Best चित्रबोलतेहैं Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best चित्रबोलतेहैं Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about

  • 7 Followers
  • 15 Stories

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

'चित्र बोलते हैं' की दूसरी कड़ी आपके सामने प्रस्तुत है। चित्र को वर्णित करते हुए रचना लिखनी है। चित्र का वर्णन आप कैसे करेंगे यह पूर्णतया आप पर है। #चित्रबोलतेहैं से हमें टैग ज़रूर करें तभी हमारी टीम आपकी रचनाओं तक पहुंच पाएगी। रचना किसी भी विधा में हो सकती है। अगर रचना बड़ी हो रही हो तो आप अनुशीर्षक में भी रचनाओं को लिख सकते हैं। आभार! विशेष नोट - प्रथम कड़ी, द्वितीय एवं तृतीय कड़ी का सामूहिक परिणाम साथ मे प्रकाशित करेंगे। प्रथम कड़ी में लिखी गयी अधिकांश रचनाओं तक हम पहुंच गए हैं, कुछ रचनाएं अभी भी

read more
मौसम में बदलाव...परिवर्तन..निरन्तर चलता रहता है!प्रकृति में मौसम का,ऋतु का परिवर्तन जैसे ओढ़ा देता है बर्फ की चादर पेड़ों को,घरों को,रास्तों को,वैसा ही बदलाव आता है कभी-कभी रिश्तों में,संबंधों में,जो ला देता है बर्फ-सा सीलापन, ख़त्म कर देता है सारी नज़दीकियों की गर्मी को, दबा देता है सभी इच्छाओं को,भावनाओं को, एक मोटी बर्फीली 'चुप्पी' में...वो चुप्पी की सिला ...कभी टूटती है, कभी नहीं टूटती...पर इन्तज़ार सदैव बना रहता है.....तपते सूर्य के निकलने का....बर्फ़ के पिघलने का...!
(गद्य-शैली)
🌹 'चित्र बोलते हैं' की दूसरी कड़ी आपके सामने प्रस्तुत है। चित्र को वर्णित करते हुए रचना लिखनी है। चित्र का वर्णन आप कैसे करेंगे यह पूर्णतया आप पर है। #चित्रबोलतेहैं से हमें टैग ज़रूर करें तभी हमारी टीम आपकी रचनाओं तक पहुंच पाएगी।
रचना किसी भी विधा में हो सकती है। अगर रचना बड़ी हो रही हो तो आप अनुशीर्षक में भी रचनाओं को लिख सकते हैं।

आभार!

विशेष नोट - प्रथम कड़ी, द्वितीय एवं तृतीय कड़ी का सामूहिक परिणाम साथ मे प्रकाशित करेंगे। प्रथम कड़ी में लिखी गयी अधिकांश रचनाओं तक हम पहुंच गए हैं, कुछ रचनाएं अभी भी

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

हमारे पिछले लेख के प्रश्न पर जिन सुधि पाठकों ने अपने मत रखे, उन सभी का अभिनंदन। वाक़ई मात्र हमें ही नहीं अपितु अन्य पाठकों को भी टिप्पणियों से बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ। आप सभी का आभार। अब आज के लेख पर बात! हमारा आज का लेख हमारे 'चित्र बोलते हैं' प्रतियोगिता की प्रथम कड़ी है। इन प्रतियोगिता में आपको दिए हुए चित्र पर आधारित रचना लिखनी होगी। शर्त यह है कि रचना चित्र को व्यक्त कर रही हो। चित्रों पर लिखी सबसे अच्छी रचनाओं को हम अपने 'हाईलाइट्स' में साझा किया करेंगे और उनके लेखकों के नाम भी घोषित किया क

read more
विचलित,अचंभित स्तब्ध प्रभु
देख सम्मुख जलराशि अपार
किस विधि उनको राह मिले 
पहुँचे कैसे अब जानकी पास
मित्रवर संग खड़े उपाय खोजते
किस प्रयत्न मानें सागर महाराज
🌹 हमारे पिछले लेख के प्रश्न पर जिन सुधि पाठकों ने अपने मत रखे, उन सभी का अभिनंदन। वाक़ई मात्र हमें ही नहीं अपितु अन्य पाठकों को भी टिप्पणियों से बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ। आप सभी का आभार।

अब आज के लेख पर बात!
हमारा आज का लेख हमारे 'चित्र बोलते हैं' प्रतियोगिता की प्रथम कड़ी है। इन प्रतियोगिता में आपको दिए हुए चित्र पर आधारित रचना लिखनी होगी। शर्त यह है कि रचना चित्र को व्यक्त कर रही हो।

चित्रों पर लिखी सबसे अच्छी रचनाओं को हम अपने 'हाईलाइट्स' में साझा किया करेंगे और उनके लेखकों के नाम भी घोषित किया क

Asha Giri

'चित्र बोलते हैं' की दूसरी कड़ी आपके सामने प्रस्तुत है। चित्र को वर्णित करते हुए रचना लिखनी है। चित्र का वर्णन आप कैसे करेंगे यह पूर्णतया आप पर है। #चित्रबोलतेहैं से हमें टैग ज़रूर करें तभी हमारी टीम आपकी रचनाओं तक पहुंच पाएगी। रचना किसी भी विधा में हो सकती है। अगर रचना बड़ी हो रही हो तो आप अनुशीर्षक में भी रचनाओं को लिख सकते हैं। आभार! विशेष नोट - प्रथम कड़ी, द्वितीय एवं तृतीय कड़ी का सामूहिक परिणाम साथ मे प्रकाशित करेंगे। प्रथम कड़ी में लिखी गयी अधिकांश रचनाओं तक हम पहुंच गए हैं, कुछ रचनाएं अभी भी

read more
काश्मीर के उस मनोरम्य दृश्य को देखने,लालायित है मेरी काया,
उन चीड़ चीनार के वृक्षों के नीचे चाहती है पाना कुछ पल का साया।
बर्फ से सजे घर द्वार कैसे लगते है, है मुझे ये देखना
मुझ गरीब के नसीब में शायद मन भरना है इन्ही तस्वीरो को देख निहारना।
 'चित्र बोलते हैं' की दूसरी कड़ी आपके सामने प्रस्तुत है। चित्र को वर्णित करते हुए रचना लिखनी है। चित्र का वर्णन आप कैसे करेंगे यह पूर्णतया आप पर है। #चित्रबोलतेहैं से हमें टैग ज़रूर करें तभी हमारी टीम आपकी रचनाओं तक पहुंच पाएगी।
रचना किसी भी विधा में हो सकती है। अगर रचना बड़ी हो रही हो तो आप अनुशीर्षक में भी रचनाओं को लिख सकते हैं।

आभार!

विशेष नोट - प्रथम कड़ी, द्वितीय एवं तृतीय कड़ी का सामूहिक परिणाम साथ मे प्रकाशित करेंगे। प्रथम कड़ी में लिखी गयी अधिकांश रचनाओं तक हम पहुंच गए हैं, कुछ रचनाएं अभी भी

Atul Waghade

'चित्र बोलते हैं' शृंखला की तीसरी कड़ी आपके समक्ष प्रस्तुत है। इस तीसरी कड़ी मे आपको चित्र से जुड़ी हुई कोई कविता अथवा कहानी लिखनी है। आपकी कहानी/कविता में ये चित्र एक दृश्य के रूप में भी आ सकता है या जैसा आप इसका प्रयोग करना चाहें। आप पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं। #चित्रबोलतेहैं अपनी रचना के अंत में अवश्य जोड़ें ताकि हम आपकी रचनाओं तक पहुंच सकें। #चित्रबोलतेहैं #हिंदी_साहित्य #सत्यम_भुयान ० चित्र स्रोत : फोटोग्राफर सत्यम भुयान (Satyam Bhuyan, @i.satyam5 )

read more
सुंदर से नाव में खड़ा हुआ
ओर अंधेरा को उजाला छटता हुआ। 'चित्र बोलते हैं' शृंखला की तीसरी कड़ी आपके समक्ष प्रस्तुत है।
इस तीसरी कड़ी मे आपको चित्र से जुड़ी हुई कोई कविता अथवा कहानी लिखनी है। आपकी कहानी/कविता में ये चित्र एक दृश्य के रूप में भी आ सकता है या जैसा आप इसका प्रयोग करना चाहें। आप पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं।

#चित्रबोलतेहैं अपनी रचना के अंत में अवश्य जोड़ें ताकि हम आपकी रचनाओं तक पहुंच सकें।

#चित्रबोलतेहैं #हिंदी_साहित्य #सत्यम_भुयान

० चित्र स्रोत : फोटोग्राफर सत्यम भुयान (Satyam Bhuyan, @i.satyam5 )

Atul Waghade

'चित्र बोलते हैं' शृंखला की तीसरी कड़ी आपके समक्ष प्रस्तुत है। इस तीसरी कड़ी मे आपको चित्र से जुड़ी हुई कोई कविता अथवा कहानी लिखनी है। आपकी कहानी/कविता में ये चित्र एक दृश्य के रूप में भी आ सकता है या जैसा आप इसका प्रयोग करना चाहें। आप पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं। #चित्रबोलतेहैं अपनी रचना के अंत में अवश्य जोड़ें ताकि हम आपकी रचनाओं तक पहुंच सकें। #चित्रबोलतेहैं #हिंदी_साहित्य #सत्यम_भुयान ० चित्र स्रोत : फोटोग्राफर सत्यम भुयान (Satyam Bhuyan, @i.satyam5 )

read more
मेरी नाव ओर मेरा किनारा 
अकेला सफर और
तुफानों से लड़ने का इरादा मेरा।

घना अंधेरा वहां पेड़ों का दुतर्फा बसेरा
किसीकी आवाज़ भी ना आये 
वह रहस्यों से भरे स्थल में चला।

रोमांचकारी ये अनुभव मेरा
मेरी नाव ओर मेरा किनारा।
 'चित्र बोलते हैं' शृंखला की तीसरी कड़ी आपके समक्ष प्रस्तुत है।
इस तीसरी कड़ी मे आपको चित्र से जुड़ी हुई कोई कविता अथवा कहानी लिखनी है। आपकी कहानी/कविता में ये चित्र एक दृश्य के रूप में भी आ सकता है या जैसा आप इसका प्रयोग करना चाहें। आप पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं।

#चित्रबोलतेहैं अपनी रचना के अंत में अवश्य जोड़ें ताकि हम आपकी रचनाओं तक पहुंच सकें।

#चित्रबोलतेहैं #हिंदी_साहित्य #सत्यम_भुयान

० चित्र स्रोत : फोटोग्राफर सत्यम भुयान (Satyam Bhuyan, @i.satyam5 )

Atul Waghade

'चित्र बोलते हैं' की दूसरी कड़ी आपके सामने प्रस्तुत है। चित्र को वर्णित करते हुए रचना लिखनी है। चित्र का वर्णन आप कैसे करेंगे यह पूर्णतया आप पर है। #चित्रबोलतेहैं से हमें टैग ज़रूर करें तभी हमारी टीम आपकी रचनाओं तक पहुंच पाएगी। रचना किसी भी विधा में हो सकती है। अगर रचना बड़ी हो रही हो तो आप अनुशीर्षक में भी रचनाओं को लिख सकते हैं। आभार! विशेष नोट - प्रथम कड़ी, द्वितीय एवं तृतीय कड़ी का सामूहिक परिणाम साथ मे प्रकाशित करेंगे। प्रथम कड़ी में लिखी गयी अधिकांश रचनाओं तक हम पहुंच गए हैं, कुछ रचनाएं अभी भी

read more
दूर तक सिर्फ सफेद सा बर्फ फैला हुआ है
उसमें वो ख्वाबों का एक घर बसा हुआ है। 'चित्र बोलते हैं' की दूसरी कड़ी आपके सामने प्रस्तुत है। चित्र को वर्णित करते हुए रचना लिखनी है। चित्र का वर्णन आप कैसे करेंगे यह पूर्णतया आप पर है। #चित्रबोलतेहैं से हमें टैग ज़रूर करें तभी हमारी टीम आपकी रचनाओं तक पहुंच पाएगी।
रचना किसी भी विधा में हो सकती है। अगर रचना बड़ी हो रही हो तो आप अनुशीर्षक में भी रचनाओं को लिख सकते हैं।

आभार!

विशेष नोट - प्रथम कड़ी, द्वितीय एवं तृतीय कड़ी का सामूहिक परिणाम साथ मे प्रकाशित करेंगे। प्रथम कड़ी में लिखी गयी अधिकांश रचनाओं तक हम पहुंच गए हैं, कुछ रचनाएं अभी भी

Atul Waghade

हमारे पिछले लेख के प्रश्न पर जिन सुधि पाठकों ने अपने मत रखे, उन सभी का अभिनंदन। वाक़ई मात्र हमें ही नहीं अपितु अन्य पाठकों को भी टिप्पणियों से बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ। आप सभी का आभार। अब आज के लेख पर बात! हमारा आज का लेख हमारे 'चित्र बोलते हैं' प्रतियोगिता की प्रथम कड़ी है। इन प्रतियोगिता में आपको दिए हुए चित्र पर आधारित रचना लिखनी होगी। शर्त यह है कि रचना चित्र को व्यक्त कर रही हो। चित्रों पर लिखी सबसे अच्छी रचनाओं को हम अपने 'हाईलाइट्स' में साझा किया करेंगे और उनके लेखकों के नाम भी घोषित किया क

read more
कठिनाईयों से भरा हुआ 
ये महासागर कितना बढा़ हुआ
कैसे करें पार भगवान ,
उस पार जाना असंभव लग रहा यहां।

तब जपे सब नाम राम राम..
पत्थर पर लिखे सब नाम राम..






 हमारे पिछले लेख के प्रश्न पर जिन सुधि पाठकों ने अपने मत रखे, उन सभी का अभिनंदन। वाक़ई मात्र हमें ही नहीं अपितु अन्य पाठकों को भी टिप्पणियों से बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ। आप सभी का आभार।

अब आज के लेख पर बात!
हमारा आज का लेख हमारे 'चित्र बोलते हैं' प्रतियोगिता की प्रथम कड़ी है। इन प्रतियोगिता में आपको दिए हुए चित्र पर आधारित रचना लिखनी होगी। शर्त यह है कि रचना चित्र को व्यक्त कर रही हो।

चित्रों पर लिखी सबसे अच्छी रचनाओं को हम अपने 'हाईलाइट्स' में साझा किया करेंगे और उनके लेखकों के नाम भी घोषित किया क

Anamika Nautiyal

नाम क्या है तुम्हारा ? अच्छा जाने दो मैं मिसाल दे रही हूँ तुम हाँ में सर हिला देना। दिखते तो तुम ठीक-ठाक ही हो...अम्मम हाशिम? उमर भी ठीक है पढ़े लिखे भी होगें शायद दानिश..? राशिद

read more
शम्स....   नाम क्या है तुम्हारा ?

 अच्छा जाने दो मैं मिसाल दे रही हूँ तुम हाँ में सर हिला देना।

 दिखते तो तुम ठीक-ठाक ही हो...अम्मम  हाशिम? 

 उमर भी ठीक है पढ़े लिखे भी होगें शायद दानिश..? राशिद

Anamika Nautiyal

ऊँची नीची पहाड़ियाँ जो हर मौसम में अडिग रहती हैं मानो प्रकृति ने इन्हें प्रहरी के रूप में तैनात किया हो ।कोई हरी तो कोई सफेद चादर ओढ़े हुए। उन पर देवदार चीड़ और न जाने कितने औषधीय गुणों के पेड़ पौधे ऐसे ही टाँके गए हैं जैसे सुहागन की चुनरी पर सितारे..पहाड़ियों से बहती हुई नदियाँ और झरने जैसे चुनरी से निकलते हुए धागे। उन्हीं पहाड़ों की तलहटी पर बसा हुआ था एक छोटा सा गाँव...एक सामान्य गाँव की तरह उसकी भी एक दिनचर्या थी बस भौगोलिक परिस्थितियाँ होने से थोड़ी सी भिन्न थी। खेती और उससे जुड़े कामका

read more
वो झोपड़ी... 

 ऊँची नीची पहाड़ियाँ जो हर मौसम में अडिग रहती हैं मानो प्रकृति ने इन्हें प्रहरी के रूप में तैनात किया हो ।कोई हरी तो कोई सफेद चादर ओढ़े हुए। उन पर देवदार चीड़ और न जाने कितने औषधीय गुणों के पेड़ पौधे ऐसे ही टाँके गए हैं  जैसे सुहागन की चुनरी पर सितारे..पहाड़ियों से बहती हुई नदियाँ और झरने जैसे चुनरी से निकलते हुए धागे। उन्हीं पहाड़ों की तलहटी पर बसा हुआ था एक छोटा सा गाँव...एक सामान्य गाँव की तरह उसकी भी एक दिनचर्या थी बस भौगोलिक परिस्थितियाँ होने से थोड़ी सी भिन्न थी। खेती और उससे जुड़े कामका

आ नं द

'चित्र बोलते हैं' शृंखला की तीसरी कड़ी आपके समक्ष प्रस्तुत है। इस तीसरी कड़ी मे आपको चित्र से जुड़ी हुई कोई कविता अथवा कहानी लिखनी है। आपकी कहानी/कविता में ये चित्र एक दृश्य के रूप में भी आ सकता है या जैसा आप इसका प्रयोग करना चाहें। आप पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं। #चित्रबोलतेहैं अपनी रचना के अंत में अवश्य जोड़ें ताकि हम आपकी रचनाओं तक पहुंच सकें। #चित्रबोलतेहैं #हिंदी_साहित्य #सत्यम_भुयान ० चित्र स्रोत : फोटोग्राफर सत्यम भुयान (Satyam Bhuyan, @i.satyam5 )

read more
ज़रूरी तो नहीं
         हर सफ़र में
                   हमसफर हो 'चित्र बोलते हैं' शृंखला की तीसरी कड़ी आपके समक्ष प्रस्तुत है।
इस तीसरी कड़ी मे आपको चित्र से जुड़ी हुई कोई कविता अथवा कहानी लिखनी है। आपकी कहानी/कविता में ये चित्र एक दृश्य के रूप में भी आ सकता है या जैसा आप इसका प्रयोग करना चाहें। आप पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं।

#चित्रबोलतेहैं अपनी रचना के अंत में अवश्य जोड़ें ताकि हम आपकी रचनाओं तक पहुंच सकें।

#चित्रबोलतेहैं #हिंदी_साहित्य #सत्यम_भुयान

० चित्र स्रोत : फोटोग्राफर सत्यम भुयान (Satyam Bhuyan, @i.satyam5 )
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile