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Irfan Saeed
कमियां निकालने में माहिर हो हर कहीं हम ढूंढने पर आ गए जाओगे तुम कहां ©Irfan Saeed कमियां निकालने में माहिर हो हर कहीं हम ढूंढने पर आ गए जाओगे तुम कहां #Shayari #gazal #Likho Adhuri Hayat ruh e naaz Dheeraj Bakshi Aj
Diya
White किसी का अक़्स जो पल भर रहा आँखों में। फिर ना जाने कहां गुम हो गया यादों में। मैं ढूंढती फिरती हूं आवारा सी अपनी ही स्मृति पटल में। मुझे याद आ जाए वो अक़्स जो पल भर रहा आँखों में। जिस अक़्स को देखा था मैंने अपने ख्वाबों में। ©Diya #Sad_Status #किसी का अक़्स जो पल भर रहा आँखों में। फिर ना जाने #कहां गुम हो #गया #यादों में। मैं ढूंढती फिरती हूं आवारा सी अपनी ही #स्मृ
#Sad_Status #किसी का अक़्स जो पल भर रहा आँखों में। फिर ना जाने #कहां गुम हो #गया #यादों में। मैं ढूंढती फिरती हूं आवारा सी अपनी ही स्मृ
read moreAbdhesh prajapati
White मुझे फुर्सत कहां की मौसम सुहाना देखू अपने हालात से लड़ूं की जमाना देखूं..? ©Abdhesh prajapati फुर्सत कहां है
फुर्सत कहां है
read moregaTTubaba
White हमको कहां आता हैं तुमसे बिछड़ना दूर भी तुझसे हूं पास भी तेरे हूं ©gaTTubaba #love_shayari हमको कहां आता हैं तुमसे बिछड़ना दूर भी तुझसे हूं पास भी तेरे हूं
#love_shayari हमको कहां आता हैं तुमसे बिछड़ना दूर भी तुझसे हूं पास भी तेरे हूं
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White नींद कहां,खोलो जुबां और हाफी ! हों रतजगे,दिन में जम्हाई, किसी भी पल उंघाई काफी । ©BANDHETIYA OFFICIAL #GoodNight #नींद कहां?
#GoodNight #नींद कहां?
read moreHimanshu Prajapati
अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं, अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं, शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया अब पुराने गीत और पुराने मीत कहां मिलते हैं..! ©Himanshu Prajapati #nightshayari अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं, अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं, शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया अब पुराने गीत
#nightshayari अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं, अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं, शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया अब पुराने गीत
read moreनवनीत ठाकुर
तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा दर्द, तो और किससे वफा करूं। जो अश्क छुपा रखे हैं पलकों में, उन्हें कैसे रिहा करूं। जिन लफ्ज़ों में था तेरा जिक्र, अब उनका क्या सिलसिला करूं। तुम्हारी खामोशी है गवाही मेरी, तो शिकायत किससे भला करूं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
#नवनीतठाकुर तुम्हे ही मुझसे हमदर्दी नहीं, तो किसे इत्येलाह करूं। तुम्हारे सुकून की ख्वाहिश में, खुद से भी गिला करूं। तुम्हीं न समझो मेरा द
read moreनवनीत ठाकुर
लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, मगर खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई। ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर, वो अंदर से खोखले और होते हैं कमजोर। ©नवनीत ठाकुर #लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, लेकिन खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई। ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर, व
#लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, लेकिन खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई। ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर, व
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