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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी वोटो तक सीमित,अधिकार हमारे उसमे भी छल बल हजारो है जाति धर्म भाषा हावी ,नेताओ को खूब सुहाते है संसद तो रखेल है उद्योगपतियों के लिये जनता को सकून नही दिया जाता है चन्दा पार्टियो का इतना बढ़ गया मगर जनता को हाशिये पर रखा जाता है चोरी और हेकड़ी इतनी बढ़ गयी वोटो की दलों की घोषणाओं में दमन दिखता है लोकतंत्र की खूबसूरती बदरंग लगती आम आदमी घुट घुट कर मरता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #VoteForIndia वोटो तक सीमित अधिकार हमारे,उसमे भी छल बल हजारो #nojotohindi
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी गमो को लेकर तन्हा हम सब हो रहे है कहाँ खो गयी जिंदादिली घुटे हुये जज्बात से रोगी हम सब हो रहे है टूट रहे है कौमो और सामाजो के स्तर सब बचाओ और अस्तिव के लिये लड़ रहे है दमन के इस माहौल ने डराया इतना सरकारों की तानाशाही से सब्र टूट रहे है कैद सारी दुनिया है उनके कारनामो से जिसे चाहे अपने तरीके से छ्ल बल कर लूट रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #SAD जिसे चाहे अपने तरीके से छ्ल बल कर लूट रहे है #nojotohindi
Ajay Tanwar Mehrana
✫꧁༒ सब कुछ है भीम ༒꧂✫ वैचारिक आवाज है भीम संस्कारों की लाज है भीम भीम ही भक्ति , भीम ही मुक्ति हम सबका सरताज है भीम महापुरुषों पर नाज है भीम हर संभव प्रयास है भीम भीम अनुरक्ति भीम ही शक्ति बल बुद्धि बलराज है भीम . ©Ajay Tanwar Mehrana ✫꧁༒ सब कुछ है भीम ༒꧂✫ भीम अनुरक्ति भीम ही शक्ति बल बुद्धि बलराज है भीम
Harishchandra King
hanuman jayanti 2024 श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं ©Harishchandra King #hanumanjayanti24 श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन
AJAY NAYAK
आओ हम उड़ना सीखें मंजिल को जीतना सीखें दूर गगन तक उड़कर जाएं अपने बल पर, अपनी खुद की एक अलग शख्शियत बनाए –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #retro आओ हम उड़ना सीखें मंजिल को जीतना सीखें दूर गगन तक उड़कर जाएं अपने बल पर, अपनी खुद की एक अलग शख्शियत बनाए –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ Shilp
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। 📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्
Shaarang Deepak
Ravendra
Sangeeta Kalbhor
Red sands and spectacular sandstone rock formations एकाग्र होकर प्रयास करो.. एकाग्र होकर प्रयास करो सफलता कदम चुमेगी कबतक रहेगी मंजिल दूर खुद होकर मिलने आयेगी रहना ना मगर गाफिल तुम पल पल की खबर लेते रहना स्वयं का साथी स्वयं बनकर हौसला ,बल खुद ही देते रहना नजर होगी लक्ष्य पर तो परिश्रम से हिम्मत ना थक पायेगी कबतक रहेगी मंजिल दूर खुद होकर मिलने आयेगी सुबह शाम ना देखा करो ना देखो तिज त्यौहार को अनुभूति ही समझ लेना सफलता से पहले वार को फूंकफूंकर रखना पग बहारे भी मंगल गीत गायेंगी कबतक रहेगी मंजिल दूर खुद होकर मिलने आयेगी खुद होकर मिलने आयेगी..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Sands एकाग्र होकर प्रयास करो सफलता कदम चुमेगी कबतक रहेगी मंजिल दूर खुद होकर मिलने आयेगी रहना ना मगर गाफिल तुम पल पल की खबर लेते रहना स्वयं
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
*ग़ज़ल :- कलयुग में मोदी युग* सो रहा था जो सनातन वो जगाये मोदी जी । एकता में बल प्रबल है वो दिखाये मोदी जी ।। बैर मत करना कभी भी आप इनसे अब यहाँ । देख सबके भाग्य का सूरज उगाये मोदी जी ।। खौफ खाते आज दुश्मन हैं यहां जिस नाम से । एक ही वो नाम है तुमको बताये मोदी जी ।। जो न कोई कर सका वो कर दिखाया है यहां । इसलिए तो विश्व सारा गुनगुनाये मोदी जी ।। उनकी जय जयकार करता आज यह संसार है कि इस तरह दिल को सभी के आज भाये मोदी जी ।। एक संयासी के जैसी ज़िन्दगी जीते हैं वो राम को तब ही सुनो तो धाम लाये मोदी जी ।। कुछ नहीं ज्यादा प्रखर अब कह रहा है बात को । जो किया है काम को वो अब जताये मोदी जी ।। - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *ग़ज़ल :- कलयुग में मोदी युग* सो रहा था जो सनातन वो जगाये मोदी जी । एकता में बल प्रबल है वो दिखाये मोदी जी ।।