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Sarita Singh
आयुर्वेद अपनी संस्कृति, अपना गौरव, इतिहास अमर ये है अपना, ऋषि- मुनियों ने देखा था, निरोग जीवन का सपना, जीवन शैली है ये ऐसी, प्रकृति के संग मिल के रहती, पेड़ पौधे आते है काम, पूजे इन्हे हम सुबह शाम, जड़ी बूटियां दवा बनाती, बीमारी सारी जड़ से जाती, जिसने इसको है अपनाया, उसे बुढ़ापा नहीं सताया, आओ इसको हम अपनाए, भारत को समृद्ध बनाएं, खूब सारे वरक्ष वृक्ष लगाए, और निरोगी जीवन पाए, #भारत #आयुर्वेद #अपना गौरव# संस्कृति#yqdidi
धम्मपद
क्या #वेद ईसा पूर्व में थी? वर्तमान समय में वेद पुस्तक को कहा जाता है, जो चार खंडों {(1) ऋज्ञवेद, 2) सामवेद, 3) यजुर्वेद, 4) अथर्ववेद} में उपलब्ध है। वेद ईसा पूर्व काल में थी इसको जानने के लिए वेद शब्द का अर्थ जानना होगा, तभी जान पाएंगे कि वेद पुस्तक ईसा पूर्व थी भी की नहीं! #वेद पालि शब्दकोश का शब्द है। कच्चान व्याकरण अनुसार विद धातु से वेद, विद्या, विद्यालय, वेदना, वेदगु, वेदयितं, वेदयामी, वेदमानो जैसा शब्द बना है। जो बुद्ध वंदना में #लोक_विदु के तौर पर प्रयोग होता है, तो मिलिंद वग्गो के तीसरे अध्याय में #वेदगू_पञ्हो और चक्रवर्ती सम्राट अशोक द्वारा लिखित बैराट भाबरु अभिलेख में #विदितेवे के रूप में मिलता है। जिसमें #लोक_विदु का अर्थ- संसार का ज्ञाता, #वेदगू-ऊँचतम अनुभवी, #विदितेवे-अनुभव प्राप्त करने वाला होता है। यानी #वेद का अर्थ अनुभव होता है। इसलिए तिपिटक में भगवान बुद्ध को #तण्ह_वेदगु कहा जाता है। यानी स्वयं के अनुभव से तीन प्रकार का ज्ञान प्राप्त करने वाला। अब आते है आज वाली चार वेद से #हटकर पांचवे वेद पर, जिसका नाम #आयुर्वेद है। इस आयुर्वेद को वेद पुस्तक से दूर-दूर तक का कोई संबंध नहीं है। फिर इसका नामकरण #आयुर्वेद क्यों हुआ? #आयुर का अर्थ योगपीडिया अनुसार #जीवन होता है और #वेद का अर्थ तिपिटक अनुसार अनुभूति द्वारा प्राप्त ज्ञान होता है। यानी 👉🏾💝जीवन से सम्बंधित जो ज्ञान अनुभूति पर प्राप्त हुआ, उसे आयुर्वेद कहते हैं। फिर आज वाली पुस्तकीय वेद में अनुभूति वाली तो कोई ज्ञान है ही नहीं। वहां तो 1) ऋज्ञवेद में देवताओं को आह्वान करने का मंत्र है, तो 2) सामवेद में यज्ञ में गाने वाला संगीतमय मंत्र है, तो 3) यजुर्वेद में यज्ञ का कर्मकांड है , तो 4) अथर्ववेद में जादू, टोना, चमत्कार की बात है। आखिर ऐसा क्यों? आज वाली वेद ब्राह्मणी व्यवस्था में अद्वैतवाद वाली दर्शन (philosophy) की पुस्तक है। जिसकी एक पांडुलिपि शारदा लिपि में छालपत्र पर और 29 पांडुलिपि कागज पर नागरी लिपि में लिखी मिली थी। जिसे वर्तमान समय में भंडारकर आयोग पुणे में रखा है। उसी 30 पांडुलिपि से चौदहवीं सदी में सायन ने भाष्य करते हुए पुस्तक का रूप दिया है। जिसमें बाह्मी लिपि से शारदा लिपि का जन्म कश्मीर क्षेत्र में आठवीं सदी लगभग और बाह्मी लिपि से नागरी लिपि का जन्म दसमीं सदी में लगभग हुआ है। तदुपरांत उसके बाद वेद पुस्तक का भाष्य चौदहवीं सदी में सायन द्वारा हुआ है। वेद पुस्तक की पांडुलिपि और भाष्य करने वालों की धूर्तता सिर्फ इतनी ही है कि इन सबों ने मिलकर सम्यक संस्कृति वाली पालि शब्द #वेद, जिसका अर्थ अनुभव होता है, उसी शब्द से अपने कथा वाली पुस्तक का नामकरण कर दिया है। यानी आज कोई धूर्ततावस अपना नाम गौतम बुद्ध रख ले, तो क्या वह सम्यक संस्कृति वाला गौतम बुद्ध बन जाएगा? अब जब वेद पुस्तक का इतना सारा साक्ष्य उपलब्ध है तो इस पुस्तक के वजूद को ईस्वी सन के आस-पास ले जाना मूर्खता ही कहा जायेगा न्। ©प्रशांत मैत्रेय #WinterSunset #Rational #Rationality #HUmanity #buddha #BuddhaPurnima #Buddhist #atheist #atheism
drsharmaofficial
आयुर्वेदिक शायरी तुम स्वर्ण भस्म सी सर्व प्रिय मैं सादा खमीरा गाजवान तुम मोती पिष्टी सी शीतल बयार मैं माजूफल सा प्रीत प्रिये (शायरी का कुछ अंश - पुष्कर वीर सिंह जी के द्वारा लिखित) अद्धभुत 😊😊 #शायरी #कविता #प्रेम #आयुर्वेद #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi
@thewriterVDS
┄══❁ आयु की परिभाषा एवं लक्षण ❁══┄ "शरीरेन्द्रियसत्त्वात्मसंयोगो धारि जीवितम्। नित्यगश्चानुबन्धश्च पर्य्यायैरायुरुच्यते"।। (च.सू. 1:42) यह मेरे द्वारा लिखी हुई नहीं है। इसे मैंने आयुर्वेद की संहिताओं से चुराया😉 है। अगर किसी व्यक्ति विशेष को इससे ठेस पहुंचती है तो इसके लिए माफ़ी 🙏 चाहता हूं। धन्यवाद। #आयुर्वेद #Ayurveda #Ayu_Ki_Paribhasha_aur_lakshan #आयु_की_परिभाषा_एवं_लक्षण #आयुष #Ayush #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba YourQuote Babuaa
@thewriterVDS
┄┅══❁ आयुर्वेद का प्रयोजन ❁══┅┄ प्रयोजनं चास्य स्वस्थस्य स्वास्थरक्षणम् आतुरस्य विकारप्रशमनं च। (च.सू. 30:26) इह खल्वायुर्वेदप्रयोजनं व्याध्युपसृष्टानां व्याधिपरिमोक्ष:, स्वस्थस्य रक्षणम् च। (सु.सू. 1:14) आयु: कामयमानेन धर्मार्थसुखसाधनम्। आयुर्वेदोपदेशेषु विधेय: परमादर:।। (अ.स.सू. 1:2) यह मेरे द्वारा लिखी हुई नहीं है। इसे मैंने आयुर्वेद की संहिताओं से चुराया😉 है। अगर किसी व्यक्ति विशेष को इससे ठेस पहुंचती है तो इसके लिए माफ़ी 🙏 चाहता हूं। धन्यवाद। #आयुर्वेद #Ayurveda #Ayurved_Ka_Prayojan #आयुर्वेद_का_प्रयोजन #आयुष #Ayush #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Babuaa YourQuote Baba Vaibhav Dev Singh
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