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Pramod@Basti

वो #घाव जो दिया नहीं मैंने__________ ______________ #मलहम लगाया है

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S K Sachin उर्फ sachit

मलहम
मन.. क्यों कुरेदते हो जख्मों को
ए जख्म तेरे खुद के हैं
इन्हें खुद पाला है तुमने
इन जख्मों को कोसना छोडो़
ए और तड़प उठेंगे
इनका दर्द
तुमसे नहीं सहा जाएगा
इन्हें अपना लो 
सीने से लगा लो
इन्हें जरूरत है तुम्हारे प्यार का
जरूरत है मलहम का
जो मलहम सिर्फ और सिर्फ
तुम्हें लगाना है !

©S K Sachin #मलहम #जख्म

#neerajchopra

@nanD SingH

अगर दर्द हो तुम्हे तो मलहम खुद 
ही बन जाना
कोई नहीं पूछता घाव कैसा है।।
@नंद Singh #दर्द 
#मलहम

mmmm

ना जाने ना समझ क्यो बनते रहे।।

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गैरों में मोहब्बत ढूंढते रहे हैं और खुद से दूर जाते रहे
 समझ ना सके की मोहब्बत कही और नही खुद में है, ना जाने ना समझ क्यो बनते रहे, 
दुसरो को खुश रखते-रखते खुद की खुशी से दूर होते रहे, आंसू बहे पर पानी समझ पोछते रहे, ना जाने ना समझ क्यो बनते रहे,
 अक्सर चोट लगती रही पर घाव समझ मलहम लगाते रहे, भूल गए थे कि ये वो चोट है जिसमे मलहम भी काम ना करे, ना जाने ना समझ क्यो बनते रहे और अक्सर गैरों में मोहब्बत ढूंढते रहे हैं #NojotoQuote ना जाने ना समझ क्यो बनते रहे।।

sidhuz_harinder

#मलहम

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आज फिर से तेरी याद आई और मेरी आंखे नम हुई।
रो लिया खुलकर मै तो थोड़ी तकलीफ कम हुई।
बेबसी से देखता रहा तेरी तस्वीर को बार बार,
ना तस्वीर बोली ना मेरे ज़ख्मों पर मलहम हुई।

✍ਤੇਰਾ ਸਿੱਧੂ #मलहम

Parul Sharma

लोग धूँढते हैं हमको इधर उधर मिलते हैं हम फिलहाल पन्नों पर कहते हैं लोग हमारे #दिल में क्या है इक #नज़र डालो मेरे शब्दों पर पूँछते हैं तुम्हारा ध्यान किधर है अक्सर उलझे रहते है हम जिन्दगी के मसलों पर पूँछते हैं आखिर तुम काम क्या करते हो काव्य का #मलहम मलते हैं हम जख्मों पर।

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लोग धूँढते हैं हमको इधर उधर 
मिलते हैं हम फिलहाल पन्नों पर
कहते हैं लोग हमारे दिल में क्या है 
इक नज़र डालो मेरे शब्दों पर
पूँछते हैं तुम्हारा ध्यान किधर है 
अक्सर उलझे रहते है 
हम जिन्दगी के मसलों पर
पूँछते हैं आखिर तुम काम क्या करते हो 
काव्य का मलहम मलते हैं हम जख्मों पर।
पारुल शर्मा लोग धूँढते हैं हमको इधर उधर 
मिलते हैं हम फिलहाल पन्नों पर
कहते हैं लोग हमारे #दिल में क्या है 
इक #नज़र डालो मेरे शब्दों पर
पूँछते हैं तुम्हारा ध्यान किधर है 
अक्सर उलझे रहते है हम जिन्दगी के मसलों पर
पूँछते हैं आखिर तुम काम क्या करते हो 
काव्य का #मलहम मलते हैं हम जख्मों पर।

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