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Dr.Govind Hersal
जब मन में उमड़ रही विचारों की लहरों से ऊब जाता हूं या कहुँ सांसारिक थकन ज़ेहन में रम जाती है ,तब मैं किताब उठा लेता हूं । किताब उठाकर खुद को हल्का महसूस करता हूं ,लगता है जेठ की दुपहरी में एक भारी बोझा उतारकर किसी पेड़ की छांव में बैठा हूं । पन्ने दर पन्ने पलटने पर खुद की भीतरी यात्रा पर होता हूं जो अलग अलग तरीके से स्वयं से रुबरु होता रहता हूं । ©Dr.Govind Hersal #reading #kitaabein #ManavKaul #newnovel #Padho
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नींद मैंने सुनहरा सोचा था काला निकला। तभी नींद का एक झोंका आया मैंने उसे फिर सुनहरा कर दिया। अब… सुबह होने का भय लेकर नींद में बैठा हूँ या तो उसे उठकर काला पाऊँ या हमेशा के लिए उसे सुनहरा ही रहने दूँ और कभी न उठूँ। @manav kaul ©@Sushilkumar_Sushil #नींद #ManavKaul
@Sushilkumar_Sushil
आश्चर्य खिड़की से खड़े पेड़ ताकते हुए उस पेड़ को भूल जाना…। लाल गर्दन वाली छोटी चिड़िया का उस पेड़ पर आना-बैठना-उड़ जाना… पेड़ का उड़कर दृश्य में वापिस आ जाना है। @manav kaul ©@Sushilkumar_Sushil #ManavKaul
@Sushilkumar_Sushil
~~/दरवाज़े/~~ सबके सामने नंगा होने का डर इतना बड़ा है कि मैं घर हो गया हूँ— दो खिड़की और एक छोटे-से दरवाज़े वाला जहाँ से मुझे भी घिसट कर निकलना पड़ता है। किसी के आने की गुंजाइश उतनी ही है जितनी मेरे किसी के पास जाने की। सबके अपने-अपने घर हैं अपने-अपने डर हैं इसलिए अपने-अपने दरवाज़े हैं। ~//मानव कॉल//~ ©@Sushilkumar_Sushil #दरवाजे #मानव_कॉल #ManavKaul
Harshita Dawar
कुछ वक्त का तकाज़ा ज्यादा पढ़ नहीं पाती पर मानव को बहुत पसंद करती हूं दिल से सुनती असीम गहरे निशान सा मेरे दिल को दस्तक देती उसने आवाज़ सुनते ही बस कुछ अछुई कहानी बुनती उनकी क़िताब जितनी भी हो मगर सोचती समझी एक किताब का शीर्षक ठीक मेरे पीछे लगता मेरे पूछे ही खड़े होकर आवाजे पुकारती मेरी रूह में बस उतरती उभरती जाती तार से टपकटी बूंदों में हवा से उड़ती जुल्फों को संवारती मंद मुस्कुराती अंतर से आवाज़ आती वहीं अंतिमां बन जाती अंतिमा एक किताब के गत्ते पर जो पत्ता है बस उसकी कुकुराहट मानव के कानों में गूंज बन गूंजना चाहती अंतिमा सी अंतिम श्वास में मानव को आवाज़ लगाती मानव. व व व व....... #manavkaul #realityoflife #feelings #yqbaba #yqdidi कुछ वक्त का तकाज़ा ज्यादा पढ़ नहीं पाती पर मानव को बहुत पसंद करती हूं दिल से सुनती असीम गहरे निशान सा मेरे दिल को दस्तक देती उसने आवाज़ सुनते ही बस कुछ अछुई कहानी बुनती उनकी क़िताब जितनी भी हो मगर सोचती समझी एक किताब का शीर्षक ठीक मेरे पीछे लगता मेरे पूछे ही खड़े होकर आवाजे पुकारती
#ManavKaul #realityoflife #feelings #yqbaba #yqdidi कुछ वक्त का तकाज़ा ज्यादा पढ़ नहीं पाती पर मानव को बहुत पसंद करती हूं दिल से सुनती असीम गहरे निशान सा मेरे दिल को दस्तक देती उसने आवाज़ सुनते ही बस कुछ अछुई कहानी बुनती उनकी क़िताब जितनी भी हो मगर सोचती समझी एक किताब का शीर्षक ठीक मेरे पीछे लगता मेरे पूछे ही खड़े होकर आवाजे पुकारती
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