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Raj
झुके नही वह मुगलों से,अनुबंधों को ठुकरा डाला |l मातृ भूमि की भक्ति का, नया प्रतिमान बना डाला || राष्ट्र एवं धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले,वीरता और दृढ संकल्प के प्रतीक राष्ट्रीय गौरव वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती पर शत शत नमन🙏💐🙏 ©Raj rajpoot #वीरता #वीरशिरोमणि #पराक्रमी #अदम्यसाहसी #महाराणाप्रताप
#वीरता #वीरशिरोमणि #पराक्रमी #अदम्यसाहसी #महाराणाप्रताप
read moreArpit Singh
" चढ़ चेतक पर तलवार उठा, रखता था भूतल पानी को। राणा प्रताप सिर काट-काट, करता था सफल जवानी को। सेना-नायक राणा के भी, रण देख देखकर चाह भरे। मेवाड़ सिपाही लड़ते थे। दूने तिगुने उत्साह भरे॥" ©Arpit Singh #महाराणाप्रताप जय हो,🙏🙏🙏🙏🙏🙏
#महाराणाप्रताप जय हो,🙏🙏🙏🙏🙏🙏
read moreashutosh anjan
मातृभूमि के ऋण चुकाने आया एक मतवाला था, आत्म स्वतंत्रता की परिभाषा गढ़ पिया विष का प्याला था। चलता था चेतक सवार जब मुग़लो का मान-मर्दन करने वाला था, कहते है जितने वजन का अकबर था,उससे ज्यादा तो महाराणा का भाला था। आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है जो कि इस वर्ष 25 मई को पड़ेगी। स्वतंत्रता को अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानने वाले महाराणा प्रताप भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि हैं। साहस व संस्कार के बल पर कैसे एक व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकता है इसकी ज़िंदा मिसाल स्वयं महाराणा प्रताप हैं।
आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है जो कि इस वर्ष 25 मई को पड़ेगी। स्वतंत्रता को अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानने वाले महाराणा प्रताप भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि हैं। साहस व संस्कार के बल पर कैसे एक व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकता है इसकी ज़िंदा मिसाल स्वयं महाराणा प्रताप हैं।
read moreAnita Saini
एक राजपूत योद्धा जिसने हार कभी न मानी थी, जिसको मुग़लों की न करनी कभी ग़ुलामी थी। अकबर की जिसने सारी अकड निकाली थी, स्वाभिमान के रक्षक ने, मर्यादा दी अपनी कुर्बानी थी मातृभूमि की रक्षा हेतु, युद्ध में हल्दीघाटी अपने लहू से रंग डाली थी। हे! महाराणा, आपकी वीरगति ने, अकबर की आँख नमकर डाली थी। आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है जो कि इस वर्ष 25 मई को पड़ेगी। स्वतंत्रता को अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानने वाले महाराणा प्रताप भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि हैं। साहस व संस्कार के बल पर कैसे एक व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकता है इसकी ज़िंदा मिसाल स्वयं महाराणा प्रताप हैं।
आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है जो कि इस वर्ष 25 मई को पड़ेगी। स्वतंत्रता को अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानने वाले महाराणा प्रताप भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि हैं। साहस व संस्कार के बल पर कैसे एक व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकता है इसकी ज़िंदा मिसाल स्वयं महाराणा प्रताप हैं।
read morePawAn SolAnki
संसार कर्मवीरो की ही सुनती है अतः अपने कर्म पथ पर विपरीत परिस्थितियों में भी अडिग और प्रशस्त रहने का नाम ही है ___" महाराणा प्रताप__,, #maharanapratap #महाराणाप्रताप
#maharanapratap #महाराणाप्रताप
read morearrey.oh.chachu
चेतक महाराणा प्रताप का सबसे प्यारा और प्रसिद्ध घोडा था। उसने हल्धि घटी के युद्ध के दौरान अपने प्राणों को खो कर बुद्धिमानी, निडरता, स्वामिभक्ति और वीरता का परिचय दिया। चेतक की वह बात भी बहुत यादगार है जिसमे उसने मुगलों को पीछे आते देख महाराणा प्रताप की रक्षा करने के लिए बरसाती नाले को लांघते समय वीरगति की प्राप्ति हुई। Na Ab Woh Maalik Rahe Na Woh Wafadaari Rahee. Kahaan Gaye Woh Deen #KahaanGayeWohDeen आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है जो कि इस वर्ष 25 मई को पड़ेगी। स्वतंत्रता को अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानने वाले महाराणा प्रताप भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि हैं। साहस व संस्कार के बल पर कैसे एक व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकता है इसकी ज़िंदा मिसाल स्वयं महाराणा प्रताप हैं।
आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है जो कि इस वर्ष 25 मई को पड़ेगी। स्वतंत्रता को अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानने वाले महाराणा प्रताप भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि हैं। साहस व संस्कार के बल पर कैसे एक व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकता है इसकी ज़िंदा मिसाल स्वयं महाराणा प्रताप हैं।
read morevishnu prabhakar singh
योद्धा सबल प्रबल अड़ा रहा स्वाधीनता के बल खड़ा रहा युद्ध नीति का स्तम्भ बनकर मुगलों के विरुद्ध रहा तनकर चेतक पर रहा वीर महाराणा मुगलों का समझ ताना-बाना संघर्ष किया घास के रोटी पर हल्दी घाटी जीता चुनौती धर अंतिम सांस तक संघर्ष ठाना माँ भारती के सुपुत्र महाराणा रक्षा का अनूठा पराक्रम। महाराणा प्रताप की जय।। आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है जो कि इस वर्ष 25 मई को पड़ेगी। स्वतंत्रता को अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानने वाले महाराणा प्रताप भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि हैं। साहस व संस्कार के बल पर कैसे एक व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सक
रक्षा का अनूठा पराक्रम। महाराणा प्रताप की जय।। आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है जो कि इस वर्ष 25 मई को पड़ेगी। स्वतंत्रता को अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानने वाले महाराणा प्रताप भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि हैं। साहस व संस्कार के बल पर कैसे एक व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सक
read morePS T
मने कोई भी पूछे राजस्थान रो है राजस्थान में कठा रो जिलो कस्यो है थारो कस्यां वतऊँ थाणे चितौड़गढ़ मेवाड़ महाराणा प्रताप री धरती छाती फूली जावे न रोंगटा उबा वेइ जावे... मुझे कोई पूछता है राजस्थान का है राजस्थान में कहां से जिला कौनसा है क्या बताऊँ चितौड़गढ़ मेवाड़ महाराणा प्रताप की धरती बताने में ही सीन चौड़ा हो जाता है रोंगटे खड़े हो जाते हैं #pra #महाराणाप्रताप #yqkakasa #मेवाड़ #राजस्थान #चित्तौड़गढ़ #विजयस्तम्भ
#pra #महाराणाप्रताप #yqkakasa #मेवाड़ #राजस्थान #चित्तौड़गढ़ #विजयस्तम्भ
read moreVibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs ❤❤ अखंड वीरता की मिसाल था वो..... हिंदुस्तान की ढाल था वो.... हाथ में धर भाल को सदैब शत्रुओं का काल था वो.... गाथायें तो इतिहास की बहुत सी सुनि हैं हमने..... पर अपने आप में कमाल था वो... 🙏नमन🙏 है उस अखंड वीर शक्ति को ..... वो कोई और नहीं,महाराणा भारत का वीर लाल था वो..... ✍️Vibhor vashishtha vs आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है जो कि इस वर्ष 25 मई को पड़ेगी। स्वतंत्रता को अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानने वाले महाराणा प्रताप भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि हैं। साहस व संस्कार के बल पर कैसे एक व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकता है इसकी ज़िंदा मिसाल स्वयं महाराणा प्रताप हैं।
आप सभी को महाराणा प्रताप जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईस्वी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। विक्रमी संवत कैलेंडर के अनुसार यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है जो कि इस वर्ष 25 मई को पड़ेगी। स्वतंत्रता को अपने प्राणों से भी अधिक प्रिय मानने वाले महाराणा प्रताप भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि हैं। साहस व संस्कार के बल पर कैसे एक व्यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना कर सकता है इसकी ज़िंदा मिसाल स्वयं महाराणा प्रताप हैं।
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