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Manish Raaj
ज़रा देख --------- तेरी आंखों का काजल मेरी जुबां की स्याही है तेरे क़दम मेरी ज़िंदगी का हमसफ़र, हमराही है तेरी ख़ुशबू से ये दिल धड़कता है तेरी सांसों से मुझमें तेरी जां जाँ बस्ती है जब भी देखे दर्पण में तुझे मेरा ही अक्स झलकता है ज़रा देख मेरी परछाईं को उसमें तेरा ही रूह उभरता है मनीष राज ©Manish Raaj #ज़रा देख
Rabindra Kumar Ram
" ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये, मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये, मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले, आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये , --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये, मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये, मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले, आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये , --- रबिन्द्र राम #ज़िक्र #महज़ #ख़्याल#आंखों #फ़राज़ #ज़रा #लुफ्त #सितमगर
Mukesh Meet
कोई बात होकर खफा मत कहो, उसी बात को सौ दफा मत कहो। आप समझो जरा मेरी मजबूरियां, कुछ भी कहो बेवफा मत कहो।। ©Mukesh Meet #समझो#ज़रा#मेरी#मेरी#मजबूरियां
Rabindra Kumar Ram
" कुछ गुमान लिये फिर रहे हो आंखों में , कोई हंसी मजाक हैं क्या जो कहना साफ साफ कहना , इस कदर कभी कही भी अभी मैंने दिल लगाया नहीं ." जो जुबान हैं आंखों का ज़रा हाले ए दिल साफ साफ कहना . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " कुछ गुमान लिये फिर रहे हो आंखों में , कोई हंसी मजाक हैं क्या जो कहना साफ साफ कहना , इस कदर कभी कही भी अभी मैंने दिल लगाया नहीं ." जो जुबान हैं आंखों का ज़रा हाले ए दिल साफ साफ कहना . " --- रबिन्द्र राम #गुमान #हंसी #मजाक
Ashutosh Mishra
अभी ना जाओ छोड़ कर,चले जाना ज़रा ठहरो। अभी जी भर कर देखा नहीं,चले जाना ज़रा ठहरो। हवाओं के ये हल्के हल्के झोंके कुछ कह रहे हैं, चले जाना ज़रा ठहरो। की शाम की ये लाली, शरमा रही है,चले जाना ज़रा ठहरो। अभी-अभी तो आऐ हो,चले जाना ज़रा ठहरो। कुछ दिल का हाल तो कह दे,चले जाना ज़रा ठहरो। अल्फ़ाज़ मेरे,✍️🙏🏻🙏🏻 ©Ashutosh Mishra #ज़रा ठहरो NojotoHindi NojotoEnglish NojotoNews Nojotothought NojotoShayari
Deepak Kumar Katariya
Rabindra Kumar Ram
" हम खो बैठे हैं अपनी सराफत , तेरी मदहोश आंखों में डुब के , अब ये इल्ज़ाम भी मुझे जायज होगा , सराफत के बेरुखी से ज़रा बदनाम ही अच्छे . " --- रबिन्द्र राम " हम खो बैठे हैं अपनी सराफत , तेरी मदहोश आंखों में डुब के , अब ये इल्ज़ाम भी मुझे जायज होगा , सराफत के बेरुखी से ज़रा बदनाम ही अच्छे . " --- रबिन्द्र राम #मदहोश #इल्ज़ाम #जायज
Rabindra Kumar Ram
" मिलो ज़रा चाय - काफी के बहाने , यूं मुहब्बत बेज़ारी में समझ नहीं आती , मिला करो ज़रा तुम किसी ना किसी बहाने , यूं मुहब्बत के कसीदे दुरियों से समझ नहीं आती ." --- रबिन्द्र राम " मिलो ज़रा चाय - काफी के बहाने , यूं मुलाकात बेज़ारी में समझ नहीं आती, मिला करो ज़रा तुम किसी ना किसी बहाने , यूं मुहब्बत के कसीदे दुरियों से समझ नहीं आती . " --- रबिन्द्र राम #चाय #काफी#मुलाकात #बेज़ारी