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Arpit pradhan Srivastav
कुछ इस कदर मोहब्बत है तुमसे की अगर मेरे दर्द से खुशी मिलती है तुम्हें तो हर दर्द कबूल है मुझे ❣️😊❣️ ©Arpit pradhan Srivastav कबूल है कबूल है कबूल है ❣️
Mohd Hasnain
Hmmmm.. सादगी क्या अपना लिए लोग हमे सादगी समछ बैठे... कबूल है कबूल है
अज़नबी किताब
नाटक.. रंगमंच... कलाकार... कला... दर्शक.. कुछ ऐसा हुआ, में रंगमंच पे खड़ी थी, और मेरी कला मेरा हाथ थामे | दर्शक मेरी कला से मुझे पहचानते थे.. क्या खूब कला थी, खुदा की देख हुआ करती थी | एक बार बोली बात, में जमी को ख़त्म हो ने पर भी निभाती थी, कला थी.. वचन निभाने की, नाटक बन गयी.. रंगमंच पे उस खुदा के, में आज एक कटपुतली बन गयी... वचन निभाती नहीं, ऐसा सुना है मेने, दर्शकों से | क्या कहु, कला खो गयी, पर ये कला उनके लिए कायम है, जो सही में आज भी वचन को समझते है | कला खुदा की देन होती है, खुदा भी ख़ुश होते होंगे मेरे वचन ना निभाने से.. -अज़नबी किताब नाटक..
Arora PR
स्वप्नलोको के प्रलोबन मुझे कभी सममोहित नहीं कर सकते क्योकि मैं हर स्वप्न कोबन्द आँखों का नाटक ही समझता हूँ ©Arora PR नाटक
Vrishali G
जीवनाच्या नाटकात सहभाग सगळ्यांचा असतो पण आपली भुमिका नाही वठली तर सारा तमाशा होऊन जातो नाटक
Babli BhatiBaisla
झूठे और ओछे मक्कार महात्मा को कोई नहीं पूछता काले पड़ गए मैले मनको को कोई नहीं पूजता आर्यो की धरती पर शास्त्रों का ऊंचा स्थान है भारत मां के शास्त्रियों की विश्व में अलग पहचान है लाल बहादुर शास्त्री हो या धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री दोनों ने साबित कर दिखाया गरीबी नहीं पिछाड़ती महानता में पिछड़ जाते हैं धनाढ्य भी नीयत से बहुत मूर्ख लगते हैं भूख हड़ताल का नाटक करते हष्ट-पुष्ट काटा है लम्बा सफ़र आंखें मूंद कर अनपढ बहुत थे पढ़ कर समझ गए सभी जयचंद और शकुनि कौन थे बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla नाटक
ll जीवन प्रभा ll
दिल से हारा हुआ इंसान बिखर कर जब सम्भलने लगता है तो कभी याद,कभी बात तो कभी अनचाही मुलाकात से फिर वही एहसासों का तूफान आता है और पुराने गुलाब की पंखुड़ियों सा दिल टूट कर बिखर जाता है - पूजा लोधी ©पूजा लोधी #कबूल
Babli Gurjar
रंजो रुआब में दबे रहना और मंजूर ना कर चल रही है सांस जब तक जीना है कबूल कर रब देता है तकलीफ़ सहन करने के लिए खुद के लिए खुद ही सोचना है समझ लीजिए जिसकी आ जाए मौत वो रूकता ही नहीं है एक ही सत्यवान हुए एक ही हुई सावित्री हैं बबली गुर्जर ©Babli Gurjar कबूल