालो की,आंखो में न शर्म होती है,ना आंसू,और ना हया... #Quotes
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एक बार मुहब्बत भी जरुरी है......... जिंदगी में.......! जिंदगी को समझना आसान हो जाता है..!! खुशी ,दर्द,तन्हाई,बैचैनी,इन्तज़ार,....!!! जो हर चीज की एहमियत बता दे..!!! बही तो है सच्चा प्यार.....💕 ©Rameshkumar Mehra Mehra # एक बार मुहब्बत भी जरुरी है,जिंदगी में,जिंदगी को समझना आसान हो जाता है,खुशी,दर्द,तन्हाई,बेचैनी,इन्तजार,जो हर चीज की एहमियत बता दे,बही तो है
# एक बार मुहब्बत भी जरुरी है,जिंदगी में,जिंदगी को समझना आसान हो जाता है,खुशी,दर्द,तन्हाई,बेचैनी,इन्तजार,जो हर चीज की एहमियत बता दे,बही तो है #Quotes
read moreMahendra Gupta
Devesh Dixit
कदम (दोहे) कदम - कदम पर ठोकरें, खाता है इंसान। जो संभल उससे गया, हो उसका गुणगान।। कदम - कदम पर टोक हो, जीना लगे मुहाल। कैसे किसको बोध हो, हम क्यों हैं बेहाल।। एक कदम तुम जो बढ़ो, वो बढ़ते हैं चार। प्रेम भाव से तुम रहो, मिल जाते भरतार।। मेरे पापा कह गए, रखो कदम संभाल। एक कदम मजबूत हो, तभी बढ़ाओ चाल।। उचित राह पर हो कदम, मिलता है ठहराव। कहते हैं सज्जन सभी, निर्मल यही स्वभाव।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कदम #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कदम (दोहे) कदम - कदम पर ठोकरें, खाता है इंसान। जो संभल उससे गया, हो उसका गुणगान।। कदम - कदम प
#कदम #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कदम (दोहे) कदम - कदम पर ठोकरें, खाता है इंसान। जो संभल उससे गया, हो उसका गुणगान।। कदम - कदम प #Poetry #sandiprohila
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White संध्या छन्द :- 221 212 22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। पीडा समीप में डोले । तो राम राम वे बोले ।। कान्हा कहें सुनो राधा । वो भक्त ही बना बाधा ।। मीठी लगे हमें बोली । जो प्रेम से भरें झोली ।। जो आप पास में होते तो क्यूँ भला बता रोते ।। मैं तो करूँ सदा सेवा । औ चाहता मिले मेवा ।। जो दान में मिला देखा । ये भाग्य से बनी रेखा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR संध्या छन्द :- 221 212 22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।।
संध्या छन्द :- 221 212 22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। #कविता
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White किसी ने मुझसे कहा था......... Time के साथ सब बदल जाते है...! अरे यार बदलता होगा......!! Time pass करने बाला....!!! हम तो कल भी बही थे... !!!! आज भी बही हूं......!!!!! और कल भी बही रहूंगा...... ©Rameshkumar Mehra Mehra # किसी ने मुझसे कहां था,Time के साथ सब बदल जाते है,अरे यार बदलता होगा,Time pass करने बाला,हम तो कल भी बही थे,आज भी बही हूं,और कल भी बही रहूं
# किसी ने मुझसे कहां था,Time के साथ सब बदल जाते है,अरे यार बदलता होगा,Time pass करने बाला,हम तो कल भी बही थे,आज भी बही हूं,और कल भी बही रहूं #Quotes
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White रास्ते कहां खतम होते है..... जिन्दगी के सफर में....! मंजिल तो बही है...!! जहां ख्वाहिश थम जाए..... ©Rameshkumar Mehra Mehra # रास्ते कहां खत्म होते है,जिन्दगी के सफर में,मंजिल तो बही है,जहाँ ख्वाहिशे थम जाए......
# रास्ते कहां खत्म होते है,जिन्दगी के सफर में,मंजिल तो बही है,जहाँ ख्वाहिशे थम जाए...... #Quotes
read moreAnkit Singh
एक मनुष्य भोजन के लिए जानवरों को मारे बिना जीवित और स्वस्थ रह सकता है, इसलिए, यदि वह मांस खाता है, तो वह केवल अपनी भूख के लिए पशु जीवन लेने में भाग लेता है। ©Ankit Singh एक मनुष्य भोजन के लिए जानवरों को मारे बिना जीवित और स्वस्थ रह सकता है, इसलिए, यदि वह मांस खाता है, तो वह केवल अपनी भूख के लिए पशु जीवन लेने
RAHUL DHANWAL
मुझे हमेशा वही चीज पसंद आती हैं, जो कभी नही मिल सकती !! ©RAHUL DHANWAL #sadak #Mujhe #बही #🥲🥲🥲