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Qamar Abbas
एसटीईटी 19 =========== भरी उड़ान मगर आकाश अनन्त मिला सफलता को सम्मान नहीं षड़यंत्र मिला इस जमा़ने में झुठों की कोई कमी नहीं है आह! हमें जो वादा मिला मनगढ़ंत मिला अब जाकर पता चला हमें ये सब लूटेरे हैं थें बरसों बरस भ्रम में के साधु संत मिला विकास की बातें कानों को भली लगती हैं सेवकों के भेष में बारहा दुष्ट सामंत मिला बिहार को लूटने वाले सफेदपोश नहीं हैं ऐसी चापलूसी करने वाला पुरा तंत्र मिला ख़ामोश रहकर जीने की आदत डाल लो जंगल राज के गुंडों से आज यही मंत्र मिला ©Qamar Abbas #STET2019
Qamar Abbas
stet2019 ====== न्याय मांगने की हमें जरूरत नहीं है जब भी मांगी तो ये मिलती नही है तारीख पे तारीख बदली मगर,केस फाईल बिल्कुल भी हिलती नहीं है भ्रम में जी रहें हैं गरीबों के लाल शायद कोई आकर करेगा कमाल मगर ये सौ फिसद सच है सुन लो ज़रा मजबूरों की किस्मत बदलती नहीं है सोचा था मेहनत से लिखेंगें भविष्य गरीबों का भला अब करेंगें नितिश मगर रात गहरी है और लम्बी बहुत ये आई है लेकिन अब ढ़लती नहीं है (क्रमशः) ©Qamar Abbas #STET2019
Qamar Abbas
एसटीईटी 19 =========== भरी उड़ान मगर आकाश अनन्त मिला सफलता को सम्मान नहीं षड़यंत्र मिला इस जमा़ने में झुठों की कोई कमी नहीं है आह! हमें जो वादा मिला मनगढ़ंत मिला अब जाकर पता चला हमें ये सब लूटेरे हैं थें बरसों बरस भ्रम में के साधु संत मिला विकास की बातें कानों को भली लगती हैं सेवकों के भेष में बारहा दुष्ट सामंत मिला बिहार को लूटने वाले सफेदपोश नहीं हैं ऐसी चापलूसी करने वाला पुरा तंत्र मिला ख़ामोश रहकर जीने की आदत डाल लो जंगल राज के गुंडों से आज यही मंत्र मिला ©Qamar Abbas एसटीईटी 19 #STET2019
Qamar Abbas
लूटेरे भी देते हैं भरोसा अपराधमुक्ती का और देते नहीं है कोई ब्योरा हमारे रिक्ती का कुर्सी से चिपके हैं हमारे सपनों को लूटकर मिलेगा इससे बड़ा दृष्टांत कहां आसक्ति का @STET_MERIT_2019 ©Qamar Abbas #stet2019
Qamar Abbas
stet2019 =========== कलयूग में संजय अंधें को अंधकार में रख्खेगा अंधां भी तो अक्ल को अपनी दीवार में रख्खेगा सत्य असत्य बराबर होगा कलयुग मति को मारेगा उल्लू की जमात को ईश्वर एक डार में रख्खेगा पढ़ने वाले अनपढ़ के साथ साथ ही दौड़ेंगें अनपढ़ मंत्री बेरोज़गारी उपहार में रख्खेगा मीठी-मीठी बातें करके सबको वह भरमाएगा जह़र भरी बातों को मूरख अखबार में रख्खेगा नैसर्गिक न्याय सिद्धांत की बातें बारबार दोहराएगा फिर घोड़े गद्हों को हा-हा एक कार में रख्खेगा मेरिट वालें पढ़-लिखकर आखों को अपनी फोड़ेंगे वह एक पल में उनकी मेहनत बेकार में रख्खेगा चुन-चुनकर अपना प्रतिनिधि जनता मोटा करवाएगी ऐसा प्रतिनिधि अशिक्षा गरीबी बिहार में रख्खेगा ©Qamar Abbas #stet2019
Qamar Abbas
stet2019 ======== क्या तुफान के बाद का नुक़सान नज़र आता है? क्या आपको आखों में अरमान नज़र आता है? सच है टुट-टुटकर बिखर जाते हैं अरमान हमारे, क्या वो ख़्वाबों का लूटेरा बेईमान नज़र आता है? हम तो रातों को जगे आए हैं बस इसी ख्वाहिश में, है जो उस्ताद ज़माने में वो सुल्तान नज़र आता है। कांप जाता हूं जो देखता हूं बदबख्त को अब भी, मेरे गुस्से में शोला और तूफान नज़र आता है? ऐसे बेशर्म - बेहया कैसे हो जाते हैं लोग बताएं, जो लूटकर हम सबको अंजान नज़र आता है? तोड़ देगें हर बाधा को जो राह में आएगा हमारे फाड़ सीने को समंदर के निकल आएगा किनारे इस जंग को जीतने का जोश जवानों में भरा है जूल्म पछताता हुआ शर्मिंदा किनारे पे खड़ा है ©Qamar Abbas #stet2019
Qamar Abbas
इंकलाब आएगा बेशक(stet2019) ================= ये दर्द अब सहने के काबिल नहीं है अपनी मेहनत का कोई हासिल नहीं है सोच़ता था कत्ल कैसे करेगा ये भला ये मासुम सुरत बिल्कुल कातिल नहीं है जब सुना जह़र आलुद मीठी बोली को कल हो गया मुझको यकी ये बंदा फाज़िल नहीं है दूर चल रुक नहीं पार कर तु फासला है यहां फरेबी लहर अपना साहिल नहीं है बेशक तु भरमाने की कोशिश पूरी कर पर ये रख पुरा यकीं यां कोई जाहिल नहीं है दर बदर की ठोकरे खाता रहा हूं आजतक मंजिल पे आकर ये सुना ये मंजिल नहीं है इंकलाब आएगा बेशक खुन को जा़या न कर जो मिला है निस्फ है ये कामिल नहीं है ©Qamar Abbas #STET2019
Qamar Abbas
क्रातिमय वाणि (stet2019) =============== उफ! क्या कहानी हो गया है सारा खुन पानी हो गया है हमारी रात दिन की मेहनतें क्यों आज बेमानी हो गया है हमारा हक छीनने वाला नेता सुना है बड़का दानी हो गया है हमारे असफल साथी कह रहे हैं संग उनके बेईमानी हो गया है टुटकर पेड़ो से पत्ते कह रहे हैं अब मौसम तुफा़नी हो गया है छीन लो हक़ बढ़कर आगे क्रांतिमय अब वाणि हो गया है ©Qamar Abbas #STET2019
Qamar Abbas
मेरिटधारी सबपे भारी(stet2019) ================= गुणवत्ता की अगर जरूरत है जान लो मेरिट ही एक सूरत है तुमने समझा हमे है बिलकुल गलत कलम से क्रांति हमारी तबियत है हमने जालिम को जड़ से नाश किया चाणक्य जैसी ही अपनी आदत है किस बात का अकड़ है तुममे भला टुटकर झुकना अब तेरी किस्मत है शिक्षक यू हीं नही बने है वोटो से ज्ञान की गंगा से अपनी सोहबत है इज्ज़त जाने से पहले मांग ले माफी माफ करना हमारी फितरत है ©Qamar Abbas #stet2019
Qamar Abbas
Alone #STET2019 ========= अभी भी वक्त है बदनामी न मोली जाए, मेरिट में जो शिक्षक है दर उनके लिए खोली जाए, बात दूर,दूर तलक जाती है मंत्री जी, बात बोली जो जाए तो तोल मोल के बोली जाए। ===== मेरिट =नाॅट इन मेरिट कभी नहीं हो सकता 👉केवल मेरिट👈 ©Qamar Abbas #aloneincrowd