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Rakesh frnds4ever

#Life_Experiences #आंखों के #द्वार पार जाने क्यों आंखें #झांक लेती हैं उस पार

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Men walking on dark street आंखों के द्वार पार

जाने क्यों आंखें झांक लेती हैं

उस पार

जानें क्यों

बुद्धू सी बुद्धि 

के तार

भांप जाते हैं

औरों के

विचारों के आर पार,,,.....

©Rakesh frnds4ever #Life_Experiences 

#आंखों  के #द्वार पार

जाने क्यों आंखें #झांक  लेती हैं

उस पार

Ghumnam Gautam

Ashutosh shukla

8 जून यानी की #आज से #भगवान का #द्वार खुल गया #धक्का मुक्की इतनी मत करना के #रूबरू बुला ले

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8 जून यानी की आज से भगवान का द्वार
खुल गया
धक्का मुक्की इतनी मत करना के
रूबरू बुला ले 😃🤓😂 8 जून यानी की #आज से #भगवान का #द्वार
खुल गया
#धक्का मुक्की इतनी मत करना के
#रूबरू बुला ले

paras Dlonelystar

हर गली-कूचे से गुज़रा है दर्द मेरा
आह और वाह की पहचान है इसे
जिस नगर के द्वार में खड़ी हुई ख्वाहिशें
कुछ देर वहीं रुक जाने का अरमान है इसे अरमान
#पारस #गली_कूचे #द्वार #नगर

राघव रमण

कबसे खड़ा हूँ तेरे द्वार अब तो नजर भी मां डाल आंसु नदीयां बनी मेरी उम्मीदें टली अब तो दरस दिखा एकबार फूल की डाली हाथ में लेकर ऊंचें पर्वत से मैं होकर

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विपदा बहुत आई जीवन मे 
लोभ लालच है अब मन में
कैसे छोरू मोह इस जग की
असली सुख है तेरे चरण में
शीश आगे झुकी
कदम द्वारे रूकी
राघव का कर उद्धार
कब से खड़ा हूँ तेरे द्वार।। कबसे खड़ा हूँ तेरे द्वार
अब तो नजर भी मां डाल
आंसु नदीयां बनी 
मेरी उम्मीदें टली 
अब तो दरस दिखा एकबार 

फूल की डाली हाथ में लेकर
ऊंचें पर्वत से मैं होकर

Poetry with Avdhesh Kanojia

गुफ़्तगू - - - - - झुका दूँ हर ग़म को तुम्हारी याद के द्वार। गुफ़्तुगू तुमसे जो हो जाये इक बार।।

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गुफ़्तगू
- - - - -

झुका दूँ हर ग़म को
तुम्हारी याद के द्वार।
गुफ़्तुगू तुमसे जो 
हो जाये इक बार।।

आवाज़ में तुम्हारी
जो मिठास है घुली।
तुम्हारा दीवाना मुझे
बनाने पर है तुली।।
आकर देखना चाहे तो
देख ले मेरा प्यार।
एक ही सांस में लूँगा
नाम तेरा सौ बार।।
तुझसे गुफ़्तगू को मैं
ले लूँ दस जन्म उधार।
गुफ़्तुगू तुमसे जो 
हो जाये इक बार।।

प्यार भरे दो दिलों की
ये जो प्यारी सौगात।
गुफ़्तगू से ही तो
होती है शुरुआत।।
दो दिलों के प्यार में
है खुशियों का अंबार।
गुफ़्तुगू में प्यार का
है छिपा गुप्त संसार।।
दिल ये करेगा तुम्हारा
बार बार आभार।
गुफ़्तुगू तुमसे जो 
हो जाये इक बार।।

झुका दूँ हर ग़म को
तुम्हारी याद के द्वार।
गुफ़्तुगू तुमसे जो 
हो जाये इक बार।।

अवधेश कनौजिया गुफ़्तगू
- - - - -

झुका दूँ हर ग़म को
तुम्हारी याद के द्वार।
गुफ़्तुगू तुमसे जो 
हो जाये इक बार।।

mani naman

अव्यक्त प्रेम

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जकड़न,उलझन,बन्धन,कम्पन,
भय के सारे द्वार हटाकर,
         आजा सीधे लौट के आजा,
         स्वागत को मैं द्वार खडा हूँ।




                      "mni nmn" अव्यक्त प्रेम

Ankita Saxena

#sakhi..

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एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद,
श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया।

दूध ज्यदा गरम होने के कारण 
श्री कृष्ण के हृदय में लगा
और
उनके श्रीमुख से निकला-
" हे राधे ! "

सुनते ही रुक्मणी बोली-
प्रभु !
ऐसा क्या है राधा जी में,
जो आपकी हर साँस पर उनका ही नाम होता है ?

मैं भी तो आपसे अपार प्रेम करती हूँ...
फिर भी,
आप हमें नहीं पुकारते !!

श्री कृष्ण ने कहा -देवी !
आप कभी राधा से मिली हैं ?
और मंद मंद मुस्काने लगे...

अगले दिन रुक्मणी राधाजी से मिलने उनके महल में पहुंची ।

राधाजी के कक्ष के बाहर अत्यंत खूबसूरत स्त्री को देखा...
और,
उनके मुख पर तेज होने कारण उसने सोचा कि-
ये ही राधाजी है और उनके चरण छुने लगी !

तभी वो बोली -आप कौन हैं ?

तब रुक्मणी ने अपना परिचय दिया और आने का कारण बताया...

तब वो बोली-
मैं तो राधा जी की दासी हूँ।

राधाजी तो सात द्वार के बाद आपको मिलेंगी !!

रुक्मणी ने सातो द्वार पार किये...
और,
हर द्वार पर एक से एक सुन्दर और तेजवान दासी को देख सोच रही थी क़ि-
अगर उनकी दासियाँ इतनी रूपवान हैं...
तो,
राधारानी स्वयं कैसी होंगी ?

सोचते हुए राधाजी के कक्ष में पहुंची...

कक्ष में राधा जी को देखा-
अत्यंत रूपवान तेजस्वी जिसका मुख सूर्य से भी तेज चमक रहा था।
रुक्मणी सहसा ही उनके चरणों में गिर पड़ी...

पर,
ये क्या राधा जी के पुरे शरीर पर तो छाले पड़े हुए है !

रुक्मणी ने पूछा-
देवी आपके  शरीर पे ये छाले कैसे ?

तब राधा जी ने कहा-
देवी !
कल आपने कृष्णजी को जो दूध दिया...
वो ज्यदा गरम था !

जिससे उनके ह्रदय पर छाले पड गए...
और,
उनके ह्रदय में तो सदैव मेरा ही वास होता है..!!

इसलिए कहा जाता है-

बसना हो तो...
'ह्रदय' में बसो किसी के..!

'दिमाग' में तो..
लोग खुद ही बसा लेते है!!! #sakhi..

'मनु' poetry -ek-khayaal

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The story is, मृत्यु द्वार तक पहुचने पर भी यदि कोई व्यक्ति अपनी गहन चैतन्यता को धारण किये हुए जगत  की निस्सारता के पूर्ण बोध को उपलब्ध हो जाए और फिर वो व्यक्ति गुरु/ इश्वरीय कृपा पाकर उस द्वार से पुनः लौट आये तो उसके 'द्विज' हो जाने की संभावना प्रबल हो जाती है  इसमें संशय नही ...
मनु

Manaswin Manu

हम बहुत ही मदी
कुछ भी माँगा नही
थे तन कर अड़े
भाग्य के द्वार हम

पर जो देखा तुम्हे
हम पिघलते गये
हाथ जोड़े खड़े
भाग्य के द्वार हम

©Manaswin_Manu #nojotohindi
#shaqtlaunda
#pighalgaya
#Manaswin_Manu
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