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Neeraj Tiwari

# रश्मि रथी #

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Channa

रश्मि रथी #कविता

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ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)

रश्मि रथी---रामधारी सिंह "दिनकर" #inspirational Gordhan मालधारी रबारी Multan Dudi Bhaniyana Prachi Shakya Dinesh choudhary bhaniyana Sujat #कविता #nojotovideo

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ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)

याचना नही अब रण होगी--- रश्मि रथी---रामधारी सिंह दिनकर #SpeakOutLoud Ramesh bhostekar ©Madhubala Maurya manish singh Prshant Kdam ky Yadav #कविता

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Ravi Sharma

हर रथी को अपने रथ पे मान था है समर ही शेष बस ये भान था ।। क्रोध आंखों से टपकता दीखता बस समर में मृत्यु का ही गान था।। पक्ष और प्रतिपक्ष मे #पौराणिककथा

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Muskan Singh

हर मनुष्य भिन्न है,हर इक कुशल नहीं होगा श्राप विराजमान है, जीवन सरल नहीं होगा अंधकार है मेरा रथी, और मैं उसका सारथी प्रिय मेरे साथ भविष्य, #शायरी #shaadi

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हर मनुष्य भिन्न है,हर इक कुशल नहीं होगा
श्राप विराजमान है, जीवन सरल नहीं होगा

अंधकार है मेरा रथी, और मैं उसका सारथी
प्रिय मेरे साथ भविष्य, उज्जवल नहीं होगा

स्त्री हैं कई, मधुर वाणी शीतल जल समान 
परंतु तुम्हारे जितना कोई, चपल नहीं होगा

मूल्य है तुम्हारा, किसी एक की ही दृष्टि में
हर इक की दृष्टि में, तू बहुमूल्य नहीं होगा

पुष्प की सुगंध ही दर्शाती है, प्रेम स्वभाव
परंतु किसने कहा, पुष्प त्रिशूल नहीं होगा
dimpal🥀

©Muskan Singh हर मनुष्य भिन्न है,हर इक कुशल नहीं होगा
श्राप विराजमान है, जीवन सरल नहीं होगा

अंधकार है मेरा रथी, और मैं उसका सारथी
प्रिय मेरे साथ भविष्य,

रजनीश "स्वच्छंद"

संस्कृति।। आदि से अनंत तक, डाकुओं से संत तक। मैं ही तेरा सार हूँ, कृष्ण से कबीर पंथ तक। रौशन हुआ मैं जल रहा, #Poetry #Quotes #kavita

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संस्कृति।।

आदि से अनंत तक,
डाकुओं से संत तक।
मैं ही तेरा सार हूँ,
कृष्ण से कबीर पंथ तक।

रौशन हुआ मैं जल रहा,
कम्पित धरा में चल रहा।
मैं विष्णु और महेश हूँ,
ये जग है मुझमे पल रहा।

विष पीये मैं नीलकंठ,
मथुरा काशी धाम हूँ।
कृष्ण की उदंडता हूँ,
राम का प्रणाम हूँ।

भीष्म का प्रण हूँ मैं,
वृहद समर का रण हूँ मैं।
तूणीर हूँ अर्जुन का मैं,
दाउ भीम का घन हूँ मैं।

मैं प्रलय, मैं शांत धार,
विजेता का मैं कंठ हार।
मैं दवानल मैं प्रबल,
मैं वेदश्लोक मैं हूं सार।

मैं वेद भी पुराण भी,
मैं हूँ रथी सुजान भी।
कृष्ण सा मैं सारथी,
वाणी भी मैं कृपाण भी।

मैं सीख हूँ, मैं ज्ञान हूँ,
आधुनिक भी और पाषाण हूँ।
मैं द्वंद्व द्वेष क्लेश हूँ,
मैं ही विधि और त्राण हूँ।

©रजनीश "स्वछंद" संस्कृति।।

आदि से अनंत तक,
डाकुओं से संत तक।
मैं ही तेरा सार हूँ,
कृष्ण से कबीर पंथ तक।

रौशन हुआ मैं जल रहा,

N S Yadav GoldMine

#Aurora रोते हुए एश्‍वर्यशाली प्रज्ञा चक्षु राजा धृतराष्‍ट्र देखते ही आँसुओं से उनका गला भर आया पढ़िए महाभारत !! 🌅🌅{Bolo Ji Radhey Radhey} #पौराणिककथा

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N S Yadav GoldMine

#delhiearthquake सभी शस्‍त्र के द्वारा मारे गये हैं इस प्रकार युद्ध में जो शस्‍त्रद्वारा मृत्‍यु होती है पढ़िए महाभारत !! 📒📒 {Bolo Ji Radhey #पौराणिककथा

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N S Yadav GoldMine

#boat हाथियों, घोड़ों, मनुष्यों और स्त्रियों के आर्तनाद से वह सारा युद्वस्थल गूंज रहा था पढ़िए महाभारत !! 🌅🌅 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत #पौराणिककथा

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