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Sudheesh Shukla

Sudheesh Shukla

Shishpal Chauhan

tripi

विवेक तिवारी

Gautam_Anand

हाय रे समय
कहाँ लाके तूने छोड़ा
मेरा दिल तूने तोड़ा
तुझे तरस ना आया
तूने लहू जो रुलाया
हाय रे समय, हाय - हाय रे समय...
तूने प्रीत मेरी छीनी
काहे छीनी नहीं साँसें
दे के दर्द - ए - जुदाई
क्यूँ दी बैरी उसकी यादें
मेरे मन को दुखाया
जीवन नीर में डुबोया
हाय रे समय, हाय - हाय रे समय...
तन से आत्मा बिछोड़ा
काहे उम्र बढ़ा दी
बैरी हो के सजनवा
तूने जीने की सजा दी
कैसा खेल तूने खेला
बिछड़ा मुझसे मेरा साया
हाय रे समय, हाय - हाय रे समय...           29.07.1999 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #पुराना_प्यार #yqbaba #yqdidi

Gautam_Anand

यूँ उम्र में
तब्दीलियों के साथ
बदलते रहे
अपने हालात
कल तक नहीं थी
ये बंदिशें
जो रोकती हैं
हर कदम
दूरियाँ ही रह गई
अब मिलता कहाँ है
तेरा साथ....
08.01.1998 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #yqbaba #yqdidi

Gautam_Anand

हालात बने कुछ ऐसे हम पा ना सके तुमको
चाहत से ज्यादा थी जरूरत मेरी, मेरे ग़म को

इंसा ही तो हैं आखिर कब तक नहीं रोयेंगे
बेबस हो अगर यूँ तो उतर आये लहू पत्थर को

मज़बूरी के मारों को मोहब्बत कहाँ रास आए
चाहत में नहीं कुछ ये मिटा भी दें अगर खुद को

माज़ी की मोहब्बत में दिवाना हुए ऐसे
डूबे ना भँवर में हम ना पा ही सके साहिल को

29.12.1998 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #yqbaba #yqdidi

Gautam_Anand

दक्षिण से उदय होना सूर्य का
अमावस्या में दिखना चाँद का
सहरा में उमड़ना सागर का
लहरों पे टिकना हर्फ़ों का
मुट्ठी में होना हवाओं का
अँधेरे में होना परछाइयों का
जिस तरह असंभव है
प्रकृति में घटित होना
इन घटनाओं का
शामिल हो रहा है
इन्हीं घटनाओं में अपना प्यार
एक और असंभव की तरह
मैं जानता हूँ संभव नहीं है
ख़ुदा तक पहुँचना अपनी दुआओं का
फिर भी मैं हर उम्मीद के मिट जाने के बाद
ग़र एक लम्हा भी संभव हो
मिल जाना हमारी रेखाओं का
तो संभव है 
इस युग में मिल जाना खुदाओं का....            26.12.1995 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #yqbaba #yqdidi

Gautam_Anand

आँखों से
देखकर भी तो
ये मोहब्बत गँवारा थी मुझे
क्यूँ लग रहा है
मैंने तेरे दामन को दाग़दार किया
वो एहसासों की चाहत भी कभी
कम तो ना थी
जो निष्पाप
तेरे जिस्म को छूकर
ये गुनाह किया
जिस बेख़ुदी ने यूँ
मुजरिम बनाया है हमें
उसने मेरे गुनाह में
बेवजह
तुझे शामिल है किया
अपने रिश्तों पे
जो इल्ज़ाम लगाया मैंने
उसकी कोई भी सजा
दे दे मुझको
पर तू गंगा ही रहे
सदा के लिये...... 
26.12.1995 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #yqbaba #yqdidi
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