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Ashok Mangal
हमें न बच्चों की परवाह है न देश के भविष्य की ! हमने स्वार्थ में सने होने की शपथ जो ले रक्खी !! स्कूल का दर कारखाना बना हाथो में कलम एक बहाना बना कोरे कागज पर अब हथौड़े चलते है डगमगाते कदम अब खुद सम्भलते है #ygdidi #yqhindi #YourQuoteAn
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मुस्कान ए मुहब्बत से नज़रिया बदल देते है अंदाज़ ए ब्यान से तकदीर बदल देते है किस्मत तो उसकी बुलंद होती है जिसने हाथ नहीं होते हम वो है जो तकदीर की तस्वीर बदल देते है हम वो जो तरसते सपनों को तराश कर हकीक़त कर देते है हम वो है जो हाथ ना भी हो तो क्या लकीरों को बदल देते है उखाड़ फैंकी यूं बासी लकीरों को नई लकीरें की जगह बना लेते है मसल कर फेंक दी वो बदनसीबी हवायो में पतंग की डोर के साथ कांट फैंकी वो डोरी कहीं उड़ती रही रफ़्तार के साथ क़लम से उड़ेल दिए उदय होता वो नए सूरज का फ़साना कागज़ कलम का है हमारा कारखाना बंद करलिया वो कोयले से हाथ जलाना इस कागज़ पर स्याही बिखेर कर पहचान करनाआरम्भ किया,हर बात को मज़ाक में लेकर क़लम को कोयले में मिला कर ब्यान करना शुरू किया कीचड़ उछालने वालों कितना कीचड़ उछालोगें हम वो है जो कीचड़ में कमल उगाने में होनहार है। वहीं काग़ज़ को कश्ती बना कर बच्चों के चहरे पे मुस्कान है हम वो है जो ख़ुद पर ही नहीं हर चहरे की शान है। क़लम उभरते हस्ताक्षर को अभिज्ञान प्रकाश डलवाएंगे ख़ुद की ही नहीं दुनियां की उलझन को भी सुलझाएंगे। कमज़ोर नहीं निर्बल नहीं ख़ुद को यकीं दिलवादेगें। #cinemagraph #respect #lifequotes #yqdidi #yqbaba #yqtales #yqdada Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मुस्कान ए मुहब्बत से नज़रिया बदल देत
Swarima Tewari
सिंहासन पर उल्लू बैठा, राज्य की हालत ख़स्ताहाल मंत्रियों ने मूंँछ को ऐंठा, जनता ने मुंडवाए बाल मुद्दे दर मुद्दे फैसले दबते, करती प्रजा हाहाकार इसको छोड़ो उसको पकड़ो, नई बात पर करो बवाल शाही खज़ाना भरते जाओ, गुहार कर दो दरकिनार किस-किस का हिसाब रखें, इग्नोर करो सारे सवाल किसान कल मरता तो आज मरे, किले में है बेकार ग़रीबी से बदबू आती, काहे उसका डालें अचार आरक्षण हो या बलात्कार, जाओ नहीं करते सुधार इसी आग पे तो रोटी सिकती, चलते महलों के टकसाल टकसाल~सिक्के ढ़ालने कारखाना महत्वपूर्ण सूचना: मैं किसी पार्टी विशेष से नहीं हूंँ, एक मीडिल क्लास, आम आदमी हूंँ सिर्फ़ 🙏 Adarsh याद करने के
Writer_Sonu
गाव छोडब नही, जंगल छोडब नही, माय माटी छोडब नही लडाय छोडब नही। बाँध बनाए, गाँव डुबोए, कारखाना बनाए , जंगल काटे, खदान खोदे , सेंक्चुरी बनाए, जल जंगल जमीन छोडी हमिन कहा कहा जाए, विकास के भगवान बता हम कैसे जान बचाए॥ जमुना सुखी, नर्मदा सुखी, सुखी सुवर्णरेखा, गंगा बनी गन्दी नाली, कृष्णा काली रेखा, तुम पियोगे पेप्सी कोला, बिस्लरी का पानी, हम कैसे अपना प्यास बुझाए, पीकर कचरा पानी? ॥ पुरखे थे क्या मूरख जो वे जंगल को बचाए, धरती रखी हरी भरी नदी मधु बहाए, तेरी हवसमें जल गई धरती, लुट गई हरियाली, मचली मर गई, पंछी उड गई जाने किस दिशाए ॥ मंत्री बने कम्पनी के दलाल हम से जमीन छीनी, उनको बचाने लेकर आए साथ में पल्टनी हो… अफसर बने है राजा ठेकेदार बने धनी, गाँव हमारी बन गई है उनकी कोलोनी ॥ बिरसा पुकारे एकजुट होवो छोडो ये खामोशी, मछवारे आवो, दलित आवो, आवो आदिवासी, हो खेत खालीहान से जागो नगाडा बजाओ, लडाई छोडी चारा नही सुनो देस वासी ॥ हे गाणं ऐकून लगेच उल्का महाजन, मेधा पाटकर, पारोमिता गोस्वामी आठवल्या… Share this: ©Writer_KAVISONU #नोजोटो #नई #Ma गाव छोडब नही, जंगल छोडब नही,#sam # माय माटी छोडब नही लडाय छोडब नही। बाँध बनाए, गाँव डुबोए, कारखाना बनाए , जंगल काटे, खदान
Subhash.C.sharma
गुलाब जल रहा है देखो क्या हो रहा है, गुलाब जल रहा है, देश मै मंहगाई की हाहाकार मची है मै लिख रहा हु,जो क्या घटना यह सच्ची है? मुझे कुछ नजर आ रहा है देखो गुलाब जल रहा है, किसान सड़को में कुचल दिया जा रहा है, मजदूर का शोषण किया जा रहा है, है जिनका हाल अच्छा उनका ही मुनाफा किया जा रहा है देखो इस देश में गरीब छला जा रहा है, तपती धूप मै वो खेतो मै काम कर रहा है, उगाकर अन्न देश का पेट वो पाल रहा है, देखो वेदना से हृदय उसका जला जा रहा है, हाल क्या है मालूम नही, पर गरीब छला जा रहा है, गुलाब का लाल रंग लह रहा है, मजदूर पर पूंजीपति हावी हो रहा है, चूसकर रंग खाद का अशिष्ट ,रंग उसका लाल हो रहा है देखो गुलाब जल रहा है, कारखाना , हो चाहे फाटक मजाक उसका उड़ाया जा रहा है, बड़े बड़े उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया जा रहा है, देखो देश में ये क्या हो रहा है, किसान की ना कर परवाह उसे गुलाम बनाया जा रहा है, देखो किसान रो रहा है, फैलाकर हाथ तेरे समक्ष, कुछ तुझसे मांग रहा है , देखो देखो धीरे धीरे गुलाब जल रहा है, सुभाष सी. शर्मा ©Subhash.C.sharma गुलाब जल रहा है देखो क्या हो रहा है, गुलाब जल रहा है, देश मै मंहगाई की हाहाकार मची है मै लिख रहा हु,जो क्या घटना यह सच्ची है? मुझे कुछ नज
MANJEET SINGH THAKRAL
"एटलस हार गया" कोराना वायरस (COVID-19) के कारण देश में लॉकडाउन (Lockdown) का असर अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है । सरकार ने अनलॉक-1 (Unlock 1
sandy
❤️💛❤️💛❤️ प्रेमातला घटस्फोट 💛❤️💛❤️💛 'आज काल तुझं वागणं बदललं आहे' त्या घरातून एका स्त्रीचा आवाज येत होता 'म्हणजे तुला नेमकं काय म्हणायचं' त