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N S Yadav GoldMine

#fathers_day {Bolo Ji Radhey Radhey} जो सत्य व विवेक में सदा दरड़ रहता है, उसे ही भगवान श्री कृष्ण की, भगवतभक्ति, व भगवान की प्राप्ति दोन #मोटिवेशनल

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ओम नमः शिवाय

काळे डाग वांग वांगाचे डाग चेहऱ्यावरील कोणतीही डाग हा एकच उपाय करा ! Vang Kale Dag gharguti upay #वीडियो

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PФФJД ЦDΞSHI

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Sita Prasad

Rohit Tiwari Raja baba

आ अब लौट चले अपनी पुरानी संस्कृति सभ्यता व संस्कार की तरफ..... #विचार

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ओम नमः शिवाय

कमी वयात केस सफेद होणार नाहीत , पांढरे केस काळे होतील, केस झुपकेदार होतील ! Kes Kale karne gharguti upay #शिक्षण

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चारण गोविन्द

White 🙏नवरात्र व नववर्ष की सभी को बधाइयाँ👏

आदम मन हूँ आळसी, चमकावों नित चोंच।
रसना इक इज जप रटे, सगती म्हारो सोच।।
सगती म्हारो सोच, समाचार सब शुभ सुणा।
करणी तू इज कोच, बिखरती बात  तू बणा।।
रोभो  री  रमकाळ,  काया  है  ए  काँच  री।
पाळण आळी पाळ, आदम मन हूँ आळसी।।

❤️चारण गोविन्द😍 #नवरात्र व #नववर्ष पर #चारण_गोविन्द केई ओर से सभी #साथियों को #बधाइयाँ व #शुभकामनाएँ 
#govindkesher #CharanGovindG 

#nightthoughts

चारण गोविन्द

White 🙏नवरात्र व नववर्ष की सभी को बधाइयाँ👏

आदम मन हूँ आळसी, चमकावों नित चोंच।
रसना इक इज जप रटे, सगती म्हारो सोच।।
सगती म्हारो सोच, समाचार सब शुभ सुणा।
करणी तू इज कोच, बिखरती बात  तू बणा।।
रोभो  री  रमकाळ,  काया  है  ए  काँच  री।
पाळण आळी पाळ, आदम मन हूँ आळसी।।

❤️चारण गोविन्द😍 #नवरात्र व #नववर्ष पर #चारण_गोविन्द केई ओर से सभी #साथियों को #बधाइयाँ व #शुभकामनाएँ 
#govindkesher #CharanGovindG 

#nightthoughts

Gurudeen Verma

शीर्षक- और तो क्या ?
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खास तुम भी होते साथ में,
या फिर मैं होता तुम्हारे साथ में,
और तो क्या ?
 यह खुशी दुगनी नहीं होती।

ये दिन सुकून से गुजर जाते,
मगर इस शक की दीवार को तो, 
तोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी,
और अपने अहम को भी,
छोड़ना ही नहीं चाहता कोई भी।
और तो क्या ?

लोगों नहीं मिल जाता अवसर,
कहानियां नई गढ़ने का,
वहम को और बढ़ाने को,
लेकिन इसमें हार तो,
हम दोनों की ही होती,
लेकिन मुझको बिल्कुल भी नहीं है,
मेरे हारने का कोई गम।

मुझको रहती है हमेशा यही चिन्ता,
मैं तुमको खोना नहीं चाहता हूँ ,
भगवान को तो मैं मानता नहीं हूँ ,
फिर भी मिल जाये कुछ खुशी,
आत्मा को निश्चिंत रखने के लिए,
जला रहा हूँ मैं अकेले ही दीपक,
और मना रहा हूँ मैं अकेले ही दीपावली,
और तो क्या ?
हंस लेता मैं भी--------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #लेखक
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