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Abhishek Trehan
दूर तलक सुलगती हुई रेत है पानी की गहरी प्यास है दूर बहता कहीं एक दरिया है और साहिल मेरे पास है ये कैसी बेचैनी है कैसी ये साजिश है उलझन भी मीठी लगती है नए मौसम की पहली बारिश है मेरा मुझमें कुछ बचा नहीं सबकुछ नाम तेरे कर आया हूं बस जाओ मेरी अब रूह में तुम बस इतनी सी गुज़ारिश है... ©abhishek trehan 🎀 Challenge-351 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Arunima Thakur
इश्क की साजिश है या वक्त की गुजारिश ए दिलकश आ तुझे प्यार बेहिसाब कर लूं इश्क का नजारा रंगीन हैं जग सारा रंगों की तरह आ तुझे जीवन में भर लूं आजा कि तेरे इश्क के रंग में डूब जाऊँ बाँहों में भरकर अपना तन मन रंग लू 🎀 Challenge-351 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Snigdharani Panda
कहना है एक बात तुमसे, तुम मुझे मिल गये हो है कोई साज़िश इश्क़ की या फिर मिले हो तुम नसीब से॥ इश्क़ की साज़िश से हमें तुमसे प्यार हो गयी, और देखो ये नसीब की बात इश्क़ हुआ और फिर मुलाकात हो गयी॥ 🎀 Challenge-351 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Divyanshu Pathak
हम रोज़ अपने दिल में महफ़िल सजाते हैं। किसी दिन आओ तुम ये उम्मीद लगाते हैं। कुछ लम्हें जो गुज़र गए और जो बाक़ी हैं , ज़हन में उभरते सफ़र करते घूम जाते हैं । जब अंधेरा हो घना रास्ता दिखता न हो। मेरे सारे स्वप्न जुगनू से रास्ता दिखाते हैं। 🎀 Challenge-351 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Asha Giri
इश्क़ की साजिश थी,मुझे अकेला रखने की। देखकर लोगों के इश्क़ को, मन ही मन घुटने की। न देते अगर हम,खानदान की इज्ज़त आबरू को अहं, तो शायद हम भी इश्क़ लडाते,और हो जाते बेशरम। सभी का ख्याल इश्क़ के मामले में अलग होता है, फिर क्यों समझते हो उसे बेवकूफ़ जो मर्यादा में रहता है । हमने वही किया जो अपने बडों से शिक्षा पाई है, उनकी बातों का मान रखना,नहीं हमारे लिए खिंचाई है 🎀 Challenge-351 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Prerit Modi सफ़र
साजिश ए इश्क़ ने तेरे, मुझ बेरंग को रंगों से भर दिया ज़र्फ़ ए दिल था मेरा खाली खाली उसे लबरेज़ कर दिया तेरी तलब ने मुझे अब रात दिन बेचैन कर दिया होता नहीं असर मुझे किसी बात का कुछ ऐसा तेरा असर हो गया तेरी क़ुरबत की ही चाहत है 'सफ़र' को अब और कुछ नहीं मैं सफ़र पर था एक मुद्दत से अब तू ही मेरी मंज़िल हो गया 🎀 Challenge-351 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
अभिलाष सोनी
करते हैं वो हमसे वफ़ा की गुजारिश, चाहते हैं वो हमसे इश्क़ की बारिश। भूल गए है वो प्यार की ख्वाहिश, मिलने की वो दुआ और सिफारिश। मिलना हमारा लिखा था किस्मत में, कुछ ऐसी थी ये इश्क़ की साज़िश। 🎀 Challenge-351 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat इश्क़ की शाजिश क्या कमाल की फरमाइश दिल में छिपी एक ख्वाहिश शतरंज की बाजिया करती मुकदमों की सुनवाई या, हकीकत को करती सारे आम रुसवाई या, इश्क़ को चढ़ाते सुली भरोसे की कहानी लगती बस खिलवाड़ दोगले पन की निशानी, 🎀 Challenge-351 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
DR. SANJU TRIPATHI
तुझे देख कर तेरे हुस्न के बीमार हो गए। देख कर जलवे हम तेरे तलबगार हो गए। बेचैनियां बढ़ने लगी शहनाईयां बजने लगी। ख्वाहिशों में तेरी अब हमारी रातें कटने लगी। वादा था खुद से इश्क की गलियों में न जायेंगें। इश्क की साजिशों में हम खुद गिरफ्तार हो गए। 🎀 Challenge-351 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Sangeeta Patidar
खोकर होश दिल, शुरू-शुरू में करता है इश्क़ की ख़्वाहिश, बातों-मुलाक़ातों में होने लगती है, फिर इश्क़ की सिफ़ारिश। इंतज़ार की घड़ियाँ बुनने लगती हैं, रोज़ नये-नये ख़्वाब भी, वादों-इरादों में बढ़ने लगती है यूँ ही फिर इश्क़ की फ़र्माइश। ग़लतफ़हमियों का दौर दिखाता, असली दुनिया का आईना, हदों-हिसाबों में करने लगती फ़ुर्सत फिर इश्क़ की साज़िश। 🎀 Challenge-351 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।