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Stories related to पड़ी लकड़ी

Diya

#Thinking #ए जिंदगी #निकल पड़ी हूं मैं तूने मुझे जिस #पथ पर चलाया है, कांटे तो बहुत है वहां ,#पत्थरों की चुभन भी है , फिर भी चल पड़ी हूं

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White  ए जिंदगी निकल पड़ी हूं मैं
तूने मुझे जिस पथ पर चलाया है,
कांटे तो बहुत है वहां ,पत्थरों 
की चुभन भी है ,
फिर भी चल पड़ी हूं मैं,
ए जिंदगी तेरी फरमाइश जो है,
कहीं फूलों की खुशबू ,कहीं पैरों में
थोड़ी शरारत भी है,
अगर तू ना संभाले तो थोड़ी घबराहट 
भी है,
तेरे सहारे ही निकल पड़ी हूँ मैं ,जो
रास्ता तूने दिखाया है,
थोड़ा पतझड़ भी है शबनम भी है,
हकीकत भी है,
पग डंडियों पर चलते हुए पीले सरसों 
की खुशबू भी है,
गिरने का डर है तो संभलने का मौका 
भी है,
ए जिंदगी निकल पड़ी हूँ मैं, जो रास्ता 
तूने दिखाया है, 
कहीं सुख है तो कहीं दुख भी है.......
कहीं आसमान छूने की ख्वाहिश तो कहीं 
चांद को पाने की फरमाइश भी है।
✍🏼deeptigarg ❤

©Diya #Thinking 
 #ए जिंदगी #निकल पड़ी हूं मैं
तूने मुझे जिस #पथ पर चलाया है,
कांटे तो बहुत है वहां ,#पत्थरों 
की चुभन भी है ,
फिर भी चल पड़ी हूं

Anjali Singhal

#love_shayari "दिल की जमीं पर रखा था, उन्होंने चुपचाप से कदम। छाप ऐसी पड़ी कि, उन्हें ही सौंप बैठे इस दिल की जमीं को हम।।"

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White "दिल की जमीं पर रखा था,
उन्होंने चुपचाप से कदम।

छाप ऐसी पड़ी कि,
उन्हें ही सौंप बैठे इस दिल की जमीं को हम।।"

©Anjali Singhal #love_shayari 

"दिल की जमीं पर रखा था,
उन्होंने चुपचाप से कदम।

छाप ऐसी पड़ी कि,
उन्हें ही सौंप बैठे इस दिल की जमीं को हम।।"

usFAUJI

समझ से परे हैं जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔 अमानवीय कृत्य

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समझ से परे हैं 
जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔

©usFAUJI समझ से परे हैं 
जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔 अमानवीय कृत्य

Prashant Shakun "कातिब"

हज़ारों लाखों शब्दों से भरी किताब... कितनी ख़ामोशी से, उस बुकशेल्फ में चुप-चाप 24 घंटे पड़ी रहती है। ...

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हज़ारों लाखों शब्दों से 
भरी किताब...
कितनी ख़ामोशी से,
उस बुकशेल्फ में
चुप-चाप 
24 घंटे पड़ी रहती है।

...

कुछ ऐसे ही 
पड़ा हुआ हूं मैं भी...
अपने अंदर 
असंख्य शब्दों के साथ
एक इंतज़ार लिए,
अपनी ज़िंदगी के 
बुकशेल्फ पर

अनपढ़ा सा...!


....

©Prashant Shakun "कातिब" हज़ारों लाखों शब्दों से 
भरी किताब...
कितनी ख़ामोशी से,
उस बुकशेल्फ में
चुप-चाप 
24 घंटे पड़ी रहती है।

...

theABHAYSINGH_BIPIN

दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे, जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे। खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा, पड़ी ज़ंजीरों से ख़

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दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे,
जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे।
खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा,
पड़ी ज़ंजीरों से ख़ुद को कब तक बाँधोगे।

वक़्त के साथ बेहिसाब ग़लतियाँ की हैं तुमने,
सलाखों के पीछे ख़ुद को कब तक छुपाओगे?
जो कभी साथ छांव सा था, वह अब छूट गया,
आख़िर खुद से ये जंग कब तक लड़ोगे।

लोग माफ़ी देते हैं एक-दूसरे को अक्सर,
आख़िर तुम खुद को कब तक सताओगे।
रिहाई जुर्म से नहीं मिलती, यह तो मालूम है,
आख़िर ग़लतियों पर कब तक पछताओगे।

प्रकृति में सूखी डालें भी बहार में पनपती हैं,
खुद को सहलाने का वक़्त कब तक टालोगे।
वक्त हर नासूर बने ज़ख्मों को भी भरता है,
आख़िर ज़ख्मों को भरने से कब तक डरोगे।

©theABHAYSINGH_BIPIN दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे,
जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे।
खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा,
पड़ी ज़ंजीरों से ख़

Himanshu Prajapati

#love_shayari साल का‌ साल‌ बदल गया मै खुद इतने साल का‌ हो गया, तुम्हें पड़ी है अभी भी इस नये साल की, साला ये साल ने कितनों को हर‌ साल‌ बदल

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White साल का‌ साल‌ बदल गया 
मै खुद इतने साल का‌ हो गया,
तुम्हें पड़ी है अभी भी इस नये साल की,
साला ये साल ने कितनों को 
हर‌ साल‌ बदल दिया..!

©Himanshu Prajapati #love_shayari साल का‌ साल‌ बदल गया 
मै खुद इतने साल का‌ हो गया,
तुम्हें पड़ी है अभी भी इस नये साल की,
साला ये साल ने कितनों को 
हर‌ साल‌ बदल

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं, पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं। जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है, वहां दीवारें बस खामोश खड़ी

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हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं,
पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं।

जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है,
वहां दीवारें बस खामोश खड़ी हैं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
हर घर की चौखट पे अरमान खड़े हैं,
पर अंदर बस कुछ वीरान पड़े हैं।
जहां रिश्तों की मिट्टी सूखी पड़ी है,
वहां दीवारें बस खामोश खड़ी

PURAN SING‌H

#14feb आज मैंने अच्छी और गहराई वाली लाइन पड़ी ना मंदिर गया ना मस्जिद गया मैं भी भीतर गया मैं भी तर गया सुंदरता ध्यान खींच लेती हैं पर अच्

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Parul Sharma

White फूल में गुलाब, धातु में सोना, पशु में गाय
पक्षी में मुर्गी वृक्ष में खाद्य पदार्थ और लकड़ी 
और तुम सोचते हो लोग मोहब्बत यूं ही चुन लेंगे

©Parul Sharma #love_shayari  #गुलाब #सोना #गाय  #मुर्गी #वृक्ष #खाद्यपदार्थ #लकड़ी #मोहब्बत

IG @kavi_neetesh

#camping Extraterrestrial life Entrance examination Hinduism Aaj Ka Panchang Kalki हमने जब अपना हक मांगा हमने जब भी अपना हक मांगा तो हैरान

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