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Gautam_Anand
उम्र के इस मोड़ पर काफ़ी कुछ स्पष्ट होने लगे हैं वर्तमान जीवन के आसपास के अनुभव आज मैं बीता हुआ कल नहीं सोच रहा और भविष्य के लिए वैसी गंभीरता भी नहीं आई है वर्तमान में जी रहा हूँ हाँ, आज का सच तो ये है कि किसी ना किसी तरह मन को कष्ट मिलता ही है और अब मानसिक कष्ट को महसूस कर खुद को आँसू बहाने से रोक नहीं पाता हूँ वजह सिर्फ ये कि कोई मेरी जगह सोचता नहीं आज मन पर एक छोटा सा दबाव भी पहाड़ हो जाता है अब तो अपनी इच्छाओं का दमन करने लगा हूँ वैसी तो कोई इच्छाएं भी नहीं हैं मेरी सिर्फ इतनी कि कुछ खास समय कुछ करने की चाहत नहीं होती लेकिन यही मेरा सबसे बड़ा दोष है इन दिनों..... July 1990 My Academics & dark days #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
उम्र के इस मोड़ पर जीवन की शायद सबसे कठिन परीक्षा की घड़ी जहाँ से शुरू होती सीढियाँ मंज़िल की ओर पहली सीढ़ी से ही पस्त हाल अब दोष दूँ भी तो किसे अपनी असफलता के लिए सिर्फ खुद को...... May 1990..... My Board results 1990, निराशा का पहला साक्षात्कार #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
हाँ ये मुमकिन तो नहीं फिर भी निभाना होगा अब किसी ग़ैर से मुझको प्यार करना होगा 17.02.1995 #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
साथी तुम्हारे बिन जीना है अब मुश्किल बेजान हूँ मैं और धड़कता नहीं है दिल तुमसे मिलने के पहले तो कभी ना ऐसा होता था हम अपने में रहते थे दिल चैन से सोता था एक पल में ये क्या हो गया दिल मेरा था तेरा हो गया अब तेरे बिना ये दिल धड़कने के नहीं काबिल ऐसा क्या हुआ है जो मैं तेरे बिन नहीं रह पाऊँ जो दिल मेरा कहता है मैं कैसे तुम्हें समझाऊँ ऐसा क्यूँ होता है दिल तेरे लिए रोता है मेरी आँखें हुई सागर और तुम हुए साहिल 04.12.1994 #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi
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धोखा दिया है ज़िन्दगी ने हर मोड़ पर मुझे किस्मत ने भी हराया तुमसे छीन कर मुझे जब ज़िन्दगी से दूर थे तो तुमसे आ मिले तुमसे हुए करीब तो फिर दूर क्यूँ हुए होना ही था जो दूर तो फिर क्यूँ मिले मुझे इस ज़िन्दगी से मुझको कोई उम्मीद थी नहीं और ना ही मैंने इससे कभी चाही कोई ख़ुशी ग़म से नहीं दुखी था तो क्यूँ दी ख़ुशी मुझे इतना बता दे और मुझे कितना लूटेगी ऐ ज़िन्दगी जमाने में क्या बस मुझसे रूठेगी ग़म की ही हो सही मगर मंज़िल तो दे मुझे 16.02.1995 #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
बहुत सूनी सूनी सी हो गई है ये ज़िन्दगी ढूँढता हूँ हर घड़ी जाने किसकी है कमी ना लोग बेगाने यहाँ ना ही परायी है ज़िन्दगी अपनों की भीड़ में ये तनहाई कहाँ से आ गई हर तरफ के शोर में खामोशियाँ भी हैं घुली हँसते चेहरों के दरमियाँ मायूस भी है कोई ग़म की वजह कोई नहीं ग़मगीन सा मैं हूँ मगर याद अब वो आता नहीं आँखों में क्यूँ है नमीं 22.10.1994 #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
दो घड़ी को भले दिल दुखा जाएगा तुम्हें यूँ ही बिछड़ना आ जाएगा कल की सुबह तू मुझसे बिछड़ जाएगी ये भी सच है तेरी आँख भर आएगी और सफर में मेरी याद तड़पाएगी मिलके अपनों से मन फिर बहल जाएगा तुम्हें यूँ ही बिछड़ना आ जाएगा एक पल भी जुदाई ना सह पाएगा पर दिवाना विदा तुझको कर आएगा तेरी ख़ुशियों से आँसू चुरा लाएगा तुझे ग़ैरों के संग हँसना आ जाएगा तुम्हें यूँ ही बिछड़ना आ जाएगा जिस तरह संग ग़ैरों के हँस लेती हो हँसते हँसते जुदाई भी सह लेती हो मेरे बिन भी जो मन को मना लेती हो तुम्हें मुझको भुलाना यूँ आ जायेगा तुम्हें यूँ ही बिछड़ना आ जाएगा तेरे जाते ही मैं तन्हा हो जाऊँगा सच कहूँ तो घड़ी भर ना जी पाऊँगा तेरी राहों में आँखों को रख आऊँगा तेरी यादों में यूँ हर एक दिन जायेगा तुम्हें यूँ ही बिछड़ना आ जाएगा 29.02.1999 #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
हाय रे समय कहाँ लाके तूने छोड़ा मेरा दिल तूने तोड़ा तुझे तरस ना आया तूने लहू जो रुलाया हाय रे समय, हाय - हाय रे समय... तूने प्रीत मेरी छीनी काहे छीनी नहीं साँसें दे के दर्द - ए - जुदाई क्यूँ दी बैरी उसकी यादें मेरे मन को दुखाया जीवन नीर में डुबोया हाय रे समय, हाय - हाय रे समय... तन से आत्मा बिछोड़ा काहे उम्र बढ़ा दी बैरी हो के सजनवा तूने जीने की सजा दी कैसा खेल तूने खेला बिछड़ा मुझसे मेरा साया हाय रे समय, हाय - हाय रे समय... 29.07.1999 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #पुराना_प्यार #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
वो बचपन की उन्मुक्तता वो संग तुम्हारे खेलना दिन रात का तब साथ वो हँसी ठिठोली खेल वो स्वच्छंद बचपन की नादानियों से कितने आह्लादित हुए तब सबके मन अब कनखियों से देखते हैं सब तो लगता है क्यूँ हुई ये तब्दीलियाँ ये क्या हुआ आखिर हमें यूँ हो गए क्यूँ हम बड़े ये एहसास क्यूँ पनप गए 08.01.1998 #पुरानी_डायरी #बचपन #yqbaba #yqdidi
Gautam_Anand
यूँ उम्र में तब्दीलियों के साथ बदलते रहे अपने हालात कल तक नहीं थी ये बंदिशें जो रोकती हैं हर कदम दूरियाँ ही रह गई अब मिलता कहाँ है तेरा साथ.... 08.01.1998 #पुरानी_डायरी #पुरानी_यादें #yqbaba #yqdidi