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ओम नमः शिवाय
अनिता कुमावत
काश ऐसा कोई "क्लीनर " मिले मुझे जिससे लोगों के दिमाग़ के "बैक्टीरिया " खत्म कर सकूँ .....!!!!! Your quote पर personal experience पर आधारित 😋😋 female अगर किसी social media के platform पर है तो उसके character से जोड़ कर क्यों देखते
Pramod Kumar
khamosh khat
हम सभी स्वस्थ आैर स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी (गुर्दा) संभालता है। यह हमारे शरीर की विषाक्तता आैर अनावश्यक कचरे को बाहर निकालकर हमें स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं लेकिन केवल एक किडनी ही सारी जिंदगी सभी महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में अकेले ही सक्षम होती है। हाल के वर्षों में डायबिटीज आैर हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या में तेजी हो रही वृद्धि भविष्य में किडनी रोगियों की संख्या में तेजी से होने वाली वृद्धि को दर्शाता है। यही वजह है कि दुनिया भर के सैकड़ों लोगों जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, को प्रभावित करने वाले किडनी रोग के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल मार्च के दूसरे बृहस्पतिवार को वल्र्ड किडनी डे मनाया जाता है। इस साल 10 मार्च को वल्र्ड किडनी डे मनाया जाएगा है। यह लोगों में किडनी की बीमारियों की समझ, उनकी रोकथाम और उनका जल्द उपचार शुरू करने के लिए जागरूकता उत्पन्न करता है। प्रतिवर्ष यह किसी थीम पर आधारित होता है आैर इस वर्ष की थीम है ‘बच्चों में किडनी रोग : बचाव के लिए जल्द प्रतिक्रिया करें! किडनी डिजीज बच्चों को कई रूपों में प्रभावित करती है जिसमें इलाज किये जाने वाले विकारों के साथ ही जीवन को खतरे में डालने वाले लंबे समय वाले परिणाम शामिल हैं। बच्चों में होने वाले मुख्य किडनी डिजीज- नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम यह एक आम किडनी की बीमारी है। पेशाब में प्रोटीन का जाना, रक्त में प्रोटीन की मात्रा में कमी, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर और शरीर में सूजन इस बीमारी के लक्षण हैं। किडनी के इस रोग की वजह से किसी भी उम्र में शरीर में सूजन हो सकती है, परन्तु मुख्यत: यह रोग बच्चों में देखा जाता है। उचित उपचार से रोग पर नियंत्रण होना और बाद में पुन: सूजन दिखाई देना, यह सिलसिला सालों तक चलते रहना यह नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम की विशेषता है। लम्बे समय तक बार-बार सूजन होने की वजह से यह रोग मरीज और उसके पारिवारिक सदस्यों के लिए एक चिन्ताजनक रोग है। नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम में किडनी के छन्नी जैसे छेद बड़े हो जाने के कारण अतिरिक्त पानी और उत्सर्जी पदार्थों के साथ-साथ शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन भी पेशाब के साथ निकल जाता है, जिससे शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है और शरीर में सूजन आने लगती है। श्वेतकणों में लिम्फोसाइट्स के कार्य की खामी के कारण यह रोग होता है ऐसी मान्यता है। इस बीमारी के 90 प्रतिशत मरीज बच्चे होते हैं जिनमें नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम का कोई निश्चित कारण नहीं मिल पाता है। इसे प्राथमिक या इडीओपैथिक नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम भी कहते हैं। वीयूआर कई बार बड़े बच्चे भी बिस्तर खराब कर देते हैं। ऐसे में उन्हें वेसिको यूरेटेरिक रिफ्लक्स या वीयूआर की आशंका हो सकती है। यह वह रोग है, जिसमें (वाइल यूरिनेटिंग) यूरिन वापस किडनी में आ जाती है। वीयूआर में शिशु बार-बार मूत्र संक्रमण (यूटीआई) का शिकार होता है आैर इसके कारण उसे बुखार आता है। आमतौर पर फिजिशियन बुखार कम करने के लिए एंटीबायोटिक देते हैं लेकिन वीयूआर धीरे-धीरे आर्गन को डैमेज करता रहता है। वीयूआर नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों की आम समस्या है, लेकिन इससे बड़े बच्चे और वयस्क भी प्रभावित हो सकते हैं। सौ नवजात शिशुओं में से एक या दो शिशु वीयूआर से पीडि़त होते हैं। अध्ययन बताते हैं कि वीयूआर से प्रभावित बच्चे के भाई या बहन में से 32 प्रतिशत में यह समस्या देखी गई है। वीयूआर एक आनुवांशिक रोग है। अगर शुरुआती दौर में वीयूआर का इलाज किया जाए तो आसानी से ठीक किया जा सकता है, लेकिन बाद की स्टेज में यह किडनी फेलियर आैर ट्रांसप्लांट का मुख्य कारण बनता है। यूटीआई बच्चों में यूटीआई को डायग्नोज करना कठिन होता है। उपचार न कराया जाए तो उम्र बढ़ने के साथ लक्षण भी बढ़ने लगते है जैसे नींद में बिस्तर गीला करना, उच्च रक्तचाप, यूरिन में प्रोटीन आना, किडनी फेलियर। लड़कियों में इसके होने की आशंका लड़कों से दुगनी होती है। अगर यूटीआई का उपचार नहीं कराया जाए तो किडनी के ऊतकों को स्थायी नुकसान पहुंचता है, जिसे रिफ्लक्स नेफ्रोपैथी कहा जाता है। जब यूरिन का बहाव उल्टा होता है तो किडनी पर सामान्य से अधिक दबाव पड़ता है। अगर किडनी संक्रमित हो जाती है तो समय के साथ उतकों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। इससे उच्च रक्तचाप और किडनी फेलियर होने का खतरा अधिक हो जाता है। क्रोनिक किडनी डिजीज यह शिशु में बर्थ डिफेक्ट (शिशु केवल एक किडनी के साथ या किडनी की असामान्य संरचना के साथ पैदा हो), आनुवांशिक रोग (जैसे पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज), इंफेक्शन, नेफ्रोटिक सिंड्रोम (ऐसे लक्षणों का समूह जिसमें यूरिन में प्रोटीन आैर पानी का खत्म होना आैर शरीर में नमक प्रतिधारणा जो यह किडनी डैमेज का संकेत दे), सिस्टेमिक डिजीज (जिसमें किडनी के साथ ही शरीर के कई अंग शामिल हों जैसे फेफेड़े), यूरिन ब्लॉकेज आदि शामिल है। जन्म से लेकर चार वर्ष तक बर्थ डिफेक्ट आैर आनुवांशिक रोग किडनी फेलियर का कारण बनते हैं। पांच से चौदह वर्ष की उम्र तक किडनी फेलियर का मुख्य कारण आनुवांशिक रोग, नेफ्रोटिक सिंड्रोम आैर सिस्टेमिक डिजीज बनता है। किडनी रोग के लक्षण चेहरे में सूजन -भूख में कमी मितली, उल्टी -उच्च रक्तचाप -पेशाब संबंधित शिकायतें, झांग आना -रक्त अल्पता, कमजोरी -पीठ के निचले हिस्से में दर्द -शरीर में दर्द, खुजली, और पैरों में ऐंठन – किडनी की बीमारियों की सामान्य शिकायतें हैं। मंद विकास, छोटा कद और पैर की हडिड्यों का झुकना आदि, किडनी की खराबी वाले बच्चों में आम तौर पर देखा जाता है। डॉक्टर सुदीप सचदेव | नारायाणा सुपेर्स्पेसियालिटी हॉस्पिटल गुरुग्रम हम सभी स्वस्थ आैर स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी (
Sudhanshu Saxena
उदास आंखों की एक खासियत होती हैं, वो दूसरो की उदास आंखों को आसानी से भांप लेती हैं। जैसे आज एक मां (अनजान लड़के की मां) की आंखो ने मेरे आंखो को, और मैंने उनकी आंखों को भांपा। मैं ऐशबाग रेलवे स्टेशन (लखनऊ) पर अपनी ट्रेन का इ
Sunita D Prasad
यदि बुखार, इन्फेक्शन, या कोरोना के डर से त्रस्त हैं तो निम्न लेख फिर से पढ़ें। बहुत लोग फायदा उठा चुके हैं। एक साल्ट है पोटैशियम एलुमिनियम सल्फेट जिसे alum भी कहते हैं। यह आपकी रसोई में होगा, नही है तो बाजू के किरयाने वाले से 5 rs की ले लीजिये। इसे आम भाषा मे फिटकरी कहते हैं। 100 ग्राम फिटकरी तवे पर रखिये। पिघल जाए तो उसे ठंडा कर लीजिए। उसे तवे से उतार कर कूट कर डिब्बी में डालकर रख लें। यह आपकी रामबाण दवाई है जो फेंफड़े सीज हों, दमा हो या दिल कमजोर हो, बलगम हो उसे दी जा सकती है। किसी के दांत में दर्द हो तो इससे कुल्ला करो। किसी घाव पर लगाओ। इसे बाल्टी में डालकर उस पानी से नहाओ, सब्जियां धो लो, पीलिया हो तो चुटकी भर फिटकरी दही की भर कटोरी में डालकर खायें आदि। जब ट्रम्प ने कहा था कि सेनिटाइजर के टीके बना कर लगाओ तब हम हंसे थे। लेकिन यह एकमात्र ऐसा सेनिटाइजर है जिसका सेवन किया जा सकता है। एक चुटकी फिटकरी का यह भुना हुआ पाउडर लें। चम्मच भरकर शहद लें और पांच बूंद अदरक के रस की डालें और पीड़ित को चटा दें। एक dose सुबह एक dose शाम। कुल दो दिन मे चार dose ओनली। फेफड़े की तमाम दिक्कतों में रामबाण दवाई है यह ।2008 में पिता जी को इस दवाई ने डेथ बेड से तब उठाया जब उनके फेफड़े न्यूमोनिया और बलगम से सीज हो गए थे और डाक्टर ने जवाब दे दिया था । यदि बुखार, इन्फेक्शन, या कोरोना के डर से त्रस्त हैं तो निम्न लेख फिर से पढ़ें। बहुत लोग फायदा उठा चुके हैं। एक साल्ट है पोटैशियम एलुमिनियम
Kulbhushan Arora
Yq premium, अगला दिन.... 25 मार्च का दिन अजीबोगरीब दिन था, किसी को कुछ समझ नहीं आया सिवाय इसके की हमें घर से बाहर नहीं जाना है। उमा हमारे घर में काम करती है,ये सब ख़
Guruwanshu
तूने सोचा भूका मर जाएगा भारत, देख सामने खेत में वहाँ किसान खड़ा है। चौराहे पर जाने की ज़िद मत कर लेना, वर्दी पहने वहाँ भी जवान खड़ा है। हमकों क्या बीमार करेगा तू कोरोना, अस्पताल में भारत का भगवान खड़ा है। यहाँ सिकंदर ने भी घुटनें टेक दिये थे, देख तेरे आगे सारा हिंदुस्तान खड़ा है। समय है निकल जाएगा। हिंदुस्तान जीतेगा । कोरोना हारेगा मास्क का अनिवार्यता से उपयोग करें। अपने घर के बुजुर्गों का ख्याल रखना है। *कोरोना (cov