Find the Best प्रति Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutप्रतिजैविक क्या है, प्रतिज्ञा मन की प्रतिज्ञा, प्रतिबंधों की कहानी, कृष्णपक्ष की प्रतिपदा, प्रतिभाओं की,
वंदना ....
Penman
दिन और रात ऐसे ही गुज़ार दूं, तू ना दिखे तो तेरी प्रति को निहारता रहूँ। ©Tarun RAJPUt #प्रति
Amit Singhal "Aseemit"
अपने उद्देश्यों के प्रति अपने परिश्रम को रखें, आकाश की भांति असीमित और अनंत। अपने लक्ष्य को पाने को मन में इच्छा को रखें, आकाश में सूर्य के भांति सदैव ज्वलंत। ©Amit Singhal "Aseemit" #अपने #उद्देश्यों #के #प्रति
river_of_thoughts
टूटन यह कदाचित, बिखराव नहीं, पर होता है, होता रहा है .... - पल-प्रतिपल, क्षण-प्रतिक्षण... मूक-निस्तेज-सा अस्तित्व मेरा टूटता ... बहता ... मिटता रहा है । मेरा 'मैं' पुन: निस्तेज और और कमजोर 'तेरा' होने में #प्रति-प्रकृति @manas_pratyay #obstruction #प्रति_प्रकृति © Ratan Kumar
#obstruction #प्रति_प्रकृति © Ratan Kumar
read moreriver_of_thoughts
मूक-निस्तेज-सा अस्तित्व मेरा टूटता, बहता, मिटता रहा है... मेरा 'मैं' पुन: निस्तेज और और कमजोर 'तेरा' होने में और तेरा होना ! ( स्वयं में ) तेरा, बढ़ता स्वरूप - फैलाव तेरा अधिक, और अधिक संभवतः सागर अंततः .... #प्रति-प्रकृति @manas_pratyay #LookingDeep #प्रति_प्रकृति © Ratan Kumar
#LookingDeep #प्रति_प्रकृति © Ratan Kumar
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हाँ, मैं देखता हूँ - तुझे घेरती थीं, मेरी पाटें वो हो चुकीं अदृश्य! कि तुम नदी नहीं, अब सागर-सा प्रतीत होते हो - शक्तिवान, गंभीर, और .........शांत। पर, अन्तर्निहित तूफानों की विकरालता समाए क्या तू, सच ही शान्त है? - संतुष्ट और समाधिस्थ! यद्यपि, यूं नहीं होता .... #प्रति-प्रकृति! @manas_pratyay #Silent #प्रति_प्रकृति © Ratan Kumar
#Silent #प्रति_प्रकृति © Ratan Kumar
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टूट गया वो अहं फिर से धराशायी हो गया - रेत के मानिंद सरसराकर ढह गया... हो गया विलीन फिर से न जाने कहाँ! शायद, तुम्हारे वज़ूद के थपेड़ों में, खो गया कहीं... और दब गया अस्तित्व मेरा एक बार फिर से। #प्रति-प्रकृति! @manas_pratyay #Silent #प्रति_प्रकृति © Ratan Kumar
#Silent #प्रति_प्रकृति © Ratan Kumar
read moreKamal bhansali
बात जब रावण की होती तब संस्कारों से भर पुर छवि राम की नयनो में तैरती हालांकि न राम को देखा न ही रावण को फिर भी राम के प्रति श्रद्धा उपजती रावण के प्रति रोष जागता तब मन करता क्यों नहीं अपने अंदर ही मैं अपने अंदर ही छिपे राम और रावण ढूंढता पर असफल ही रहता क्योंकि अंदर बैठा मेरा रावण ही मुझे सिर्फ नजर आता राम का तो दर्शन ही नहीं होता 🌼 काश बाहरी रावण की जगह कोई मेरे अंदर का ही मार देता और मुझे "अपने राम" का अनुभव करा देता 🏵️जय श्री राम🏵️ ✍️कमल भंसाली जय श्री राम
जय श्री राम
read moreKusum Sharma
आपको कोई कितना ही अपमानित करे कितना ही बड़ा शत्रु ही क्यूँ न बन जाये, फिर भी उसके प्रति लेशमात्र भी नफ़रत या उसके अनिष्ट की भावना न आये और समस्त प्राणियों के प्रति करुणा हो तब समझो तुमने "प्रेम" सिद्ध कर लिया #प्रेम #nojoto #writersofnojoto #love #life #thought #quote #lifequote #kavishala #hindi #reader
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read moreVarsha ✍️
"औरत अपने प्रति आने वाले प्यार औऱ आकर्षक को समझने में चाहे एक बार भूल कर जाए, लेकिन वह अपने प्रति आने वाली उदासी औऱ अपेझा को पहचाने में कभी भूल नहीं करती ।" -धर्म वीर भारती-