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Ankitmotivation06

सुखा करता जय मोरया,
दुख हरता जय मोरया।
कृपा सिन्धु जय मोरया,
बुद्धि विधाता मोरया।
गणपति बप्पा मोरया,
मंगल मूर्ती मोरया। #सुखा #करता #जय #मोरया
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Roshan Sagar

नाशिक कर

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दोन व्यक्ती यावे एकत्र
       त्यांचे व्हावे मिलन सार्थक...
मिलनातून प्रेमाने बापाने द्यावा
               गोळा तो चिखलाचा
आईने स्वीकारावा तो गोळा पोटात
आईने मेहनत करून घडवला
                          त्याचा आकार..
न हात लावता न कुठली मशीन
        तो फक्त घडवावा विचारांनी
अन् मनानी घडवावा त्याचा आकार....
बरेच दिवस लागली ती मूर्ति 
               कारण घडवायला 
 तिला उपमा कशी देता येईल गणपतीची
       सात दिवस झाले की जा
               पाण्यात विरघळायला....
तो ना गणपती ना कुठली मूर्ती
           तीना कुठली जोडता येणार 
म्हणून सर्वात मोठा 'मूर्तिकार'
                माझी "आई" असावी.
कारण न चुकविला माझा कार
तिने कुठे न सोडले छिद्र ना पोकळी.
               ती मूर्ती द्यावी आईने 
 बाबांना प्रेमाने भेट वस्तू
अन् बाबांनी ती प्रेमाने स्वीकारावी
         हीच माझी ठेवण....
आईने मूर्ती घडवली पण
सोबत बाबांनीही  तिच्यात
  विचारांचा भांडार व संस्काराची 
           देवाण-घेवाण केली
 तर तो माझा सर्वात मोठा "ग्रंथकार".
  त्या मूर्तीत सतत उजाळा देणारे 
          चुका दुरुस्ती करणारे
           माझे गुरुवर्य... नाशिक कर

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 13 - ज्ञानी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।। कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।।

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9

|| श्री हरि: ||
13 - ज्ञानी

आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।।
कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।।

Parul Sharma

 पारुल प्रवचन 
सुप्रभात मित्रों 
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Anil Siwach

|| श्री हरि: || 13 - ज्ञानी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।। कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।। 'तुम काश्मीर से स्वास्थ्य सुधार आये?' श्रीस्वामीजी ने समीप बैठे एक हृष्ट-पुष्ट संम्भ्रान्त नवयुवक से पूछा। 'जी, अभी परसों ही घर लौटा हूँ। लगभग छ: महीने लग गये वहाँ। बड़ा रमणीक प्रदेश है।' युवक संभवत: बहुत कुछ कहना चाहता था। #Books

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|| श्री हरि: ||
13 - ज्ञानी

आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।।
कुर्वन्त्यहैतुकीं भविंत इत्थम्भूतगुणो हरि:।।

'तुम काश्मीर से स्वास्थ्य सुधार आये?' श्रीस्वामीजी ने समीप बैठे एक हृष्ट-पुष्ट संम्भ्रान्त नवयुवक से पूछा।
'जी, अभी परसों ही घर लौटा हूँ। लगभग छ: महीने लग गये वहाँ। बड़ा रमणीक प्रदेश है।' युवक संभवत: बहुत कुछ कहना चाहता था।

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 9 - श्रद्धा की जय आज की बात नहीं है; किंतु है इसी युगकी क्या हो गया कि इस बात को कुछ शताब्दियाँ बीत गयी। कुलान्तक्षेत्र (कुलू प्रदेश) वही है, व्यास ओर पार्वती की कल-कल-निदनादिनी धाराएँ वही हैं और मणिकर्ण का अर्धनारीश्वर क्षेत्र तो कहीं आता-जाता नहीं है। कुलू के नरेश का शरीर युवावस्था में ही गलित कुष्ठ से विकृत हो गया था। पर्वतीय एवं दूरस्थ प्रदेशों के चिकित्सक व्याधि से पराजित होकर विफल-मनोरथ लौट चुके थे। क्वाथा-स्नान , चूर्ण-भस्म, रस-रसायन कुछ भी तो कर सका होता। नरेश न उच्छृं #Books

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|| श्री हरि: ||
9 - श्रद्धा की जय

आज की बात नहीं है; किंतु है इसी युगकी क्या हो गया कि इस बात को कुछ शताब्दियाँ बीत गयी। कुलान्तक्षेत्र (कुलू प्रदेश) वही है, व्यास ओर पार्वती की कल-कल-निदनादिनी धाराएँ वही हैं और मणिकर्ण का अर्धनारीश्वर क्षेत्र तो कहीं आता-जाता नहीं है।

कुलू के नरेश का शरीर युवावस्था में ही गलित कुष्ठ से विकृत हो गया था। पर्वतीय एवं दूरस्थ प्रदेशों के चिकित्सक व्याधि से पराजित होकर विफल-मनोरथ लौट चुके थे। क्वाथा-स्नान , चूर्ण-भस्म, रस-रसायन कुछ भी तो कर सका होता।

नरेश न उच्छृं


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