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mangalviras
समज मे आ रहा है ऊंचाइयां जितनी होगी उतना ही ज्यादा नुकशान होगा अगर धोका मिला धक्का मिला या कहीं सै गिरै तो क्यों की ये निश्चित है की एक दिन तो गिरना है चाहे वो कोई इमारत हो या हो किसी का अभीमान इसलिये सबकुछ सिमीत होतो ही ठीक रहता है ः ः।। मंगल विरास ।।ः ©mangalviras #City ऊंचाइयां और उसना परिणाम
Dinesh ke story
जन्म-जन्म जो साथ निभाए तुम ऐसा बंधन बंध जाओ मैं बन जाऊं प्यार भरा दिल तुम दिल की धड़कन बन जाओ। ©Dinesh ke story #ramadan जन्म-जन्म जो
ankit saraswat
जनम जनम का साथ, हम निभाऐंगे इसी वादे के साथ जिंदगी में आये थे, और बस एक साल में ही, अब वो वादा किसी और को था, और अब वो किसी और की अमानत थे।। #अंकित सारस्वत # #साथ जन्म जन्म का
✍️NOOR ✍️
जनम जनम का साथ, जन्म जन्म का साथ था फिर तू बदला कैसे।। मेरा दिल तोड़कर किसी और का खरीदा कैसे। तेरे मेरे गिर्द तो एक दायरा था कसमों का। अरे बेवफा तू ओ दायरा तोड़के निकला कैसे। जन्म जन्म का साथ था फिर तू बदला कैसे।। जन्म जन्म का साथ।।।
जन्म जन्म का साथ।।। #शायरी
read moreअल्पेश सोलकर
तू अशी चांदणी भासते मला.. मी चंद्र इथे देखणा... देईन कैक जणांना उत्तरे मी.. हवं तर ठेव तुझ्याजवळ उसना.. चंद्र उसना... तू अशी चांदणी भासते मला.. मी चंद्र इथे देखणा... देईन कैक जणांना उत्तरे मी.. हवं तर ठेव तुझ्याजवळ उसना.. © अल्पेश सोलकर #yqtaa
चंद्र उसना... तू अशी चांदणी भासते मला.. मी चंद्र इथे देखणा... देईन कैक जणांना उत्तरे मी.. हवं तर ठेव तुझ्याजवळ उसना.. © अल्पेश सोलकर yqtaa #मराठी #yqtaai #bestmarathiquotes #alpeshsolkar #hrutadurgule
read moreRajesh rajak
तुम भूखे रह कर,बेदना बिरह की सहकर, मेरी पायल,मेरी चूड़ी,रहे अमर, मांग में इक लंबी सिंदूर की रेखा खींचकर, ईश्वर से प्रार्थना करती हो मेरी दीर्घायु की, करती हो हमेशा मांग सिर्फ मेरे लिए, मन वचन प्राण वायु की हे प्रिय,ये मोहब्बत नहीं शक है तुम्हारा, तुझे मैंने सिर्फ एक बार में मांग लिया था खुदा से ये कह कर ,,तुझे देना ही पड़ेगा हक है हमारा। शंकित मन मत करो,जन्म जन्म का साथ है हमारा तुम्हारा। जन्म जन्म का साथ हमारा
जन्म जन्म का साथ हमारा
read morePoonam Sabane-Bhagwat
घे तू श्वास मोकळा,अंतरी जो कधीचा दाटला तुझ्या नव प्रवासाला, सूर्य बघ हा थांबला तू चालता वाट चाले,डगमगता मग तीही थांबे आता घे भरारी पुन्हा,नभ बघ तुलाच खुणावते तू सांभाळते कूस तुझी,परी त्यांची रित न्यारी सुख तुझे बघ आता,लागे त्यांच्या जिव्हारी जन्म नव्हे सोपा,ह्या स्त्रीपणाच्या जाणीवेचा दे सोडून व्यर्थ मिथ्या,कर सोहळा तुझ्या जगण्याचा तू रडलीस,तू हारलीस,न कळे कुणा तुझी व्यथा तुझ्या जन्माला कोसतो, तो समाज देवभोळा ज्यांना न कळली कधी, स्वप्रवासाच्या उगमाची अंधारलेल्या गर्भाची कथा.........पूनम. जन्म
जन्म
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