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Rimjhim Roy
पता नहीं मुझें हक़ है या नहीं पर तुम्हारी परवाह करना अच्छा लगता हैं ©Rimjhim Roy #BahuBali #love👌😘🥰💕❤️ #रिमझिमग़ज़ल #loV€fOR€v€R❤️ #nojatohindi #nojatoquotes
Krish Vj
2) रिमझिम:- ग़ज़ल अब के सावन, यह बात हो गई अपने 'प्रेम' से मुलाकात हो गई सूखा था, हर मंज़र ज़िंदगी का आज सुकून की बरसात हो गई ख़ामोश लब थे, दोनों के कब से आज 'आँखों' से ही बात हो गई मशगूल थे हम आगोश में उनके हौले-हौले से कब ये रात हो गई वीरान था यह सावन बिन उनके मिले जो हम, ये करामात हो गई एहसास उमड़ पड़े कई "कृष्णा" ख़्वाब, हक़ीक़त के नाम हो गई #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkरिमझिम #रिमझिमग़ज़ल #कोराकाग़ज़ #रिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम 2) रिमझिम:- ग़ज़ल अब के सावन, यह बात हो गई अपने 'प्रेम' से मुलाकात हो गई सूखा था, हर मंज़र ज़िंदगी का आज सुकून की बरसात हो गई
Poonam Suyal
बादल (अनुशीर्षक में पढ़ें) बादल एक सैलाब को ख़ुद के अंदर समेटते रहे बादल जब सह ना सके तो आख़िर बरस ही गए बादल सब्र की इन्तहा उनकी हो गई थी पार अपने जज्बातों को कब तक छुपाते बादल
Nitesh Prajapati
रिमझिम (ग़ज़ल) रिमझिम बारिश की बूँदे बदलती है अपना रूप, कभी भाप तो कभी पानी लेकिन बरसती है तो धरा पर। साफ करती है यह पत्तों की धूल और देती है नवचेतन, लेकिन ओस की बूँदे गिरती है तो सिर्फ धरा पर। बारिश की बूँदे दो प्रेमियों को भीगाकर कराती है मिलन, दोनों को नई जिंदगी देकर गिरती है तो सिर्फ धरा पर। धरतीपुत्र के चेहरे पर चमक और मन को सुकून, देकर बरसती है रिमझिम बारिश की बूँदे धरा पर। भाप की बूँदे चाहे कितना भी छुप ले बादल में, सावन उसे गिराता है हमेंशा अपनी प्रेयसी धरा पर। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-2 #रिमझिम #kkरिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम #रिमझिमग़ज़ल #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़
Tarot Card Reader Neha Mathur
आज उनकी शोख अदाओं की बरसात हो रही है एहसास-ए-बूंदों की आसमां-ए-आरज़ू से मुलाकात हो रही है, संदल ख्वाहिश बाहों मे आने की राज-ए-बात हो रही है हिज्र में रूह-ए-तन्हाई की तासीर घात हो रही है, साकी की अदाओं से मयखाने में करामात हो रही है हुस्न की आशिकी पर नज़राना-ए-इनायात हो रही है, सुर्ख गुल की गुलशन-ए-बहार से खुशनुमा नग़्मात हो रही है मेरे शोख लबों की तेरी आंखों से सवालात हो रही है, दिल-ओ-ज़हन पर तेरी दिवानगी की असर की बात हो रही है तेरी मोहब्बत-ए-इबादत की मुझपर टूटकर बरसात हो रही है। दूसरा चरण:- रिमझिम गज़ल #creditgoogleimages #रिमझिम #kkरिमझिम #कोराकागजरिमझिम #रिमझिमग़ज़ल #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता
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वो बरसात की रात वो रूख़-ए-महताब सिखाया मुझे लिखना इश्क़ ए किताब, वो महकी सी ख़ुशबु वो भीगी सी रात वो आब-ओ-हवा वो महबूब का साथ, वो जश्न-ए-इश्क़ वो महकी सी कशिश मुकम्मल होने आयी दिल में रखी हुई बात, पहलू में बैठ नज़रों से बातें करते रहें इश्क़ की सीढ़ी चढ़ते रहें ना गुज़र जाए रात PC:- pixhome #रिमझिम #kkरिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम #रिमझिमग़ज़ल #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #yqdidi
yogesh atmaram ambawale
कौन है भला यहां ऐसा,जिसे अच्छा न लगे छाता घुमाना बारिश में, छत से हो या छतरी से,सभी को अच्छा लगे,हाथ में बुंदे लेना बारिश में| उठाकर गर्दन अपनी आसमान में,पानी की बूंदे लेना मुंह में, मजा आए,जो ना भीगे उसे भी खींच कर लाना,और भीगाना बारिश में| चले कोई आगे कोई पीछे चले थाम हाथ बारिश में, रास्ता जब समझ ना आए,एक दूजे का हाथ पकड़ साथ चले बारिश में| गरजे बादल बिजली चमके,धड़कन भी तेज हो जाए बारिश में, पेड़ो के भीगे पत्तों से गिरती बूंदे देखना भी,मन को भाए बारिश में| भीगना कतई पसंद नहीं "योगेश" को ऐसी बारिश में, फिर भी काफी मजा ले "योगेश",लोगों को मजा लेते देख इस बारिश में| चरण दूसरा.. कोशिश की है..देखते है| #रिमझिमग़ज़ल #kkरिमझिम #रिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम #विशेषप्रतियाेगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ कौन है भला यहां ऐसा,जिसे अच्छा न लगे छाता घुमाना बारिश में, छत से हो या छतरी से,सभी को अच्छा लगे,हाथ में बुंदे लेना बारिश में| उठाकर गर्दन अपनी आसमान में,पानी की बूंदे लेना मुंह में, मजा आए,जो ना भीगे उसे भी खींच कर लाना,और भीगाना बारिश में| चले कोई आगे कोई पीछे चले थाम हाथ बारिश में,
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रिमझिमनुमा ए ख़्वाहिश मिरे दिल में बड़ी अजीब सी ख़्वाहिश की चाहत गुलज़ार सी लगती, एक रिमझिमनुमा हकीक़त-ए-फुहार की चाहत मिरे दिल में गुलज़ार सी लगती, झाँकती मिरी मायूस आँखे आसमां से बरसती बूँदो को फ़रियाद-ए-पैग़ाम देने की चाहत मिरे दिल में गुलज़ार सी लगती, छोटी-छोटी बूँदो सी सुपुर्द-ए-ख़ाक सी होती लगती जमीं पर बहते पानी सी मिरी अधूरी ख़्वाहिशों की चाहत हकीक़त ए मुकम्मलात मिरे दिल में गुलज़ार सी लगती, काश के मुकद्दर ए च़राग रोशन मिरा भी हो जाये जब ख़ुदा की इनायत की बरसात मिरी बदनसीब ज़िन्दगी में बरसने की चाहत मिरे दिल में गुलज़ार सी लगती, दूसरा _चरण रिमझिम ग़ज़ल शीर्षक_रिमझिमनुमा-ए-ख़्वाहिश ग़ज़ल #रिमझिम #kkरिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम #रिमझिमग़ज़ल #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #tarunasharma0004
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