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अदनासा-
अदनासा-
अदनासा-
अदनासा-
अदनासा-
अदनासा-
रहता है अपनी ही हर धुन में मगन नदी सा करें अठखेलियां लड़कपन ना वाह की फ़िक्र ना आह का ग़म बहुत लापरवाह है हर एक बचपन ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार।🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/6qZwPLB #हिंदी #लड़कपन #बचपन #Childhood #बाल्यकाल #Facebook #Pinterest #Instagram #ज़िन्दगी #अदनासा
चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार।🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/6qZwPLB #हिंदी #लड़कपन #बचपन #Childhood #बाल्यकाल #Facebook #Pinterest #Instagram #ज़िन्दगी #अदनासा #शायरी
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Abhay Bhadouriya
दूर मंजिल है मेरी और सफर भी लंबा है मुझे आदत है चलने की मुझे चलते रहना है । मैं तो चिराग हूं अंधेरी रात का मुझे जलकर मोम की तरह पिघलते रहना है। बीता है बचपन मेरा यूं ही लड़कपन में अब जिंदगी में आगे मुझे संभलते रहना है । किताबे वापस करना तो फ़क़त बहाना है मुझे तो बस तुमसे यूं ही मिलते रहना है । दूर मंजिल है मेरी और सफर भी लंबा है मुझे आदत है चलने की मुझे चलते रहना है । मैं तो चिराग हूं अंधेरी रात का मुझे जलकर मोम की तरह पिघलते रहना है। बीता है बचपन मेरा यूं ही लड़कपन में अब जिंदगी में आगे मुझे संभलते रहना है ।
दूर मंजिल है मेरी और सफर भी लंबा है मुझे आदत है चलने की मुझे चलते रहना है । मैं तो चिराग हूं अंधेरी रात का मुझे जलकर मोम की तरह पिघलते रहना है। बीता है बचपन मेरा यूं ही लड़कपन में अब जिंदगी में आगे मुझे संभलते रहना है । #gazal #ग़ज़ल #बहाना #abhaybhadouriya #ग़ज़ल_अभ्यास
read moresmriti ki kalam se
बचपन की सीढ़ी जो अभी-अभी मैंने पार करी है देखो अब कैसी छत पर निगाहें मेरी आ पड़ी है, किताबों की दुनिया में खोई थी जब तलक, बस तब तलक ही, दुनिया आसान शब्द में महफूज पड़ी थी मेरी। अब देखो कठिन से कठिन घड़ी भी साझेदारी की चौखट पर खड़ी मैं, बड़ी आसानी से झेल लेती हूं। धूप छांव अब महज दिन के ही नहीं, फकत सारी परिस्थितियों के भी मै बड़े विस्तार से अब महसूस कर रही हूं। #लड़कपन से युवापीढ़ी की ओर के खयालात। .. ©smriti ki kalam se
The Khushi Dhangar
कुछ खट्टे, कुछ मीठे, कुछ कड़वे, तो कुछ आज भी लबों पर हंसी लाते हैं, वो लड़कपन भरे जो लम्हे थे, आज वो लम्हे भी बड़े लुभाते हैं। _ The Khushi Dhangar Read full poetry in the description given below कुछ खट्टे, कुछ मीठे, कुछ कड़वे, तो कुछ आज भी लबों पर हंसी लाते हैं, वो लड़कपन भरे जो लम्हे थे, आज वो लम्हे भी बड़े लुभाते हैं।