Find the Best sagarparasher Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutsagar love shayari, twilight saga love quotes, the twilight saga new moon in hindi, best shayari of sagar, the twilight saga new moon 2009 cast 10,
Sagar Parasher
White सपने में सपना देखा था थी दूर एक बड़े पेड़ की छांव, सुलगती धूप की प्रताड़ना थी जल चुके थे मेरे पांव। मैं जितना चलता उसकी ओर वो उतना ही दूर जा रहा था, मृगतृष्णा का अर्थ कुछ आज मेरी समझ में आ रहा था। दर्द और तड़पन में मेरा कुछ कर दिया था बुरा हाल, बचने की ना कोई राह थी दर्शन देने वाला ही था काल। जाने कहाँ से अचानक वो एक आशा की किरण बन आई, बन कर बादल की मेघा वो थी सकल नील गगन में छायी। जी उठा था मन वो जो छोड़ चुका था हर आस, वो दुल्हन सी सजी थी और मैंने पहना था दूल्हे का लिबास। चल रही थी रस्में बारिश ने सब कुछ बहा दिया, बड़ी देर लगी समझने में की माँ ने गिरा कर पानी उठा दिया। बस यही थी मेरी कहानी जिसमें सारा, सपना रेत सा बह गया, और कुछ इस तरह उस दिन (या कहें रात) मैं फिर से दूल्हा, बनते बनते रह गया।। ©Sagar Parasher #love_poetry #HindiPoem #funnypoetry #random_thoughts #sagarparasher #sagarkivaani
Sagar Parasher
White भागती दौड़ती जिंदगी, हर रोज नई एक जंग, याद आता है घर का चूल्हा, शहर कर रहा है ये तंग। लिखना को था बहुत कुछ, पर शब्द पड़ गए हैं कम, लक्ष्य भी है दूर बहुत, और थोड़ा थक गए हैं हम। जिंदगी की दौड़ रोज सी, यूँ ही भागी है, जिंदगी के आगे सपनों ने जिंदगी त्यागी है। कहने को हम आजाद है लेकिन, जिम्मेदारियाँ हजार है, अपने से ज्यादा क्योंकि, हमें अपनों से प्यार है। कहते हैं लोग बहुत कि ऐसे जीता है कौन, हँसता चेहरा रोती आँखें, लेकिन सदा रहती है मौन। पुरानी सोच वाले हम, ना जिंदगी अपनों से प्यारी है, लड़ते - चलते जीवन की ये जंग यूँ ही जारी है।। ©Sagar Parasher #GoodNight #writing #sagarparasher #sagarkivaani
#GoodNight #writing #sagarparasher #sagarkivaani
read moreSagar Parasher
White किस को हराऊँ, किस से जीतूं उलझन सी ये मेरे मन में है, पूछूं भी तो किस से भला मेरा द्वंद्व ही अंतर्मन से है। ये धरती ये अम्बर सब चुप है और तारे भी कहीं खोए गगन में है, कहने को चाँद आया तो है पर चाँदनी कहीं गुमसुम सी इस तम में है।। कुछ हलचल सी फिर सुनी मैंने थी दूर एक पेड़ की शाख, चहचहा रहा था बहुत वहाँ अंडे से निकला था नवजात। जंग लड़ने नहीं वो तो बस प्यारा जीवन जीने ही आया था, हमने भी तो कहाँ चुनी थी मन में सुलगी हुई ये आग ।। वीर धीर ना यूँ जीवन खोते वे वही काटते जो वो बोते, मेरे अंदर से निकली आवाज क्यों ऐसे बीज़ बोता तू आज। ये अल्प है जीवन ऊपर से समय भी कम, कि ना कर तू एक पल भी बर्बाद कहे सागर सा बहता मन आज।। ©Sagar Parasher #Thinking #emotions #sagarparasher #sagarkivaani
#Thinking #Emotions #sagarparasher #sagarkivaani
read moreSagar Parasher
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited