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Da "Divya Tyagi"
Irfan Saeed
Divya Joshi
Krishna Shukla
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ©Krishna Shukla गीता का श्लोक
Bharti Vibhuti
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दैवीय पृवति और आसुरी प्रवृत्तियां ********************************* समस्त पृथ्वी पर 14 जुन से , नारी शक्ति और पुरुषार्थ शक्ति के अन्त: करण द्वितीय महाभारत युद्ध जो हो रहा है। अहिंसा पर उसका पृथ्वी पर विराट रूप में, महासंग्राम होता दिखाई देना शुरू हो जाएगा। अपनी आंखों से देखते रहिए समस्त संसार में , समस्त नारी शक्ति और पुरुषार्थ शक्ति में। पृथ्वी पर जो मेरे भक्त है वे मेरे पास ही रहेंगे। उनके अंतःकरण में शीतलता प्रदान कि जाएगी। जो मुढ़ और दुष्ट हैं समस्त धर्मों में सर्वप्रथम उनकी शांति भंग की जाएगी समस्त पृथ्वी के सभी धर्मों में। समस्त पृथ्वी पर सभी धर्मों के परमत्तव अंशों शरीर में उनके हृदय मैं स्थित हूं । किसी को भी भविष्य में हृदय की इस आग पहचान नहीं हैं। भुतो का हृदय पुनः अग्नि तत्व अति तीव्र को नियंत्रित करने असफल होंगे। कौरव पक्ष के समस्त अधर्मी पाखण्डी गुरुऔ को। करुणा और दया का प्रयोग ना करें मेरे भक्तों इन अधर्मियों पर। आप देखते रहिए चुपचाप इस महासंग्राम युद्ध को समस्त धर्मों के तुच्छता पहचान वालों को संसार में। यह श्री गीता जी अठारहवां श्लोक गुप्त रहस्य भाव है ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #New #treanding #viral #Haryanvi #merikHushi दैवीय पृवति और आसुरी प्रवृत्तियां ***************************
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सबसे पवित्र पृथ्वी पर क्या है ? ******************************* सबसे पवित्र रुप अमृत सागर में से कुछ पवित्रता का अंश मात्र ही होता है। (एक -अनुराग ) समस्त पृथ्वी पर लोककल्याण ज्ञान के लिए । सबसे पवित्र अंश अनुराग रुपी अमृत ही होता है। ना की पुर्ण पवित्र और पुर्ण होता है एक अनुराग। फिर भी एक पवित्रता की संगति का फल मिलता है। इसको इस संसार में ? क्योंकि । अर्जन से बड़ा था ? उसका अनुराग उस काल में ? इसलिए आप इस संसार में ? आप केवल सयंम रखना सिखिएं। अपने दिव्य दृष्टि से धृतराष्ट्ररूपी अज्ञान को लोककल्याण के लिए । इसको बोध करना और करवाना नहीं भुले आप। यदि आपका कोई पवित्र सवाल है। अर्जन जैसा कोई जरुर अपना अनुराग रुपी भाव । जरुर निकल कर दिखाएं। आपका अनुराग रुपी भाव भविष्य में सुरक्षित रहे। समस्त पृथ्वी वासियों और समस्त धर्मों के परमत्तव अंशों के लिए । आपका कोई सवाल है तो कमेंट करते रहिए। यह श्री गीता जी के पांचवें श्लोक का गुप्त रहस्य भाव है। ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #adventure सबसे पवित्र पृथ्वी पर क्या है ? ******************************* सबसे पवित्र रुप अमृत