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Krish Vj
कुछ दिनों से आप मुझसे दूर हो गए हों सम्भालने भी नही आते... बिना आपके मैं कुछ नही बिना आपके यह ज़िंदगी मुझसे रूठ गई है क्या मेंने खो दिया आपको, या रूठ गए हों मुझसे आप बोलो ना बाबा, अपराध तो हुए है मुझसे अपने हर गुनाह की क्षमा मांगता हूँ आप से भोले बाबा वापस अपनी शरण मेें ले लो मुझे बाबा 🙏🙏🙏 #shiva #शिव #prabhu #mahadev #mahakaal #क्षमा शिव चरणामृत का पात्र बना दो भोले मुझ दास को कृपा का पात्र बना दो भोले दीन हूँ, अधम, मति मलिन
ÅJÎT KÙMÅR
आज तुलसी पूजन दिवस के शुभ अवसर पर कुछ बात तुलसी की करते हैं! हमारी संस्कृति और सभ्यता में तुलसी का बहुत ही अहम योगदान है, हम अपने शास्त्रों में लिखित एक मंत्र का वर्णन करते हैं! ''अकाल-मृत्यु-हरणं सर्व-व्याधि-विनाशनम।'' ''तुलसी चरणोंदकम पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते।।'' इस मंत्र के अनुसार अगर आप तुलसी के चरणामृत का उपयोग हर रोज करते हैं तो आपके साथ अकाल मृत्यु की घटना कभी नहीं होगी.. आज के तकनीकी भरी ज्ञान और कुछ बुद्धिजीवी लोग इन बातों को बस बकवास समझते हैं परंतु आज की विज्ञान इस बात को मान चुकी है कि तुलसी में पाई जाने वाली जाने वाली antibiotics हमारे शरीर में उपस्थित सिर्फ defective bacteria और virus (COVID-19) को बड़े ही आसान तरीके से मर सकती है अर्थात हमारे बॉडी के एक भी सेल को कोई नुकसान नहीं होगा.और यही बात ऊपर लिखे मंत्र भी बताती है कि अगर आप तुलसी चरणामृत का इस्तेमाल करते हैं तो आपके शरीर में कभी भी diffective viruses और bacteria नहीं रह सकता अर्थात आप अकाल मृत्यु से हमेशा बचे रहेंगे,आप ऊपर लिखे वाक्यों से तुलसी के महत्व को बहुत अच्छे से समझ गए होंगे और आज तुलसी पूजन दिवस के शुभ अवसर पर तुलसी के पौधेरोपण और जल अर्पण करें और हमारी संस्कृति सभ्यता के प्रति सम्मान व्यक्त करें! आपको एवं आपके परिवार को तुलसी पूजन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.. आज तुलसी पूजन दिवस के शुभ अवसर पर कुछ बात तुलसी की करते हैं! हमारी संस्कृति और सभ्यता में तुलसी का बहुत ही अहम योगदान है, हम अपने शास्त्रों
AK__Alfaaz..
कल प्रातः, भोर भये, दिल के अहाते मे, पुरवईया की इक शीतल बयार, घुस आयी धीरे-धीरे, मन के दरीचे से, मेरे माथे को, हौले से छूकर, सहलाया उसने, अपनी ममतामयी हथेलियों से, और.. थपकी देने लगी वो, ममत्व की मीठी सी लोरी गाकर, कल प्रातः, भोर भये, दिल के अहाते मे, पुरवईया की इक शीतल बयार, घुस आयी धीरे-धीरे, मन के दरीचे से, मेरे माथे को,
AK__Alfaaz..
💠जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं प्यारी जीजी💠 कल मंदिर में, जलते दीपक की, रौशनी के तले, धूप, कर्पूर, चंदन की, अलौकिक सुंगध लिए, एक दैवीय आभा मद्धम-मद्धम, मुस्कान लिए मुस्कुरा रही थी, ऊँ कार के उद्घोष, व,,, शंखनाद् एवं मंत्रोच्चार की, निर्मल ध्वनि के मध्य, जैसे चंद्र निकल आया हो, मंदिर के आँगन में, कल मंदिर में, जलते दीपक की, रौशनी के तले, धूप, कर्पूर, चंदन की, अलौकिक सुंगध लिए, एक दैवीय आभा मद्धम-मद्धम, मुस्कान लिए मुस्कुरा रही थ
Divyanshu Pathak
कोराकाग़ज़ कवि सम्मेलन-02 ---------------------------------------------- बाँध वोटरों की आंखों पर आश्वासन की पट्टी। नेता घुस गए बाथरूम में ले साबुन की बट्टी। हास्य रस का अपना मजा है---- जब मैं छोटा था तब कहीं से ये पंक्तियाँ पढ़ीं थी और मैंने अपनी डायरी में नोट कर लीं। आज आपके साथ उन पंक्तियों को साझा करता हूँ-- कैप्शन देखें--- वर्तमान राजनीतिक दशा को बयां करती कुछ पंक्तियाँ---- आनंद लें ठीक लगे तो मुझे सूचित करें---- 💐💐💐💐💐 ज्ञानी ख़ुश है ज्ञान बेचकर विज्ञानी विज्ञान
Unconditiona L💓ve😉
Radhe.... Radhe.. 🌺गँगा की पावन जलधारा भी,उनकी चरणों से चरणामृत हो जाती है..☺️ 🌺उस देवी की दिव्यता कुछ इस तरह,कि मेरी हर पाप उनसे धूल जाती है..!🙂 🌿🌷🌿🌷🌿🌷🌿🌷🌿🌷
N S Yadav GoldMine
क्यों पिया श्री कृष्ण ने राधा के पैरों का चरणामृत :- चरणामृत से सम्बन्धित एक पौराणिक गाथा काफी प्रसिद्ध है जो हमें श्रीकृष्ण एवं राधाजी के अटूट प्रेम की याद दिलाती है। कहते हैं कि एक बार नंदलाल काफी बीमार पड़ गए। कोई दवा या जड़ी-बूटी उन पर बेअसर साबित हो रही थी। तभी श्रीकृष्ण ने स्वयं ही गोपियों से एक ऐसा उपाय करने को कहा जिसे सुन गोपियां दुविधा में पड़ गईं। {Bolo Ji Radhey Radhey} दरअसल श्रीकृष्ण ने गोपियों से उन्हें चरणामृत पिलाने को कहा। उनका मानना था कि उनके परम भक्त या फिर जो उनसे अति प्रेम करता है तथा उनकी चिंता करता है यदि उसके पांव को धोने के लिए इस्तेमाल हुए जल को वे ग्रहण कर लें तो वे निश्चित ही ठीक हो जाएंगे। लेकिन दूसरी ओर गोपियां और भी चिंता में पड़ गईं। श्रीकृष्ण उन सभी गोपियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे, वे सभी उनकी परम भक्त थीं लेकिन उन्हें इस उपाय के निष्फल होने की चिंता सता रही थी। उनके मन में बार-बार यह आ रहा था कि यदि उनमें से किसी एक गोपी ने अपने पांव के इस्तेमाल से चरणामृत बना लिया और कृष्णजी को पीने के लिए दिया तो वह परम भक्त का कार्य तो कर देगी। परन्तु किन्हीं कारणों से कान्हा ठीक ना हुए तो उसे नर्क भोगना पड़ेगा। अब सभी गोपियां व्याकुल होकर श्रीकृष्ण की ओर ताक रहीं थी और किसी अन्य उपाय के बारे में सोच ही रहीं थी कि वहां कृष्ण की प्रिय राधा आ गईं। अपने कृष्ण को इस हालत में देख के राधा के तो जैसे प्राण ही निकल गए हों। जब गोपियों ने कृष्ण द्वारा बताया गया उपाय राधा को बताया तो राधा ने एक क्षण भी व्यर्थ करना उचित ना समझा और जल्द ही स्वयं के पांव धोकर चरणामृत तैयार कर श्रीकृष्ण को पिलाने के लिए आगे बढ़ी। राधा जानतीं थी कि वे क्या कर रही हैं। जो बात अन्य गोपियों के लिए भय का कारण थी ठीक वही भय राधा को भी मन में था लेकिन कृष्ण को वापस स्वस्थ करने के लिए वह नर्क में चले जाने को भी तैयार थीं। आखिरकार कान्हा ने चरणामृत ग्रहण किया और देखते ही देखते वे ठीक हो गए। क्योंकि वह राधा ही थीं जिनके प्यार एवं सच्ची निष्ठा से कृष्णजी तुरंत स्वस्थ हो गए। अपने कृष्ण को निरोग देखने के लिए राधाजी ने एक बार भी स्वयं के भविष्य की चिंता ना की और वही किया जो उनका धर्म था। ©N S Yadav GoldMine क्यों पिया श्री कृष्ण ने राधा के पैरों का चरणामृत :- चरणामृत से सम्बन्धित एक पौराणिक गाथा काफी प्रसिद्ध है जो हमें श्रीकृष्ण एवं राधाजी के अ
Anamika
शीतल चरणामृत सुधा धार बैचेन हृदय हुआ उद्धार.. 🙏 #चरणामृत #उद्धार #सत्यनारायणभगवानकीजय 🙏 #योरकोटभक्ति
अज्ञात
पेज-77. आज की सुबह.. और रत्नाकर कालोनी... पंछियों के कलरव के साथ ही आयशा की मधुर बासुंरी का रियाज.. और साथ में बारात की जोरदार तैयारियां... यहाँ परसों की तरह आज सुबह फिर से चलितवाहन सुबह सुबह घरों घर दस्तक दे रहा है... वही चाय नाश्ते का निमंत्रण.. ! लगता है आज हलवाई लौट आया. सुबह से विशाल जी जॉगिंग को निकले हैं नौसाद साहब को साथ लिये मगर एक ओर वाहन से चाय नाश्ते की सूचना वहीं दूसरी ओर विशाल जी का घर घर जाकर बताना कि चाय नाश्ता तैयार हो चुका है आप सभी वहीं चाय नाश्ता करेंगे.... टाइम की पाबंद रत्नाकर कालोनीवासियों ने समय पर पहुंचकर नाश्ते का मुआयना किया.. आज नाश्ते में अनगिनत वैरायटी देखने को मिल रही हैं मानो कल की पूरी कसर विशाल साहब ने आज ही हलवाई से निकलवा ली हो...नाश्ते के डोंगो में इडली साम्भर, डोसा, पावभाजी, कटलेट, ब्रेडपकोडे, पोहा, साथ में दही खटाई, इमली खटाई, जलेबी, और रसो गुल्ला.. मनपसंद नाश्ता देखकर सबको मज़ा आ रहा है.. विशाल जी सबको नाश्ता करते देख नौसाद साहब से कह रहे हैं... जॉनी तुम्हारी मेहनत रंग लाई मेरे दोस्त...! आगे कैप्शन में.. 🙏 ©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी पेज-77 कथाकार ने देखा.. यहाँ मंडप पर आज फिर दूल्हे को हल्दी लगेगी.. फिर चीकट और कन्हर की रस्में निभाई जानी हैं... चीकट..! ज
Atul Sharma
📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“10/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“रविवार”*📙 देखिए “दृष्टिकोण” में यदि “प्रेम” रखोगे, “आदर” रखोगे तो बदले में आपको “प्रेम” और “सम्मान” अवश्य मिलेगा, अब देखिए कि “ईश्वर की मूर्ति” को “धूलकर” निकला “जल” “चरणामृत” कहलाता है कारण है “दृष्टिकोण” , अब “पत्थर” को “भगवान” समझकर “ठुकरा” दोगे, चयन आपका है किंतु यह चयन निर्भर करता है आपके “दृष्टिकोण” पर तो अपना “दृष्टिकोण” शुभ रखिएगा और अपने “दृष्टिकोण” में “प्रेम” अवश्य रखिएगा... *“अतुल शर्मा*✍🏻 *आप सभी को रामनवमी के पर्व एवं नवरात्रे समापन की हार्दिक शुभकामनाएं*🙏🏻🎊 🎉 💫 ©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“10/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“रविवार”*📙 #“दृष्टिकोण” #“आदर”