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Best ज़िक्र Shayari, Status, Quotes, Stories

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Hina Kumari my Instagram ID @Rakesh radhika sarda

#SunSeअपने विचारों से लड़ने की कोशिश मत करो, उन्हें अपने ऊपर नियंत्रण दिए बिना आने और जाने दो। जब आप कुछ भी नहीं कर रहे होते,न शरीर से,न मन से, न बुद्धि से तब आप अपने साथ होते हैं...🙏🌹 like comment share Facebook #महसूस #Bhakti #ज़िक्र

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Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** करें तो क्या करें *** " दिल गवारा ना करें तो क्या करें , तेरे बगैर फिर गुजारा ना करें तो क्या करें , उल्फते-ए-हयाते में ज़िक्र तेरा आज भी हैं , अब तेरा महज ज़िक्र भी ना करें तो क्या करें , मिलना तो मुकम्बल हुआ ही नहीं , #ख्याल #कविता #रूह #तिश्नगी #रुसवाई #मलाल

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*** ग़ज़ल *** 
*** करें तो क्या करें ***

" दिल गवारा ना करें तो क्या करें ,
तेरे बगैर फिर गुजारा ना करें तो क्या करें ,
उल्फते-ए-हयाते  में ज़िक्र तेरा आज भी हैं ,
अब तेरा महज ज़िक्र भी ना करें तो क्या करें ,
मिलना तो मुकम्बल हुआ ही नहीं ,
तेरे हिज़्र में दिन और रात का गुजारा ना करें तो क्या करें ,
उल्फते-ए-हयाते ज़िक्र तेरा आज भी हैं ,
ऐसे भी इस रुसवाई में ना जिये भला तो क्या करें ,
मलाल हैं अब तेरे बाद मलाल अब कुछ भी ना रह जायेगा ,
तिश्नगी हैं अब मलाल कुछ भी तेरे बगैर मलाल कुछ भी नहीं रह जायेगा ,
रूह-ए-ख़्वाबीदा हूं जाने कब से इस उल्फत में तुझे मेरा ख्याल जाने कब आयेगा . " 

                         --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** 
*** करें तो क्या करें ***

" दिल गवारा ना करें तो क्या करें ,
तेरे बगैर फिर गुजारा ना करें तो क्या करें ,
उल्फते-ए-हयाते  में ज़िक्र तेरा आज भी हैं ,
अब तेरा महज ज़िक्र भी ना करें तो क्या करें ,
मिलना तो मुकम्बल हुआ ही नहीं ,

Rabindra Kumar Ram

" कल'अदम कर दे ख्याले-ए-ज़िक्र तेरा , कोई ना कोई वास्ता नहीं फिर क्यों हैं ज़िक्र तेरा , ग़ुनूदगी में रहते हैं जानें मैं कब तक तेरे क़फ़स में रहूं , मलाल तेरा फिर कुछ यूं हो की फिर कोई मलाल ना हो तेरा . " --- रबिन्द्र राम #कल'अदम ( invalid) #ख्याले-ए-ज़िक्र #वास्ता #ज़िक्र #शायरी

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" कल'अदम कर दे ख्याले-ए-ज़िक्र तेरा ,
कोई ना कोई वास्ता नहीं फिर क्यों हैं ज़िक्र तेरा ,
ग़ुनूदगी में रहते हैं जानें मैं कब तक तेरे क़फ़स में रहूं ,
मलाल तेरा फिर कुछ यूं हो की फिर कोई मलाल ना हो तेरा . " 

                     --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " कल'अदम कर दे ख्याले-ए-ज़िक्र तेरा ,
कोई ना कोई वास्ता नहीं फिर क्यों हैं ज़िक्र तेरा ,
ग़ुनूदगी में रहते हैं जानें मैं कब तक तेरे क़फ़स में रहूं ,
मलाल तेरा फिर कुछ यूं हो की फिर कोई मलाल ना हो तेरा . " 

                     --- रबिन्द्र राम 

#कल'अदम ( invalid) #ख्याले-ए-ज़िक्र #वास्ता #ज़िक्र

Rabindra Kumar Ram

" दिल से ज़िक्र की इक ख़्वाहिश लेकर बैठे हैं , मुहब्बत की निगाह हर तरफ कर के बैठे हैं , कहीं मिलती जो तुम तो फिर करता मैं बातें , मुख्तलिफ एहसासों को महज गुमनाम कर बैठे हैं . " --- रबिन्द्र राम #ज़िक्र #ख़्वाहिश #मुहब्बत #निगाह #शायरी

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"  दिल से ज़िक्र की इक ख़्वाहिश लेकर बैठे हैं ,
मुहब्बत की निगाह हर तरफ कर के बैठे हैं ,
कहीं मिलती जो तुम तो फिर करता मैं बातें ,
मुख्तलिफ एहसासों को महज गुमनाम कर बैठे हैं . "

                            --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram "  दिल से ज़िक्र की इक ख़्वाहिश लेकर बैठे हैं ,
मुहब्बत की निगाह हर तरफ कर के बैठे हैं ,
कहीं मिलती जो तुम तो फिर करता मैं बातें ,
मुख्तलिफ एहसासों को महज गुमनाम कर बैठे हैं . "

                            --- रबिन्द्र राम 

 #ज़िक्र #ख़्वाहिश #मुहब्बत #निगाह

Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** मौजुदगी *** " यूं होने को बात ये भी हैं , किसी ऐवज में कभी तेरे , कभी मेरे पले में आयेगा , वजूद फिर किस में किस की तलाश की जाये , जो जिस्म से तेरी खुशबू आयेगा , #मुहब्बत #शायरी #वस्ल #अदावत #एहतराम #ज़िक्र #मुख्तलिफ #रफ़ाक़त

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*** ग़ज़ल ***
*** मौजुदगी *** 

" यूं होने को बात ये भी हैं ,
किसी ऐवज में कभी तेरे ,
कभी मेरे पले में आयेगा ,
वजूद फिर किस में किस की तलाश की जाये ,
जो जिस्म से तेरी खुशबू आयेगा ,
ख्वाब मेरा महज़ मेरा ख्वाब ना हो ,
इसमें तेरी मौजूदगी की तलाश तो मुकम्बल हो ,
तसव्वुर के ख्यालों के नुमाइश में ,
किस किस को चेहरा और तेरा नाम देता फिरे ,
फिर कहीं ऐसा हो तेरी मौजूदगी हो और ,
मेरी - तेरी जुस्तजू की तलब कोई मुकाम ले ले‌ ,
यूं होने को मुस़ाफिर हम भी हैं ,
फिर किसी बात पे राजी तुम भी हो ,
बस्ल हो ऐसा की हमारे रफ़ाक़त पे यकीन आये ,
क्यों ना तेरा ख्वाब मुसलसल कर लें ,
मैं चाहे जिस जद में रहूं क्यों ना ,
फिर भी तुझसे इक मुलाकात कर लें ,
हम तेरा एहतराम यूं ही करेंगे ,
मुहब्बत ना भी हो तो मुहब्बत का भ्रम रखेंगे ,
मिल जा बिछड़ जा फिर कहीं मुख्तलिफ बात की अदावत ठहरी ,
यूं तेरा ज़िक्र बामुश्किल भी नहीं ,
करते हैं जो एहतराम ऐसे में . "
 
                       --- रबिन्द्र राम


 #मौजुदगी #वस्ल #रफ़ाक़त #मुहब्बत 
#मुख्तलिफ #अदावत #ज़िक्र #एहतराम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल ***
*** मौजुदगी *** 

" यूं होने को बात ये भी हैं ,
किसी ऐवज में कभी तेरे ,
कभी मेरे पले में आयेगा ,
वजूद फिर किस में किस की तलाश की जाये ,
जो जिस्म से तेरी खुशबू आयेगा ,

Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** कुछ बात *** " इतना तो इत्मीनान कर लेने दे , ज़िक्र तेरा आज‌ भी कुछ कर लेने दे‌ , होती नहीं मुलाकातें दिलचस्प तो क्या , तसब्बुर के ख़्यालो की नुमाइश कर‌‌ लेने दे‌ , फिर‌ कहीं तु मिल‌ ना‌ मिल कहीं ऐसे‌ में , #शायरी #गुमनामी #फ़ुर्सत #क़फ़स

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*** ग़ज़ल ***
*** कुछ बात ***

" इतना तो इत्मीनान कर लेने दे ,
ज़िक्र तेरा आज‌ भी कुछ कर लेने दे‌ ,
होती नहीं मुलाकातें दिलचस्प तो क्या  ,
तसब्बुर के ख़्यालो की नुमाइश कर‌‌ लेने दे‌ ,
फिर‌ कहीं तु मिल‌ ना‌ मिल कहीं ऐसे‌ में ,
कहीं गुमनामी मे‌ कहीं तेरा नाम ले‌ लेने‌ दे ,
फ़ुर्सत में नहीं कहीं तु भी मुझे याद कर लें ,
बगैर बातों के भी कुछ बात कर लें ,
कोई‌ कश्क आज भी हैं मेरे क़फ़स में ."

                    --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल ***
*** कुछ बात ***

" इतना तो इत्मीनान कर लेने दे ,
ज़िक्र तेरा आज‌ भी कुछ कर लेने दे‌ ,
होती नहीं मुलाकातें दिलचस्प तो क्या  ,
तसब्बुर के ख़्यालो की नुमाइश कर‌‌ लेने दे‌ ,
फिर‌ कहीं तु मिल‌ ना‌ मिल कहीं ऐसे‌ में ,

Rabindra Kumar Ram

" फ़कत ये है नहीं होता कि तुमसे कुछ बातें करते हम , मेरे ज़िक्र से रुसवाईयां ताउम्र यूं तुम रखोगे , जहां तक लगें चाहना तुम बेसबब कहीं बिछड़ जाना तुम, जहां तक दिल को ज़िक्र गुंजाइश मंज़ूर ना लगे . " --- रबिन्द्र राम #फ़कत #ज़िक्र #रुसवाईयां #बेसबब #ज़िक्र #गुंजाइश #मंज़ूर #शायरी

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"  फ़कत ये है नहीं होता कि तुमसे कुछ बातें करते हम ,
मेरे ज़िक्र से रुसवाईयां ताउम्र यूं तुम रखोगे ,
जहां तक लगें चाहना तुम बेसबब कहीं बिछड़ जाना तुम,
जहां तक दिल को ज़िक्र गुंजाइश मंज़ूर ना लगे . " 

                           --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram "  फ़कत ये है नहीं होता कि तुमसे कुछ बातें करते हम ,
मेरे ज़िक्र से रुसवाईयां ताउम्र यूं तुम रखोगे ,
जहां तक लगें चाहना तुम बेसबब कहीं बिछड़ जाना तुम,
जहां तक दिल को ज़िक्र गुंजाइश मंज़ूर ना लगे . " 

                           --- रबिन्द्र राम

#फ़कत #ज़िक्र #रुसवाईयां #बेसबब  #ज़िक्र #गुंजाइश #मंज़ूर

Rabindra Kumar Ram

" ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये, मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये, मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले, आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये , --- रबिन्द्र राम #ज़िक्र #महज़ #ख़्याल#आंखों #फ़राज़ #ज़रा #लुफ्त #सितमगर #शायरी

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" ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये,
मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये,
मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले,
आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये ,

                           --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये,
मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये,
मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले,
आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये ,

                           --- रबिन्द्र राम
 #ज़िक्र  #महज़ #ख़्याल#आंखों #फ़राज़ #ज़रा #लुफ्त #सितमगर

अदनासा-

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Bhavana kmishra

#ज़िक्र तुम्हारा Mili Saha @gyanendra pandey Ra J Atul Pramanik SAUD ALAM R K Mishra " सूर्य " Simab Eak Ehsaas Lalit Saxena SURAJ PAL SINGH अब्र (Abr) Sunita Pathania भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Vickram AD Grk Ambika Mallik अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर Anil Ray Puja Udeshi Balwinder Pal Poonam Suyal #शायरी

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