Find the Latest Status about अालू की टिक्की from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अालू की टिक्की.
Vaishali Kahale
क्यों न इस बार हरे मटर की टिक्की का स्वाद चखा जाए, Matar ki Tikiya Banane ki Vidhi, Aloo Matar Tikki https://youtu.be/dKkaJe62Vbc
Sunil itawadiya
लॉक डाउन के दौरान मैने ये दो nayi dish banani sikhi ... पनीर टिक्का और आलू टिक्की.. 😄😄🤪🤪 लॉक डाउन के दौरान मैने ये दो nayi dish banani sikhi ... पनीर टिक्का और आलू टिक्की.. 😄😄🤪🤪
Tallwin Life
Diversity channel
BURGER RECIPE (Read caption) 😂😂 Burger recipe🍔 सामग्री- पाव, आलू, अरारोट,मक्खन, प्याज, टमाटर, म्योनीज, टमैटो सॉस, नमक, मिर्च... बनाने की विधि- सर्वप्रथम हम आलू को उबाले
Azad ताहिर তাহীৰ
Law and Justice जो नज़र बंधा है ,उसकी नज़र में सब बराबर हैं जो तराज़ू एक ओर झुकी है, उस पे सब बारबार है झुठ, सच, ईमान, बेईमान सब बराबर हैं काला, सफ़ेद, लाल, हरा सब बराबर है जिस पे टिक्की सब की आख़री,आश सब बराबर हैं यह इंसाफ के मंदिर में, क्या इंसाफ बराबर है ?? -Azad ताहिर #law #justis जो नज़र बंधा है ,उसकी नज़र में सब बराबर हैं जो तराज़ू एक ओर झुकी है, उस पे सब बारबार है झुठ, सच, ईमान, बेईमान सब बराबर हैं काला,
Rakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त