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मिहिर
White पहाड़ नदिया झरने और जंगल सदियों लड़ें है हम इनसे हमे शहर बसाना था काट कर ही जंगल और पहाड़ हमें अपना घर बनाना था नही रहना था हमें पेड़ शेर और सांपों के बीच हमें था डर ये हमें मारेंगे इस डर से हमने जंगल को खेत बनाया खेतों को उजाड़ गांव बसाया गांवों को उखाड़ शहर बसाया अब जब जंगल में जंगल का कुछ रहा नही पहाड़ पर पहाड़ का कुछ बचा नहीं फिर क्यों शहरो से निकलते हो अपनी कुंठा भ्रम और तृष्णा को शांत करने मरे कटे कुछ कुछ बचे जंगल पहाड़ और झरनों में !! ©मिहिर #पहाड़
Arjun Rawat पार्थ
White मैने रेत को बंद मुठियों में फिसलते देखा है,, मैने ढलते सूरज को पहाड़ों कि गोद से निकलते देखा है,, आशमानो कि ख्वाइश रखते हैं जो लोग ,, मैने उन्हे बेजुबान परिंदो को पिंजरों में कैद करते देखा है,, ©Arjun Singh #परिंदे #पिंजरे #आसमान #पहाड़ #सूरज #गोद #रेत Subhashree Sahu Nirankar Trivedi Santosh Narwar Aligarh Aman Singh Aanshi queen गम भरी शायरी
रोहन बिष्ट
White मैं,पहाड़ और देवदार जब पहाड़ों की ऊँचाइयों में, बसे हैं देवदार के पेड़, तब मन को छू जाती है वहाँ, कुछ अनूठी कहानियों की गर्मी। इन देवदारों के बीच में, बसे हैं एक खामोशी की मिठास, प्रकृति की भव्यता के साथ, जो हर मन को मोह लेती है अपनी जादुई सी बात। पहाड़ों के शीर्ष पर, बसा है सारा जहां, वहाँ का मन करता है, बस रहूँ इस खूबसूरती में दिन रात। पहाड़ों और देवदारों की यह मिलनसारी, हमें याद दिलाती है, कि प्रकृति है हमारी सच्ची मित्र, जिससे हमें सबकुछ सीखने को मिलता है बिना शब्दों के ही। सुनहरी किरनें छान रहीं हैं पहाड़ों के चेहरे, देवदार की छाया ले रही है सभी को आहेर। प्रकृति की यह अनोखी सिमटी हुई छावनी, सपनों की दुनिया में बसी है जैसे कोई कहानी। धरा की गोद में लिपटा यह प्यारा सा साथ, है देवदार और पहाड़ का नित सुखद संग्राम। जब जीवन की गहराईयों में खो जाए मन, तब पहाड़ों और देवदारों की याद दिलाए कोई भी गान जब सूर्य की किरणें छू रहीं हैं पहाड़ों की चोटियों को, और देवदार की खुशबू भरी हवा फैलाए खुशबू। प्रकृति की यह अनुपम सुंदरता, हर मन को मोह लेती है अपनी दिव्यता। धरती की गोद में लिपटा हुआ, पहाड़ों का सजीव वातावरण भरा है नया सपनों का मनोरम सफर। जब जीवन की भीड़भाड़ से थक जाए मन, तो पहाड़ों और देवदारों की चादर ओढ़कर मिले सुकून की धार। जब पहाड़ों की चोटियों पर सजती है सुबह की पहली किरण, और देवदार की सुगंध से महक उठता है वहाँ का वातावरण। प्राकृतिक सौंदर्य में लिपटा यह सुखद संगम, है पहाड़ों और देवदार का साथ बेहद अनुपम। धरती के गोद में बसी यह निर्मलता, हमें सिखाती है जीने की कला की सरलता। जब जीवन की भीड़भाड़ से हो जाए मन उदास, तो पहाड़ों और देवदारों की याद दिलाए सुखद सांझ की मिठास। ©रोहन बिष्ट #पहाड़ #देवदार
Ram Yadav
#जंगलों में जाकर सुकूं मिलता है मुझे जानवर अक्सर मेरे #दोस्त हो जाते हैं... #समंदर कहकहाते हैं मेरे साथ बैठकर #पहाड़ मुझसे मिलकर मोम हो जाते हैं... #फूल बिछे जाते हैं राहों में मेरी #झरने मुझसे मिलकर बहुत खुश हो जाते हैं... #परिंदे डाली छोड़ मेरे पास आ बैठते हैं #नदियां और #दरख़्त मेरे साथ-साथ गाते हैं... #भूतों को अक्सर मैं पसंद आ जाती हूं #प्रेतों को मेरे किस्से बहुत लुभाते हैं... #चाँद मेरी खिड़की पर रोज दस्तकें देता है #बादल घुमड़ घुमड़कर आवाज़ लगाते हैं... #बारिशें रो पड़ती हैं मेरी उदासी देखकर मैं रूठ जाऊं अगर ये #मौसम मुझे मनाते हैं... बड़ा #नाज़ आता है कभी-कभी ख़ुद पर #इंसाँ इक ना हुआ मेरा ये सब मुझपर मरे जाते हैं... ना जाने क्यों लगती है ये #प्रकृति मुझे अपनी ना जानें क्यों ये सब मुझ पर #जां लुटाते हैं !! -मोनिका ©Ram Yadav #Nature
अदनासा-
Mantri Ji लेकर धर्म की आड़ में जनसेवक तुम हर एक दिन बनाते हो राई का पहाड़ पर क्यों मानवता हर दिन गाड़ के तुम सोचते हो कोई क्या लेगा मेरा बिगाड़ स्मरण रहे हाड़ मांस के पुतले हो तुम मृत्यु अवश्यंभावी है तुमको लेगी ताड़ ©अदनासा- #हिंदी #जनसेवक #मृत्यु #धर्म #ताड़ #पहाड़ #अवश्यंभावी #Instagram #Facebook #अदनासा
आनन्द कुमार
कैसे कह दूं कि जीत है कि हार है? अब तो ठान लिया है अब तो बस उस पार है। मंजिलें मिलेगी या भटक जाएगे हम कही रास्ते में, जो भी होगा, हम अपनी किस्मत से लडने को तैयार हैं। कि मुसीबतों को देखकर डरना होगा तुम्हारी फितरत में, यहां तो मुसीबतों से ही लड़-लड़ कर बने हम फौलाद है। हार ना मानते हुए अंत तक लड़ना और आगे बढ़ना, बस यही हमारा सबसे बड़ा हाथियार है। ---------- आनन्द ©आनन्द कुमार #Anand_Ghaziabadi #आनन्द_गाजियाबादी #मजिंल #हाथियार #पहाड़
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कैसे कह दूं कि जीत है कि हार है? अब तो ठान लिया है अब तो बस उस पार है। मंजिलें मिलेगी या भटक जाएगे हम कही रास्ते में, जो भी होगा, हम अपनी किस्मत से लडने को तैयार हैं। कि मुसीबतों को देखकर डरना होगा तुम्हारी फितरत में, यहां तो मुसीबतों से ही लड़-लड़ कर बने हम पहाड़ है। हार ना मानते हुए अंत तक लड़ना और आगे बढ़ना, बस यही हमारा सबसे बड़ा हाथियार है। ---------- आनन्द ©आनन्द कुमार #Anand_Ghaziabadi #आनन्द_गाजियाबादी #मजिंल #हाथियार #पहाड़
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read more.....S
दूर कहीं पहाड़ों मे एक शोर सा है शांति का एक ऐसा शोर जिसे सुनने का मन करे जिसमे रहने का मन करे जहा जाकर बस जाने का मन करे अपने किसी प्रिय के साथ मधुर हवा, निर्मल जल और पवित्र वातावरण पक्षियों की आवाज भी इतनी साफ कि किसी संगीत की जरूरत न पड़े नदियों का कल कल बहना खेतो की हरियाली एक असीम शांति प्रदान करती है हृदय को चलो एक बार फिर से पहाड़ों को उनकी हरियाली लौटाए चलो एक बार फिर से पहाडो को उनकी शान लौटाए चलो एक बार फिर से पहाड़ों को उनके पहाड़ी लौटाए।। ©Sapna #पहाड़ी #पहाड़
Madhu Kashyap
पर्वतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है आसंम ने खुश होकर अपना रंग बिखेरा है भीगे भीगे हवाओं में खुशबूओं का डेरा है रोशनी की शाम है मस्तियों का घेरा है। ©Madhu Kashyap #safarnama पर्वत #पहाड़
#safarnama पर्वत #पहाड़
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