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Yogi Sonu
कहते है एक बच्चा था जिसकी भविष्य वाणी की गई थी की वह 17 साल के होते ही मृत्यु को प्राप्त हो जायेगा ।। वह बच्चा धीरे धीरे बड़ा होने लगा वह घड़ी भी आई जब वह 17 की उम्र तक पहुंचा वह शिव के पत्थर को पकड़ कर बैठ गया और कहते है उसकी कभी मृत्यु ही नही हुई।। हालाकि की यह कहानी झूठी प्रतीत होती है पर है वास्तविक क्योंकि वह शिव तत्व के साथ एक हो गया ।। और जो शिव तत्व के साथ एक हो जाए वह ध्यान से वंचित रह कैसे सकता है।। फिर शरीर जाय या रहे क्या फर्क पड़ता है उसने वास्तविक अमृत को जान लिया और पा लिया ।। आज महाशिव रात्रि है जागरण का अच्छा दिन मध्य रात्रि ध्यान करने का सबसे अदभुत पल ।। शिव की पूजा अर्चना स्तुति करने का सबसे अच्छा दिन।। ©Yogi Sonu आज महाशिव रात्रि है जागरण का अच्छा दिन मध्य रात्रि ध्यान करने का सबसे अदभुत पल ।। #aadiyogi #shiv #yogisonu #yogisonugami #shivkadinshivratri #mahashivratri #womeninternational
ಲಕುಮಿಕಂದ ಮುಕುಂದ
ಬಾ ಕರುಣಾಳು ಅಗೋಚರ ಶಕ್ತಿಯೇ ಬದುಕಿಗೆ ಐಸಿರಿಯಾಗಿ ನೀನು.. ಬಾ ಅನವರತ ಕಾಯುತಿದೆ ಮನಸು ಕೈ ಹಿಡಿದು ನೆಡೆಸಿಬಿಡು ಪ್ರಭುವೆ.. #yqkannada #yqjogi #shiva #aadiyogi #bolenath #trinetra #YourQuoteAndMine Collaborating with ಪಂಚಮಿ
Namit Raturi
पर्याय ही अनंत हो जिसके उसे कैसे उतारुं कागजों पे.. #shiva #aadiyogi #sanatan #unexplainable #parambrahma #gangadhar #mahashivratri #jaishivshambhu
Manaswin Manu
चौदह भुवनों के जो स्वामी जो सकल सृष्टि के रक्षक है वो महाकाल वो महारुद्र वो जो दुर्गुण के भक्षक हैं चंद्र, सूर्य, और अग्नि तीनो हैं जिनके त्रिनयन बने वो विश्वरूप, वो रामेश्वर हर स्वास कि जिनका पवन बने वो नीलकंठ, वो गंगाधर शशिशेखर, औघड़दानी है वो शिव शम्भू, वो शर्भेश्वर डमरूधर, वो शूलपाणि है वो आदियोगी, वो आदिगुरु जग के कर्ता, जग के कारण वो त्रिपुरारी, पार्वतीपति जिनके भक्त स्वयं हैं नारायण वो पशुपति, वो भूतनाथ वो सबसे भोले भाले है कोई देव हो या कोई देवराज महादेव सभी से निराले है नंदी जिनके वाहन है जो ध्यान मगन सन्यासी है गले में सर्प, तन पर भभूत वो जो श्मशान निवासी है जो सगुन रूप में ध्यानी है निर्गुण हो खुद ध्यान रूप जो सबमे हैं, और कही नही वो शिव शाश्वत आनंद अनूप वो एकलिंग जिनकी पूजा में रत ये सारी सृष्टि है वो हवि, यज्ञमय, शून्य रूप जिनमे लीन समष्टि है हम हाथ जोड़ कर प्रभु तुम्हारी वंदना करें है वामदेव, पंचवक्त्र हम तुम्हारी अर्चना करें हे सामप्रियः स्वरमयी हे विरूपाक्ष त्रिनयन तुम्हे नमन, तुम्हे नमन तुम्हे नमन, तुम्हे नमन ©Manaswin Manu #Manaswin_Manu #aadiyogi #shiv