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Rajendra Prasad Pandey Kavi
#आसमान सेआफत टपकी इन बारिश की बूंदों में, घासफूस के घ के अंकर खलल पडी है नींदो मे,
read moreKumar azad mishra
#बारिश की बूंदों में झलकती है उसकी #तस्वीर ,,, #आज फिर भीग बैठे उसे पाने की #चाहत में....!! #बारिश की बूंदों में झलकती है उसकी #तस्वीर ,,, #आज फिर भीग बैठे उसे पाने की #चाहत में....!! #DesertWalk #kumarazad #Nijoto
#बारिश की बूंदों में झलकती है उसकी #तस्वीर ,,, #आज फिर भीग बैठे उसे पाने की #चाहत में....!! #DesertWalk #kumarazad #Nijoto
read moreVandana Rana
Rain आज बारिश के मौसम ने मुझे फिर कुछ याद दिलाया हैं, मुझे बारिश की बूंदों में भिगाने वाला अब तक लौट के नहीं आया हैं! आज बारिश के मौसम ने मुझे फिर कुछ याद दिलाया हैं, मुझे बारिश की बूंदों में भिगाने वाला अब तक लौट के नहीं आया हैं!
आज बारिश के मौसम ने मुझे फिर कुछ याद दिलाया हैं, मुझे बारिश की बूंदों में भिगाने वाला अब तक लौट के नहीं आया हैं!
read moreSUNIL jalandhra
वो सावन भी आएगा वो बादल भी आयेंगे लेकिन तुम बरसोगे किसी और पर रोयेगा उन बारिश की बूंदों में वो पागल फिर उसी मोड़ पर ©SUNIL jalandhra वो सावन भी आएगा वो बादल भी आयेंगे लेकिन तुम बरसोगे किसी और पर रोयेगा उन बारिश की बूंदों में वो पागल फिर उसी मोड़ पर
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat पल भर की बात नहीं कुछ लबो पर आती बात है शून्य हो जाती वो दिल की भड़ास है लगता है पल में कुछ ख़ास है लगता है फिर हर पल में पास है सूंघती हूं उस मिट्टी की खुशबू है बारिश की बूंदों में चमकती चांदनी है पत्तो से टपकती चम चमाती चिंगारी है भीतर भरी नादानी बचपन की कहानी है #words #respect #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat पल भर की बात नहीं कुछ लबो पर आती बात है शून्य हो जाती वो दिल क
Harshita Dawar
Ajay Mehta Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat नमन आपको आपकी लेखनी से एक नूर छलक जाता है , फिर कुछ लिखने को मन चाहता है, बस जो एहसास करवाता है वहीं पन्नों पे उतर जाता है विलीन होकर महसूस किया हर एक शब्द को दिल में उतरता पाया विशेताएं क्या बताएं सासों से निकलते श्वास में उभरता पाया उस पवित्र जल की पहली धारा से कल्याण होना पाया उस बारिश की बूंदों में पिघ लता ओस के धुएं में पाया निशब्द नींद में एक स्वर्ग से मिट्टी की सौंधी खुशबू सा पाया Dedicating a #testimonial to Ajay Mehta Ajay Mehta नमन आपको आपकी लेखनी से एक नूर छलक जाता है , फिर कुछ लिखने को मन चाहता है, बस जो एहसास क
Dedicating a #testimonial to Ajay Mehta Ajay Mehta नमन आपको आपकी लेखनी से एक नूर छलक जाता है , फिर कुछ लिखने को मन चाहता है, बस जो एहसास क #jazzbaat
read moreMery Muskan(Somi)
वो सुबह सूबह जब सैर के लिए निकले, ठंडी ठंडी हवा में, एक दूसरे का साथ लिए, मौसम भी सुहाना था, कुछ कुछ उनके करीब आना था, एहसास था उनमे खो जाने का, बहाना था उनके ओर करीब आने का, तभी मौसम ने करवट ली हो जैसे, ओर बारिश का अचानक से होना, में कुछ न कह पाई पर मौसम ने समझ लिया हो जैसे, सुहानी सी सुबह में , बारिश की बूंदों में , मिट्टी की भीनी भीनी सी खुशबू तभी वो कहते हैं इस बारिश में भीगते हम तुम चलो क्यों न चाय का स्वाद लिया जाए।। वो सुबह सूबह जब सैर के लिए निकले, ठंडी ठंडी हवा में, एक दूसरे का साथ लिए, मौसम भी सुहाना था, कुछ कुछ उनके करीब आना था, एहसास था उनमे खो जाने
वो सुबह सूबह जब सैर के लिए निकले, ठंडी ठंडी हवा में, एक दूसरे का साथ लिए, मौसम भी सुहाना था, कुछ कुछ उनके करीब आना था, एहसास था उनमे खो जाने
read moreHarshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मैं बौद्ध बनना नहीं चाहती कहती रही चीखती रही दिल की आह भी पुकारती रही लाश बन कर कर्ज़ उतरती रही। स्व में स्वर को नीरस कर पुकारती रही वो बारिश की बूंदों में ख़ुद को पिघलती रही हौश था बदहवासी वहीं ध्वनि गुनगुनाती रही वो गया एक आस की आह देकर वहीं नहीं रही पैरों में अल्टा सी स्याही लपेटे अटकी कहीं रही। तू गया , बस गया तू बौद्ध हुआ, मैं बौद्ध दर्शन की कहानी रही। मैं बौद्ध नहीं मै बौद्ध नहीं मैं मां की लाज बचाती रही वहीं धर्म निभाती रही #realityoflife #deepthoughts #lifelessons #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मैं बौद्ध बनना नहीं चाहती कहती रही चीखती रही द
#realityoflife #Deepthoughts #lifelessons #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat मैं बौद्ध बनना नहीं चाहती कहती रही चीखती रही द
read moreVijay tomar
बहुत हसींन हो तुम । बहुत जहरीन हो तुम। मेरे गीतों में,मेरी गजलो में हो तुम।। गुलो के मकरंद में तुम। तितलियों के रंग में तुम।। कोयल के गीत मे
बहुत हसींन हो तुम । बहुत जहरीन हो तुम। मेरे गीतों में,मेरी गजलो में हो तुम।। गुलो के मकरंद में तुम। तितलियों के रंग में तुम।। कोयल के गीत मे #Poetry #Quotes #Art #Photography #DigitalArt #Movies #Dance
read moreHarshita Dawar
उस खिड़की पर बैठ कर चाय का कप किनारे से रख कर ,बस ये सोच रही थी। जो बच्चे पार्क में खेल रहे थे। क्या खेल मैने भी खेला था? वो छोटी बहन के स्कूल जाते देख वो भाई पहले भी उसका बसता उठाता था, वो सब्जियों की रेडी से गाजर उठाकर फिर को मुस्कुराता था, बहुत मामूली सी थी बातें फिर भी बेहद करीब से छू जाती थी वो यादें, ताज़ा बारिश की बूंदों में वो एक दूसरे पर पानी की छिटे डालकर चिढ़ाते थे, अगले ही पर में नाराज़ होती ,दोस्त मुझको आकर हंसाते, फिर कीचड़ में छपाके लगाते,घर पहुंच कर क्या मां की गोद नहीं डांट की बोच्छार होती। उस चाय की प्याली से बहुत सारी बाते यादें में घोलती मिश्री सी ज़िन्दगी की पहचान हो गई। क्या बताऊं बचपन की देहलीज क्या लांघी ज़िमेदारी की भोचर हो गई । चाय की प्याली में ख़ुद से निकलकर बचपन से मुलाकात हो गई। #Us_din #Nojoto #Bachpan #Deepthoughts #Feelings उस खिड़की पर बैठ कर चाय का कप किनारे से रख कर ,बस ये सोच रही थी। जो बच्चे पार्क में खेल रह
#Us_din #bachpan #Deepthoughts #feelings उस खिड़की पर बैठ कर चाय का कप किनारे से रख कर ,बस ये सोच रही थी। जो बच्चे पार्क में खेल रह #story
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