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Suraj

#लेट नाइट #sharadpurnima

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जब भी रात होती है
तारो से तेरी बात होती है
तुम होते नही हो पास मेरे
दूरी भी कितनी बुरी बात होती है
सो जाता हूं मैं चुपचाप
आंख खुलती है सुबह ,तो आंखे लाल होती है
जब भी रात होती है।

©Suraj #लेट नाइट 

#sharadpurnima

maihar rankaj chaurasia

कभी लेट reply दू तो गुस्सा बहुत दिखाती थी

अपनी नहीं थी फिर भी मुझ पर पूरा हक़ जमाती थी

न जाने कैसी लड़की थी वो मेरी बेबसी की मजबूरी भी

समझ नहीं पाती थीं 
R.K.P #लेट  #reply  #गुस्सा  #रंकज 
 #हक़ 
 #लड़की  #बेबसी  #मजबूरी 

#समझ

Rajat Game

#लेट नाइट शायरी

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वो मेरी मोहब्बत को मोहब्बत समझती ही नहीं,,
देखा नहीं कभी उसने मुझे सजदे में,
तो सोचता है किसी के आगे झुकता ही नहीं,,,
क्या बताऊं उसको की मेरे इबादत में वो रहती है ,,, इसी सजदे में मेरा सर कभी उठा ही नहीं ,,
वो मेरी मोहब्बत को मोहब्बत समझती ही नहीं।
  ,,,,,,,,,,,,,रजत कुमार #लेट नाइट शायरी

INDIANTRUST.IN ( BY VISHNU SAINI)

मानता हूँ कमजोर हुं में,  लेकिन 
यह भी जानता हूँ  में,   कि आखिर 
ढुँढ तो लोगों एक दिन आप  मुझे, sorry 

कहनें के लिए But  आप बहुत लेट 
हो चुके होगें
                                           - vishnu #एक #दिन #आप #बहुत #लेट #हो #चुके #होगे#vishnusaini

Parnassian's Cafe

#Happy #chocolateday #समय पे बुलाती है तो '#लेट' क्या करें। हुए जो 'लेट' फ़िर '#चॉकलेट' क्या करे।। #parnassiansCafe #lalitKumarGautam #शायरी

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Happy Chocolateday

समय पे बुलाती है तो 'लेट' क्या करें।
हुए जो 'लेट' फ़िर 'चॉकलेट' क्या करे।। #happy #chocolateday
#समय पे बुलाती है तो '#लेट' क्या करें।
हुए जो 'लेट' फ़िर '#चॉकलेट' क्या करे।।
#parnassianscafe #lalitkumargautam

Dr. Khan Zainuddin

Happy birthday Dear Prasang #शायरी

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ऐसा व्यवहार बनाओ अपना कि चलना चाहें सब तुम्हारे संग।
जीवन मे ऐसा मुकाम हासिल करो कि देखकर रह जाएं सब दंग।
पता है थोड़े लेट हो गए हम,लेट ही सही।
पर दिल से Wish You A Very Happy Birthday Bhai Mr.Prasang Happy birthday Dear Prasang

Rameshwar Singh Nishad

हम नहीं चाहते कि मोह्हबत हो जाए..... तुम मेरा इन्तजार करो, मैं तुम्हारा इंतजार करूँl तुम लेट हो जाओ तो, मैं गुस्सा करूँl यदि मैं लेट हो जाऊं, तो तुम गुस्सा करोl और यदि गुस्सा करोगे, तो दिल टूटेगाl दिल टूटेगा, तो हम रूठेंगेl हम रूठेंगे तो, रोयेंगेl #कविता

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एक दिन ऐसा होगा कि हम नहीं चाहते कि मोह्हबत हो जाए..... 
तुम मेरा इन्तजार करो, 
मैं तुम्हारा इंतजार करूँl
तुम लेट हो जाओ तो, मैं गुस्सा करूँl
यदि मैं लेट हो जाऊं, तो तुम गुस्सा करोl
और यदि गुस्सा करोगे, तो दिल टूटेगाl
दिल टूटेगा, तो हम रूठेंगेl
हम रूठेंगे तो, रोयेंगेl
रोना हम चाहिते ही नहीं, 
इसलिए हम मोह्हबत करते ही नहींl हम नहीं चाहते कि मोह्हबत हो जाए..... 
तुम मेरा इन्तजार करो, 
मैं तुम्हारा इंतजार करूँl
तुम लेट हो जाओ तो, मैं गुस्सा करूँl
यदि मैं लेट हो जाऊं, तो तुम गुस्सा करोl
और यदि गुस्सा करोगे, तो दिल टूटेगाl
दिल टूटेगा, तो हम रूठेंगेl
हम रूठेंगे तो, रोयेंगेl

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 9 - सेवा का प्रभाव 'या खुदा, अब आगे को रास्ता भी नहीं है।' सवार घोड़े से कूद पड़ा। प्यास के मारे कण्ठ सूख रहा था। गौर मुख भी अरुण हो गया था। पसीने की बूदें नहीं थी, प्रवाह था। उसके जरी के रेशमी वस्त्र गीले हो गये थे। ज्येष्ठ की प्रचण्ड दोपहरी में जरी एवं आभूषणों की चमक नेत्रों में चकाचौंध उत्पन्न कर रही थी। वे उष्ण हो गये थे और कष्ट दे रहे थे। भाला उसने पेड़ में टिकाया, तरकश एवं म्यान खोल दी। कवच जलने लगा था और उसे उतार देना आवश्यक हो गया

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
9 - सेवा का प्रभाव

'या खुदा, अब आगे को रास्ता भी नहीं है।' सवार घोड़े से कूद पड़ा। प्यास के मारे कण्ठ सूख रहा था। गौर मुख भी अरुण हो गया था। पसीने की बूदें नहीं थी, प्रवाह था। उसके जरी के रेशमी वस्त्र गीले हो गये थे। ज्येष्ठ की प्रचण्ड दोपहरी में जरी एवं आभूषणों की चमक नेत्रों में चकाचौंध उत्पन्न कर रही थी। वे उष्ण हो गये थे और कष्ट दे रहे थे। भाला उसने पेड़ में टिकाया, तरकश एवं म्यान खोल दी। कवच जलने लगा था और उसे उतार देना आवश्यक हो गया

राजेश गुप्ता'बादल'

यह मैसेज जनसाधारण के लिए है और बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसे कृपया अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य और खासकर बच्चों को अवश्य पढ़ाएं और समझाएं:- कई वर्ष पहले जे0 पी0 होटल वसंत विहार नई दिल्ली में आग की दुर्घटना हुई, जिसमें बहुत सारे भारतीय मारे गए लेकिन जापानी और अमेरिकन नहीं। जानते हैं क्यों? मैं आपको बताता हूँ:- 1. सभी अमेरिकन और जापानी लोगों ने अपने कमरों के दरवाज़ों के नीचे खाली जगहों में गीले तौलिये लगा दिए और खाली जगहों को सील कर दिया, जिससे धुआं उनके कमरों तक नहीं पहुंच सका। या बहुत कम मात्रा म

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कैप्शन में जा के एक बार जरूर पढ़े और आगे बढ़ाएं यह मैसेज जनसाधारण के लिए है और बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसे कृपया अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य और खासकर बच्चों को अवश्य पढ़ाएं और समझाएं:-

कई वर्ष पहले जे0 पी0 होटल वसंत विहार नई दिल्ली में आग की दुर्घटना हुई, जिसमें बहुत सारे भारतीय मारे गए लेकिन जापानी और अमेरिकन नहीं। जानते हैं क्यों? मैं आपको बताता हूँ:-

1.  सभी अमेरिकन और जापानी लोगों ने अपने कमरों के दरवाज़ों के नीचे खाली जगहों में गीले तौलिये लगा दिए और खाली जगहों को सील कर दिया, जिससे धुआं उनके कमरों तक नहीं पहुंच सका। या बहुत कम मात्रा म

Rajan Kumar Savita

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शहर याद आते वो पल


आज मैं आपके सामने एक कहानी लिख रहा हुँ।उस कहानी का एक पात्र समझे या मेरी हकीकत वो सुनने के बाद आप पर निर्भर करता है।
बात उस समय की है जब मैं ग्रेजुएशन के पहले वर्ष में था मैं B.Sc कर रहा था बायोलॉजी का स्टूडेंट था।नए कॉलेज नई क्लास में बहूत अच्छा लग रहा था पर एक डर था पता नहीं कैसे टीचर और कैसे साथी होंगे।सुना था कॉलेज में रैगिंग होती है और टीचर बहूत सख्त होते हैं इन्ही सोच के साथ मैनें क्लास का पता करते हुए अपनी क्लास में बैठा।
सर् ने अटेंडेंस ली और हम लोगों से पूछा पहले बॉटनी पढ़ेंगे या जूलॉजी जैसा कि मैं अपनी पढ़ाई के समय से सबसे आगे की सीट में बैठता था तो मैं आगे ही बैठा बोल पड़ा सर् बॉटनी पढ़ाइये तो सर् कोई टॉपिक स्टार्ट करते तो पीछे से एक लड़की की आवाज़ आयी सर् कुछ ऐसा पढ़ाइये जो जल्द समझ आये।इतना सुनते ही सारे बच्चे पीछे देखने लगे और सर् भी हस्ते हुए बोले जैसा आप लोग कहें क्योंकि मैं आप लोगों को बोर करके नहीं पढ़ाना चाहता।क्लास खत्म हुई सभी जाने लगे मैं वही बैठा अपने मोबाइल पे जो कि मेरे भाई ने मेरे बर्थडे में दिया उसे देख रहा था पीछे से आवाज आई यार तुम बहूत होशियार लगते हो।इतना कहते ही मैं पीछे मुड़ा तो देखा एक लगभग मेरी ही हाइट की लड़की बगल में खड़ी हो गयी बोली hi मैं पूजा और आप मैनें कहा मैं निखिल बोली कहां से हो मैनें कहा मैं नौबस्ता के पास रहता हू और आप बोली जहानाबाद मैनें कहा वाओ मेरा गांव वहीं है थोड़ा आगे खजुआ में बस ऐसी अपनी सुरुवात हुई और फिर कभी कभार बात होती थी।मैं थोड़ा लड़कियों के मामले में कम समझ रखता था।
फिर एक दिन उसने मुझसे मेरी बॉटनी की बुक मांगी बोली कल दे दूंगी जैसे मैनें बुक दी तो बोली अपना मोबाइल नंबर दो मैनें कहा हम यहां मिलते तो हैं तो नंबर क्यों बोली मान लो कल में नहीं आयी तो मैं बता दूंगी जिससे तुम मुझसे नाराज तो नहीं होगे।
मैनें कहा ठीक और अपना नंबर दिया फिर हमारी बात होने लगी।एक दिन सुबह मेरे पास कॉल आयी बोली हेलो कैसे हो मेरे स्वीटहार्ट बेबी मैनें कहा यार ऐसे मत बोला करो अजीब होता है तो बोली क्या बोला करू मैनें कहा बस मेरा नाम वो हस्ते हुए बोली मैं नौबस्ता में ही जो जूलॉजी वाले सर् हैं उनकी कोचिंग जॉइन कर रही इस लिए इतनी जल्दी कॉल की मैनें सुना है तुम भी वही जाते हो तभी होशियार हो तो सोचा मैं भी होशियार हो जाऊं।में भी हस्ते हुए बोल पड़ा इरादा क्या है बोली तुम्हें फ़साने का मेरे मुँह से अब कोई शब्द नहीं निकला और huunn कह के कॉल काट दी।ऐसे कई दिन कट गए हम अंजान से दोस्त और दोस्त से बहूत अच्छे दोस्त बन गए हम दोनों की कास्ट अलग अलग थी इस लिए मैं उससे थोड़ी दूरी बना कर रखना चाहता था लेकिन वो मेरे करीब आना चाहती थी।ये बात अब सारे क्लास के लोगों को पता चल चुका था ।तभी जब कभी वो कॉलेज नहीं आती तो सब मुझसे पूछते आज तुम्हारी mam कहाँ हैं तो मैं शर्माते हुए बोल देता मुझे क्या पता वो कोई मेरी पत्नी तो है नहीं जो सब जानकारी राख्खू हो गया होगा कोई काम तो नहीं आयी।।फिर एक दिन वो मनहूस दिन आया जो मैंने कभी सोचा नहीं वो मॉर्निंग में कोचिंग के लिए निकली तो मुझे कॉल किया कि मैं रोड पे खड़ी हु अभी बस नहीं मिल रही मैं क्या करूँ आज कोचिंग के लिए लेट हो जाउंगी तो मैंने कहा चिंता मत करो मैं हुँ न  जो छूट जाएगा मैं बता दूंगा इतनी बात होते ही मोबाइल कॉल कट गई मैं हेलो हेलो चिल्लाता रहा मेरे दोस्त साथ में खड़े बोले क्या हुआ मैनें गुस्से में कहा यार ये भी कोई बात होती है कॉल काटते टाइम कोई भी हो बाई बाद में बात करता हु या करती हूं कह के काटता है ये ऐसे ही बिना बताए काट दिया तो दोस्त बोले रोड पे होगी तो बस आ गयी होगी तो अचानक काट दी टेंशन क्यों ले रहा मैनें कहा नहीं भाई पहले इसने ऐसा कभी नहीं किया मेरा दिल घबराने लगा कोचिंग का टाइम हो चुका सर् भी आ चुके हमने पढ़ना स्टार्ट कर दिया थोड़ी देर में हमारी कोचिंग की एक लड़की जो पूजा के साथ आती थी क्लास में घुसते ही रोने लगी सब उसे देख अचानक तेज़ी से खड़े हुए और सब एक साथ बोल पड़े क्या हुआ रो क्यों रही और इतनी देर से क्यों आयी।वो बोलना चाहती थी पर डरते और कापते हुए लहजे में बोली सर् बहूत बुरा हुआ सर् ने बोला बताओगी क्या हुआ तो वो रोते हुए बोली जो मेरे साथ लड़की आती थी वो पूजा उसका एक्सीडेंट हो गया मैं लेट हो रही थी तो सोचा वो नही आएगी तो मैं चली आयी थोड़ा आगे चल ही पायी थी तो जाम लग गया तो मैनें लोगों से पूछा ये जाम कैसा तो लोग बोले कोई लड़की थी मोबाइल पे बात करते हुए रोड पार करके बस में बैठने जा रही थी तो एक्सीडेंट होने से मौत हो गयी उसकी मैनें ओह्ह गॉड कहते हुए यहां आ गयी।लेकिन कोचिंग आते टाइम किसी ने बस में बताया कि वो लड़की जहानाबाद की है और बेचारी कोचिंग में लेट होने के कारण ऐसा हो गया तो मुझे लगा वहां से तो नौबस्ता पढ़ने के लिए पूजा ही आती है पर अभी मुझे विश्वास नहीं ये सुनते ही मेरे पैरों। तले जमीन ही खिसक गई मैं आंखों में आँशु लिए अपने आप को यही समझा रहा था वो नहीं होगी मैनें उस लड़की से टाइम पूछा तो बोली 7 बजे के करीब तो मुझे अपने आप मे गुस्सा आया क्योंकि उस टाइम मैं ही उससे बात कर रहा था।मैं अपनी ही सोच में खोया था कि सर् की आवाज़ में आई क्या हुआ निखिल और उन्होंने सबको कहा आज छुट्टी अजीब लग रहा है आज पढ़ाने का मन नहीं है और वो जैसे बाहर निकले तो उनके मोबाइल में बेल बजी हम लोग आपस में बात करने लगे कि कौन था वो सबने उस लड़की को चिल्लाना सुरु किया कि जब तुमने देखा नही तो कैसे कह सकती वो पूजा ही है और सब मेरी तरफ देखने लगे में भी आंखों में आँशु लिए हुए बोला वो नहीं है पागल हो वो ऐसी बेवकूफी नही करेगी कि रोड पे बात करते हुए आये।इतना कहते हुए मैं अपने आप को तसल्ली देता की उससे पहले सर् की बाहर से आवाज़ आयी तुम सब अपने अपने घर जाओ आज छुट्टी हो गयी कॉलेज में वो जो एक्सीडेंट हुआ वो लड़की अपने कॉलेज की है और वो पूजा ही है जिसको उससे मिलने जाना है तो जा सकता है पर अपने घर वालों को सूचना दे दो।ये सुनते ही में रोने लगा मेरे साथियों ने समझाया यार जो हुआ क्या कर सकते चले उसके घर मैनें कहा मैं उसे उस हाल में नहीं देख सकता ये कहते हुए अपने घर आ गया दो दिन मैंने खाना नहीं खाया तो पापा बोले क्या हुआ मैनें कहा कुछ अच्छा नहीं लग रहा सच तो ये था उसकी मौत का जिम्मेदार में अपने आप को मान रहा था क्योंकि अगर मैं उससे कॉल पहले ही कट करने को कहता तो शायद ये ना होता।
बस जिंदगी का वो पल हमेशा याद रहेगा जिसे सोच मैं आज भी परेसान हो जाता हूँ।


अनुराज
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