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Shishpal Chauhan
याद आया वह गुजरा जमाना, जिसमें पढ़ते थे वह स्कूल पुराना।। याद है वह पल-पल दोस्तों के संग बिताना, कभी प्यार तो कभी गुस्सा दिखाना।। किसी बात पर शर्माना, फिर रूठना और मानना।। वो मंद-मंद मुस्काना, बड़ा मुश्किल था एक पल भी मित्रों के बिन बिताना।। अतीत हो गया वह गुजरा जमाना, अध्यापक के सामने बनाते थे अजीब-सा बहाना।। कभी सिर दर्द तो कभी पेट दर्द का बहाना बनाना, चोरी-छिपे खेलने जाना।। बैठकर अपने बड़ों के कंधे पर स्कूल जाना, अब तो वह बन गया केवल अफसाना।। कॉफी के पेज फाड़ना, फिर कागज की नाव बनाना।। वो दीवारों पर लिखना, खड़े होकर पहाड़े बोलना।। कितना प्यारा था बचपन बैठ चूल्हे के पास जमीन पर खाना खाना, मिट्टी का घर बनाना और फिर उनको मिटाना।। बैठ टीलों पर आसमान के तारे गिनना, चांद को चंदा मामा कहना।। वो बारिश के दिनों में नहाना, पानी में घंटों लेट लगाना।। याद आया वह गुजरा जमाना, याद आया वह गुजरा जमाना।। ©Shishpal Chauhan #पुरानी_यादें
tripi
यादें भी बच्चों की तरह होती हैं जब मन हुआ तब बंद दरवाजों की डोर बेल बजा देते हैं। ©tripi #Gooorning #यादें #पुरानी_यादें #dairy #old_memories #अकेले #बातें
विवेक तिवारी
आज फिर से मेरी उससे बात हुई और पुरानी यादें ताजा हो गई लेकिन आज की बात में वो पहले जैसी बात नही थी उनका नजरिया और लहजा बदला बदला सा था ©विवेक तिवारी #पुरानी_यादें
Suditi Jha
इतने दिन से न लिखा जिस शख्स ने कुछ आज उसके अल्फाज आए , पढ़ कर लगा वो दिमाग में आज उसके छाया है, जिससे उसको मोहब्बत थी लगता है आज वो शख्स उसे फिर याद आया है।। ©Suditi Jha #Khilna #पुरानी_यादें #Ex #याद #Missing #लव #Relationship #Nojoto
सतीश तिवारी 'सरस'
कोर्स से गायब कहानियाँ ©सतीश तिवारी 'सरस' #पुरानी_यादें
Balli
पास आ जा बचपन दो घड़ी के लिए फिर एक साथ बैठकर बातें करेंगे तू मेरी सुनना मैं तेरी सुनुगा एक दूसरे की आंखों में आंखे डालकर देखेंगे तू वही पुरानी बचपन की बातें सुनना मैं तुझे आज की उलझनों का हवाला दूंगा तू वही पुराने घर, रिश्ते और दोस्तो खेल कूद और बीते हुए लम्हों के कुछ दर्द कुछ खुशियां सुनाकर मेरे चेहरे पर मुस्कान खिलाना मैं तुझे आज मेरे नए घर, लोन और ईएमआई, रिश्तों की कड़वहाट, भागम भाग, रोज का रोना, सुनाकर तुझे सान कर दूंगा तू मुझे साथ बैठकर बचपन की उन गली कूचों के इर्दगिर्द घूमना जब हम थक जायेंगे मैं फिर तेरे साथ वापस फिर एक बार उस दौर में जीने की कोशिश करूंगा कुछ बदल सकते नही अब फिर भी थोड़े धीमे से, मैं तुझे और तू मुझे जीने की कोशिश करना कभी तेरे कंधे पर अपना सिर रखकर कभी तू मेरा हाथ पकड़कर उन बचपन के दिनों में जीने की कोशिश करेंगे भले ही हाथ की हथेलियां ऑस के पानी जैसे भीग जाए बस इतना फर्क होगा अब हमारे पास वो टाइम बदलने की हिम्मत नही है फिर मैं वैसे ही कुछ पल साथ में तू भी और मैं भी जी लेंगे थोड़ा हंस लेगे थोड़ा रोककर दिली गिले शिकवो को खत्म कर लेगे तू जिस कादर भी मिले..... ©Balli #बचपन #जिंदगी #life #पुरानी_यादें
Gautam_Anand
हाय रे समय कहाँ लाके तूने छोड़ा मेरा दिल तूने तोड़ा तुझे तरस ना आया तूने लहू जो रुलाया हाय रे समय, हाय - हाय रे समय... तूने प्रीत मेरी छीनी काहे छीनी नहीं साँसें दे के दर्द - ए - जुदाई क्यूँ दी बैरी उसकी यादें मेरे मन को दुखाया जीवन नीर में डुबोया हाय रे समय, हाय - हाय रे समय... तन से आत्मा बिछोड़ा काहे उम्र बढ़ा दी बैरी हो के सजनवा तूने जीने की सजा दी कैसा खेल तूने खेला बिछड़ा मुझसे मेरा साया हाय रे समय, हाय - हाय रे समय... 29.07.1999 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #पुराना_प्यार #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
यूँ उम्र में तब्दीलियों के साथ बदलते रहे अपने हालात कल तक नहीं थी ये बंदिशें जो रोकती हैं हर कदम दूरियाँ ही रह गई अब मिलता कहाँ है तेरा साथ.... 08.01.1998 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
हालात बने कुछ ऐसे हम पा ना सके तुमको चाहत से ज्यादा थी जरूरत मेरी, मेरे ग़म को इंसा ही तो हैं आखिर कब तक नहीं रोयेंगे बेबस हो अगर यूँ तो उतर आये लहू पत्थर को मज़बूरी के मारों को मोहब्बत कहाँ रास आए चाहत में नहीं कुछ ये मिटा भी दें अगर खुद को माज़ी की मोहब्बत में दिवाना हुए ऐसे डूबे ना भँवर में हम ना पा ही सके साहिल को 29.12.1998 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
दक्षिण से उदय होना सूर्य का अमावस्या में दिखना चाँद का सहरा में उमड़ना सागर का लहरों पे टिकना हर्फ़ों का मुट्ठी में होना हवाओं का अँधेरे में होना परछाइयों का जिस तरह असंभव है प्रकृति में घटित होना इन घटनाओं का शामिल हो रहा है इन्हीं घटनाओं में अपना प्यार एक और असंभव की तरह मैं जानता हूँ संभव नहीं है ख़ुदा तक पहुँचना अपनी दुआओं का फिर भी मैं हर उम्मीद के मिट जाने के बाद ग़र एक लम्हा भी संभव हो मिल जाना हमारी रेखाओं का तो संभव है इस युग में मिल जाना खुदाओं का.... 26.12.1995 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #yqbaba #yqdidi