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अदनासा-

kavita khosla

कहते हैं कि एक घटना हमारी सारी जिंदगी पर भारी पड़ जाती है, वो एक लम्हा होता है जो घटता एक बार है लेकिन टीस हमें रोज देता है, आँखों के सामने किसी फिल्म की तरह चलता है, लेकिन ग्लानि इतनी बड़ी होती है कि पश्चाताप के लिए आँसू निकल कर इक निर्दोष से माफ़ी की गुहार नहीं लगा पाते।

मार्च महीने के एक रविवार की शाम, जब माँ से मैं सुमित के घर जाने को निकला, फटाफट में अपनी स्कूटी स्टार्ट की और शायद माँ की कितनी बातों को अनसुना करते हुए, हेल्मेट बिना लगाए ही निकल गया।

"पास ही तो जाना हैं...!" ये भाव तो यंग राइडर की तरह दिमाग़ में फिट थे। हेडफोन कानों में लगा कर म्यूजिक ने मेरा रोमांच दोगुना किया हुआ था, डर किसका था? मन में तो दोस्तों के साथ मौज मस्ती की प्लानिंग चल रही थी। इतने में फोन की बजती रिंग ने मेरे स्कूटी की और दिल की रफ्तार इक साथ बढ़ा दी।

मेन रोड से मुड़ते, ना तो मैंने स्पीड कम करने की सोची ना इंडीकेटर का ख्याल आया। साइड मिरर से इक बहुत बड़ा वाहन तो पीछे आता दिख गया लेकिन इक ज़ोरदार आवाज ने यू लगा मेरे कानों के पर्दे फाड़ दिए।

फिल्म की स्लो मोशन सा होता दिखा सब, कोई तेज धारदार चीज़ मेरी हाथों से और माथा कंक्रीट की पुलिया से टकराया, सड़क के किनारे कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था शायद, माथे से गर्म लावे सी धार महसूस हुई, आँखों में तेज़ रोशनी की चमक से चुंधिआती आंखों ने जो देखा वो स्मृति पटल पर छप गया। चीख के साथ ही आँखे बंद हुई, लेकिन दिमाग़ यू लगा सब देख रहा। 

वो नन्हा सा कुता, बंद होती उसकी आंखे, मुँह से लुढ़क गयी जीभ, बामुश्किल आ रहीं साँस, और उसकी मर रही जिंदगी, उम्मीद से मुझे देखती नज़र.... 

भईया, मैं तो माँ के साथ लाड़ कर रहा था, मैं तो सड़क पर भी नहीं खेल रहा था... माँ तो मुझे दुलार रहीं थीं, अभी तो मैंने दुध भी नहीं पिया था, मैं तो बेकसूर था... फिर मुझको सजा किस गुनाह की दी??

कानो में कहीं उस नन्हें जीव की कराह, उसकी माँ की कलेजा चीर देने वाली रुदन, कभी जीभ से बच्चे को चाटती, किनारे की दुकानों की तरफ मदद को भाग कर जाती, धूल उड़ाती उसकी विफलता, बच्चे को मरता देख रही उसकी आंखे,... यह सब मैं कैसे देख रहा था, मुझे नहीं पता....

होश आया तो पाया, हाथ से कुहनी तक बंधी पट्टी, माथे पर लगी सात टांको की चुभन, माँ का रो-रो कर उतरा चेहरा। और हस्पताल की दवाई से भरी गन्ध। 

बोलने की हिम्मत कर के सुमित को पूछा.... वो बच गया ना??? मेरी टांगों पर हाथ रखते वो बोला... तू आराम कर!!! 

एक हत्यारे इंसान पर थूकती मेरी खुद की आत्मा, मेरे दिल पर वार कर रही थी, पूछ रही थी मुझसे... तुम्हारी सजा कौन तय करेगा???

काश.... मैं उस दिन....!!!!!




धन्यवाद,
कविता खोसला

©kavita khosla #क्या #पश्चात्ताप #काफ़ी #है? #storytitle

#Anhoni

Ritika Aditya Dubey

उसे पहली डेट कह लो या कह लो पहली मुलाकात,
वो पहली डेट और प्यारी सी मुलाकात थी बहुत खास,
हाथों में हाथ और वो नजरों को मिलाने का अंदाज,
वो कम समय में ढेरों सारी बात और था तो बस काफ़ी
का इंतजार,जिससे था जुड़ा हमारी डेट का सबसे खास 
अहसास उसकी काफ़ी फीकी और मेरी काफ़ी की मिठास
वाह!क्या गजब की थी बात जैसे वेटर भी जानता हो कि
ये हो हमारी पहले डेट का ज़ज़्बात जिसे सिर्फ काफ़ी ने 
बनाया था खास कुछ ऐसी थी हमारी पहली डेट की मुलाकात।। #काल्पनिक
#डेट
#मुलाकात

`sanju sharan

                   छत्तीस घंटे काव्या तेज़ तेज़ कदमों से ऑफिस जा रही थी तभी किसी के स्पर्श से चौक जाती हैं और एक भारी आवाज़ सुनकर पीछे मुड़ती है_"क्यों लेडी रावण डर गई। अचरज से देखती है  ईशान को और कहती है।  आप यहां? हा काव्या मेरी पोस्टिंग कोलकाता हो गई है और तुम कहां जा रही हो।  सिर झुकाए हुए काव्या कहती है_मैं भी ऑफिस ही जा रही हूं बैंक में काम करती हूं।। चलिए अच्छी बात है पर क्या आपके शहर में दोस्तो की खैरियत पूछी नहीं जाती, केवल मै ही बोले जा रहा हूं और आप चुप हैं क्या आप मुझसे बातें नहीं क

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                   छत्तीस घंटे
काव्या तेज़ तेज़ कदमों से ऑफिस जा रही थी तभी किसी के स्पर्श से चौक जाती हैं और एक भारी आवाज़ सुनकर पीछे मुड़ती है_"क्यों लेडी रावण डर गई। अचरज से देखती है  ईशान को और कहती है।  आप यहां? हा काव्या मेरी पोस्टिंग कोलकाता हो गई है और तुम कहां जा रही हो।  सिर झुकाए हुए काव्या कहती है_मैं भी ऑफिस ही जा रही हूं बैंक में काम करती हूं।।
चलिए अच्छी बात है पर क्या आपके शहर में दोस्तो की खैरियत पूछी नहीं जाती, केवल मै ही बोले जा रहा हूं और आप चुप हैं क्या आप मुझसे बातें नहीं क

खामोशी और दस्तक

जाम हटने वाला हैं शायद ....archu असमंजस में थी क्या करे अब जाये या रुके । एक बार फ़िर आवाज़ आई मैडम अन्दर बैठ जाइये ऐसे खड़ी हैं आप अच्छा नही लगता पर archu को जैसे कुछ सुनाई ही नही दिया , अनेको विचार उसके दिमाग में कौंध रहे थे , आज फ़िर देर हो गईं , कब तक हटेगा ये जाम , एंबुलेंस में कौन होगा और वो लड़का कर क्या रहा हैं .... फ़िर से एक बार हॉर्न की आवाज़ आई और archu अपने विचारो से बाहर आई , झट से अन्दर बैठ गईं और ड्राइवर ने गाड़ी थोड़ी आगे की , फ़िर पीछे सड़क के नीचे करने की कोशिश करने लगा , archu ने

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तड़प   -  2 #NojotoQuote जाम हटने वाला हैं शायद ....archu असमंजस में थी क्या करे अब जाये या रुके । एक बार फ़िर आवाज़ आई मैडम अन्दर बैठ जाइये ऐसे खड़ी हैं आप अच्छा नही लगता पर archu को जैसे कुछ सुनाई ही नही दिया , अनेको विचार उसके दिमाग में कौंध रहे थे , आज फ़िर देर हो गईं , कब तक हटेगा ये जाम , एंबुलेंस में कौन होगा और वो लड़का कर क्या रहा हैं ....
फ़िर से एक बार हॉर्न की आवाज़ आई और archu अपने विचारो से बाहर आई , झट से अन्दर बैठ गईं और ड्राइवर ने गाड़ी थोड़ी आगे की , फ़िर पीछे सड़क के नीचे करने की कोशिश करने लगा , archu ने

खामोशी और दस्तक

#तड़प .....1

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आज archu ऑफीस के लिये तय समय से पहले निकली , कम से कम आज तो वक्त पर पहुंच जाये । 
जैसे ही बस स्टॉप पर पहुँची एक सहकर्मी अपनी कार से जाती दिखाई दी , कुछ आगे जा कर उसने कार रोक दी और archu को अपने साथ बुला लिया  archu भी बेझीझक उसके संग हो गईं काफ़ी वक्त के बाद उन्हें आपस में  बाते करने का , हाल चाल मालूम करने का अवसर मिला था ऑफिस में बस काम की व्यस्तता होती थी , बातों में कब आधा रास्ता तय कर लिया पता उन्हें पता ही नही चला , ऑफिस से क़रीब 10 मिनट की दूरी थी सिग्नल से कुछ पहले काफ़ी बड़ा या दूरी तक जाम लग गया था , archu की गाड़ी भी रूक गईं दोनो बातों में व्यस्त थी , अचानक archu की नज़र सड़क पर एक लड़के पर गईं क़रीब 20-22साल का होगा , हैंड्सम , शिक्षित किसी अच्छे खासे धनाड्य परिवार का लग रहा था , हर गाड़ी के वाहन चालक के पास जाता हाथ जोड़कर कुछ कहता और गाड़ी थोड़ी हट जाती या आस पास के लोग अपनी अपनी गाड़ी हटाने की कोशिश करते
क्या कार , क्या बाइक , बस , यहां तक की पैदल चलने वालो से भी वो रास्ता देने की गुज़ारिश करता ,  archu की कार काफ़ी दूरी पर थी और उसकी कार के पीछे एक एम्बूलैंस थी जो लगातर हॉर्न बजाए जा rhi थी , कुछ ही मिनटो में archu और उसकी सहकर्मी का हृदय विचलित होने लगा जाने कौन है एंबुलेंस में किस स्थिति में है कुछ तो गंभीर बात है और उनसे रहा नही गया वो दोनो कार से नीचे उतरी , तभी ड्राइवर ने कहा मैम आप दोनो अन्दर बैठ जाइये जाम हटने वाला है शायद .....
क्रमश..... #NojotoQuote #तड़प .....1

खामोशी और दस्तक

रात के क़रीब दो बज रहे थे ,सारा मोहल्ला गहरी नींद में सो चुका था । एकाएक पपी के रोने की आवाज़ आई , पहले धीरे फ़िर तेज़ होती गईं । धीरे धीरे उस आवाज़ से बहुत से लोगो की नींद खुल गईं , कोई पपी को भगाने नहीं गया अमूमन हम कुत्तो के रोने को अशुभ मानते हैं और कोई ना कोई उन्हें भगा ही देता हैं , पर उस वक्त सभी समझ रहे थे उस पपी के दर्द को ........ कुछ साल पहले की ही तो बात थी मोहल्ले के बच्चों ने पार्क में खेलते समय एक छोटे से पपी को झाड़ियों में फंसा देखा , उन्हें बुरा लगा ...और

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दर्द 👇👇👇👇 #NojotoQuote रात के क़रीब दो बज रहे थे ,सारा मोहल्ला गहरी नींद में सो चुका था । एकाएक पपी के रोने की आवाज़ आई , पहले धीरे फ़िर तेज़ होती गईं । धीरे धीरे उस आवाज़ से बहुत से लोगो की नींद खुल गईं , कोई पपी को भगाने नहीं गया अमूमन हम कुत्तो के रोने को अशुभ मानते हैं और कोई ना कोई उन्हें भगा ही देता हैं , पर उस वक्त सभी समझ रहे थे उस पपी के दर्द को ........
                      कुछ साल पहले की ही तो बात थी मोहल्ले के बच्चों ने पार्क में खेलते समय एक छोटे से पपी को झाड़ियों में फंसा देखा , उन्हें बुरा लगा ...और

खामोशी और दस्तक

पर मैम ___ *** इसके पहले की***कुछ कहती archu ने उसका हाथ पकड़ा और चल पड़ी घर की ओर ....**उसके साथ थी ...सुरक्षित भी ..अब कुछ राहत महसूस हो rhi थी archu को ...वो bike पर कौन थे जो तुमसे बात कर rhe थे archu ने पूछा ... वो पता पूछ रहें थे किसी का *** सच बताओ archu ने कुछ तेज आवाज़ में पूछा पता नही कौन थे वो हमसे कह रहे थे पापा ने भेजा हैं हमें लेने के लिए **** तुम गईं क्यूँ नही , हो सकता हैं सच में भेजा हो , नाम तों पूछती या पापा के ना आने का कारण , अज़ीब हैं पापा भी तुम्हारे ....archu थोड़ी नारा

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 पर मैम  ___ ***
इसके पहले की***कुछ कहती archu ने उसका हाथ पकड़ा और चल पड़ी घर की ओर ....**उसके साथ थी ...सुरक्षित भी ..अब कुछ राहत महसूस हो rhi थी archu को ...वो bike पर कौन थे जो तुमसे बात कर rhe थे archu ने पूछा ...
वो पता पूछ रहें थे किसी का ***
सच बताओ archu ने कुछ तेज आवाज़ में पूछा 
पता नही कौन थे वो हमसे कह रहे थे पापा ने भेजा हैं हमें लेने के लिए   ****
तुम गईं क्यूँ नही , हो सकता हैं सच में भेजा हो , नाम तों पूछती या पापा के ना आने का कारण , अज़ीब हैं पापा भी तुम्हारे ....archu थोड़ी नारा

खामोशी और दस्तक

आज ...एक लम्बे अंतराल के बाद archu अपने लिए कुछ वक्त निकाल पाई । शाम का समय ...कड़ाके की ठंड ...हल्की बारिश ....full volume में पसंदीदा गाने ...हाथ में चाय का कप और बालकनी में खड़ी अपने बगीचे को निहार rhi थी ...हर तरफ़ गुलाब और गुलदाउदी के फूल ....एक सुकूं का अहसास _____एकाएक उसकी नज़र सड़क की दूसरी ओर गई ....एक पेड़ के नीचे क़रीब दस - बारह साल की लड़की किसी का इंतज़ार कर रही थी ...लग रहा था काफ़ी वक्त से वहां खड़ी हैं ....archu ने नज़रंदाज़ कर दिया ...और अन्दर आ गई ...क़रीब आधे घंटे के बाद फ़िर

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 आज ...एक लम्बे अंतराल के बाद archu अपने लिए कुछ वक्त निकाल पाई । शाम का समय ...कड़ाके की ठंड ...हल्की बारिश ....full volume में पसंदीदा गाने ...हाथ में चाय का कप और बालकनी में खड़ी अपने बगीचे को निहार rhi थी ...हर तरफ़ गुलाब और गुलदाउदी के फूल ....एक सुकूं का अहसास _____एकाएक उसकी नज़र सड़क की दूसरी ओर गई ....एक पेड़ के नीचे क़रीब दस - बारह साल की  लड़की किसी का इंतज़ार कर रही थी ...लग रहा था काफ़ी वक्त से वहां खड़ी हैं ....archu ने नज़रंदाज़ कर दिया ...और अन्दर आ गई ...क़रीब आधे घंटे के बाद फ़िर

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