Find the Best पड़ी Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutउलझी पड़ी है जिंदगी, पड़ी पड़ी है, पड़ी है, दामण की झोल पड़ी, कांग्रेस में फूट कब पड़ी,
s....ishu
जो कल तक थी अठखेलियों से भरी पड़ी आज क्यों है निशब्द मौन सी खड़ी जिसकी खिलखिलाती हसी से खुशनुमा माहौल बन जाता था आज खुद क्यों वो मायूस उदास है खड़ी ना समझे कोई उसके अंदर की पीड़ा बस बातें करे है बड़ी बड़ी उसकी कोमल सी काया क्यों अब है मुरझाई पड़ी जब पूछा मैंने गले से मुझे लगा के फफक कर वो रो पड़ी कहने लगी जिसे कहती है दुनिया महान वो शिक्षक लूटे है उसकी अस्मत घड़ी घड़ी सुनकर उसके अंदर की पीड़ा मानो मै भी बस मौन खड़ी चाहे हो वो मामा फूफा या हो शिक्षक कोई जो करे ऐसी घिनौनी हरकत उसे मिले सजा कड़ी से कड़ी।🙏🙏🙏 #nojoto hindi#sad#reality of today#plz respect girls
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read moreSahil Bhardwaj
संस्कार और संस्कृति की जो धरती है ऐसे भारत को मैंने जाना है, विविधता में एकता है भाई भाई हर हिंदू हर मुसलमान है ऐसे भारत को ही आज़ाद मैंने माना है... Happy Independence Day Guys 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 A different meaning of aazadi in Caption...... 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
Happy Independence Day Guys 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 A different meaning of aazadi in Caption...... 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
read moreShivank Shyamal
अंधेरी रात ‘बलात्कार: समाज का कड़वा सत्य’ अंधेरी रात चल पड़ी थी वो अंधेरे से रास्ते पर , मन में डर का एक वीराना सा डर भर, सिसकियों से भर चुका था, सहमा हुआ ये दिल उसका, पलट उसने देख लिया था, हब्शियों का एक झुंड ।।
अंधेरी रात चल पड़ी थी वो अंधेरे से रास्ते पर , मन में डर का एक वीराना सा डर भर, सिसकियों से भर चुका था, सहमा हुआ ये दिल उसका, पलट उसने देख लिया था, हब्शियों का एक झुंड ।।
read moreAdv Di Pi Ka
ये नहीं कहेंगे मोहब्बत ज्यादा थी, हां जब थी तब थी, तुमसे थी तो सिर्फ तुमसे ही थी, जज्बात से भरी थी, रुंधे गले पड़ी थी, तुमसे थी, तो थी, हाँ मुह फेर खड़ी थी, पर तुम्हारे लिए ही अड़ी थी, सबसे लड़ पड़ी थी, तुम्हें रोकने की मिन्नतें ना की, क्योंकि तुमने रूकने की सोच भी नहीं रखी थी, चली आई बिन लडे़ तकदीर से मैं, तेरे तकदीर में तस्वीर जो किसी और की देखी थी.....
Harish Pandey
दौलत की उम्र छोटी है यारों, अक्सर अंधेरों में क़ैद होती है यारों मैंने देखा है उन अमीरों को इतराते हुए, जिनकी रोटियां हफ्तों दफ्तर में पड़ी होती है यारों, दौलत की उम्र छोटी है यारों, अक्सर अंधेरों में क़ैद होती है यारों मक्कारिया भरी है दिल के दुकानों में इनकी, इसलिए चोरियां इनके घर में होती है यारों, दौलत की उम्र छोटी है यारों, अक्सर अंधेरों में क़ैद होती है यारों, ख़ाक हो जाएगा साथ कोई ना देगा, ये दौलते यूहीं पड़ी रह जाएंगी यारों. दौलत की उम्र छोटी है यारों, अक्सर अंधेरों में क़ैद होती है यारों दौलत
दौलत
read moreRanjit Singh Mashiana
चलते चलते नज़र पड़ी, पड़ी एक इमारत पे जिसकी पेशानी पे आशियाना, लिखा था इबारत में दिल में ख़याल आया, क्यों ना आशियाना देखा जाए आशियाने की तारीफ में, कुछ तो लिखा जाए जैसे ही कदम रखे, आशियाने की दहलीज पे दिल हाथों में आ गया, मानो पासीज के आशियाने में सभी ही, उम्रदराज़ थे कुछ बेबस कुछ लाचार, तो कुछ बेआवाज़ थे हाल पूछने पर, सबका एक ही फसाना था हर उम्रदराज का अपना, हो चुका बेगाना था फज़ूल समान जैसे यहाँ, सबको सबके छोड़ गये थे जिन्हे बनाने के लिए, की इन्हों ने मेहनत वो ही इन्हे तोड़ गये थे बुझते चिरगों से, सभी जल बुझ रहे थे साँसें रुकने पे थी आमादा, पर अश्क ना रुक रहे थे कुछ होके गमज़दा, कुछ खुदा से खफा तो कुछ इंसानियत से शरामशार, मैं निकला उस इमारत से चलते चलते नज़र पड़ी थी, जिस इमारत पे जिसकी पेशानी पे आशियाना, लिखा था इबारत में old age home
old age home
read moreprathna behra
मंजिल की ओर निकल पड़ी..... ना रास्ता का पता ना अपनो का साथ ना अपनो की खुशी फिर भी थोड़ा हौसला, मन में विश्वास, एक अनोखी मुस्कान लेकर चल पड़ी.....😌 😊😊😊
😊😊😊
read moreMithlesh sharmma
#हिंदी#कबिता#ज़िन्दगी #hindipoetry #hindipoem #hindi #zindagi #कविता #जिन्दगी जीना सीख ले मुस्कुरा कर जीना सीख ले वक्त के साथ चलना सीख ले ज़िन्दगी खुद मुस्कुरा कर तेरे हर गम का दामन थाम लेगी
#हिंदी#कबिता#ज़िन्दगी #hindipoetry #HindiPoem #Hindi #Zindagi #कविता #जिन्दगी जीना सीख ले मुस्कुरा कर जीना सीख ले वक्त के साथ चलना सीख ले ज़िन्दगी खुद मुस्कुरा कर तेरे हर गम का दामन थाम लेगी
read moreParul Sharma
december ka mahina बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ बिसरी यादों का एक फ्रेम दूँ कुछ भूली-भटकी कुछ बिसरी, कुछ हठ सी कुछ खट्टी कुछ मीठी कुछ कड़वी कुछ तीखी कुछ खुशमयी कुछ दुखमयी अपने दिल की विरासत में हर याद को एक जमीन दूँ दिसम्बर की सर्द धूप मेें जरा सेक लूँ बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ कुछ अपनों की कुछ गैरों की कुछ सपनों की कुछ हकीकत भरी सभी तो है अपनी अपनों की ठंड़ी कपकपी अगुलियों के बीच जकड़े चाय के कप के साथ जरा देख लू दिसम्बर की सर्द धूप मेें जरा सेक लूँ बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ सावन,पतझड़,बसंत, बार सी साल भर की जीवन के उतराव चढ़ाव पर साथ चली साल की अंतिम सीमा पर आस लगाये खड़ी जरा इन्हें अपनी हथेलियों में भर कर नये साल में प्रवेश दूँ सुनहरे अक्षरों में लिखकर अपने दिल का एक देश दूँ बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ दिसम्बर की सर्द धूप मेें जरा सेक लूँ पारुल शर्मा #NojotoQuote बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ बिसरी यादों का एक फ्रेम दूँ कुछ भूली-भटकी कुछ बिसरी, कुछ हठ सी कुछ खट्टी कुछ मीठी कुछ कड़वी कुछ तीखी कुछ खुशमयी कुछ दुखमयी अपने दिल की विरासत में हर याद को एक जमीन दूँ दिसम्बर की सर्द धूप मेें जरा सेक लूँ
बिखरी पड़ी हैं यादें जरा समेट लूँ बिसरी यादों का एक फ्रेम दूँ कुछ भूली-भटकी कुछ बिसरी, कुछ हठ सी कुछ खट्टी कुछ मीठी कुछ कड़वी कुछ तीखी कुछ खुशमयी कुछ दुखमयी अपने दिल की विरासत में हर याद को एक जमीन दूँ दिसम्बर की सर्द धूप मेें जरा सेक लूँ
read moreprathna behra
इस उलझे बालो की तरह मै भी तेरे यादो मे उलझी पड़ी हुं.... तेरे इंतजार में कही बिखरी पड़ी हुं.... तेरे ख्वाबो को मेरे ख्वाब बना कर जिने लगी हुं.... उस रब से ज्यदा तुझ पर भरोसा करने लगी हुं... तेरे इंतजार में तड़पने लगी हुं, खुद से ज्यदा तुमको समझने लगी हुं....... 😊😊
😊😊
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