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Best सुनता Shayari, Status, Quotes, Stories

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V S

#love_shayari #दिल #सुनता #भूल #nojohindi #nojofamily #nojohindishayri #nokotoshayari #nokotofalimy Bhavana kmishra vineetapanchal Deewani Bholenath ki Anshu writer Akshita Maurya

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White दिल कहा किसी की सुनता है हम कहते हैं उससे भूल जा पर दिल उससे बार बार याद करता है

©V S #love_shayari #दिल #सुनता #भूल #nojohindi #nojofamily #nojohindishayri #nokotoshayari #nokotofalimy Bhavana kmishra vineetapanchal Deewani Bholenath ki Anshu writer Akshita Maurya

Shashi Bhushan Mishra

#सुनता हूँ वो खुश रहता है#

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ख़ुद  से  ही बातें करता है,
सुनता हूँ वो खुश रहता है,

उसके घर में कोई नहीं पर,
वहाँ एक दीपक जलता है,

दरिया उससे मिलने आती,
ख़ुद को वो सागर कहता है,

भीतर  उसके  क़ायनात है, 
अनुभव की बातें करता है,

करे   गुफ़्तगू   बादल  से  वो, 
चिड़ियो का कलरव सुनता है, 

मैं  मेरा  का  भेद  न रखता, 
है  तटस्थ  सब  में  रहता है,

तन्हाई    में    आता-जाता, 
श्वासों की धुन पर बजता है,

मेरा मन भी मिलकर उससे, 
'गुंजन' तू  ही  तू  जपता है,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      चेन्नई

©Shashi Bhushan Mishra #सुनता हूँ वो खुश रहता है#

M.K.Raj9627

#सुनता रहूं मैं बाते तेरी

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सुनता रहूं मैं बाते तेरी
दिल ये मेरा बस यही चाहता है
कुछ भी ना देखूं मैं तेरे सिवा
हर तरफ तू ही तू नजर आता है

©M.K.Raj9627 #सुनता रहूं मैं बाते तेरी

Nasamajh

आजकल खुद से 
मुझे शिकायतें रहने लगीं है कि
आजकल मैं खुद की भी सुनता हूंँ ।।
 #हिन्दी #खुदकी #सुनता #हिंदीqoutes #आजकल #शिकायतें

sonveer songh

Sagar Sanghatiya

आबाज दिल की ।

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सुनता हूँ जब दिल कीआबाज। 
ईक तन्हाई सी छाती है ।
हरकोई सामने है मेरे ।
पर अंधेरा सा छाता है ।
सुनता हूं जब ...........😢 आबाज दिल की ।

Umesh Kushwaha

प्यार आज भी उससे है।

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"प्यार आज भी उससे है"
 प्यार में होना और प्यार से उबरना दो अलग अलग बात है। प्यार में होना यानी अमूर्त हो जाना। फिर आप कहीं इतना खो जाते है, जैसे बारिश की पहली बूंदे मिट्टी पर पड़ती हो तो वो सोंधी सोंधी खुशबू आपके मन को पूरी तरह मोह लेती है या धीरे धीरे आप इसके वस में हो जाते हैं,आप मोहित हो जाते है।
     उस मिट्टी की आवो हवा में आप जीने लगते है,फिर वही रोज़ की आदत में शुमार हो जाता है।आप चाह कर भी उस गोलाई की परिध से बाहर नहीं आ सकते,फिर आपकी दिनचर्या इस 
कदर जकड़ जाती है कि जब तक आप उस सौंधी सौंधी खुशबू को मस्तिष्क में उतार न ले तब तक आप खुश नहीं रह सकते,फिर क्या ये धीरे धीरे आपकी आदत आपका स्वभाव बन जाती है।
     जब कोई चीज़ आपके स्वभाव में आ जाए तो उसे बदलना कठिन होता है लेकिन ये और भी भयावह हो जाता जब धीरे धीरे इसकी कद्र कम होने लगती है। फिर क्या झल्लाहट और अकेलापन इस कदर हावी हो जाता है कि आप हर समय खाली खाली महसूस करने लगते हैं।
     नीरस और बेमन होकर जीना जैसे अंश और हर का कायदा हो,फिर आप उस अंश के ही होकर रह जाते हैं यानी हर चीज के आदी जैसे वो रास्ते,बाजार घूमना - फिरना यहां - वहां आना - जाना।यहां तक कि वहां की हवा भी आप के जहन में बस जाती है, जो कि प्राणवायु है। फ़िर आप इससे उबर नहीं सकते अंत तक चाहे कितना भी धैर्य रख लीजिए क्यूंकि वो वायु प्रणय बनकर आपके दिलोदिमाग से लेकर पूरे शरीर में वास कर रही होती है।
       जब वो अंश आपसे अलग होता है, वो तो यही सोचता है कि वो पूरी तरह अलग हो गया है लेकिन ये सिर्फ उसके ही परिपेछ्या से दृष्टागत है। वो कहीं अलग किसी और के साथ खुश है लेकिन आप उस साथ को इतना जी चुके होते हैं की वो फिर आपको नहीं छोड़ता जो की हर समय आपके साथ होता है और नहीं भी, यही बात सबसे ज्यादा तकलीफ देय होती है।
      वो सारे मंजर फिर याद आते हैं, वो सड़के जहां हम साथ चले थे,वो कचौरी का ठेला फिर पानी पूरी की बात" भैया दही वाली ही देना" और वहीं पास वाली आइस्क्रीम की दुकान से  हर बार तुम जिद करके सिर्फ एक ही आइसक्रीम लिया करते थे,और फिर धीरे धीरे पार्क पहुंच जाते थे।फिर क्या तुम बोलती और मैं सुनता था।
        इतना ही नहीं हर रोज़ तुम्हारे ऑफिस से घर तक छोड़ना, पर हां वो हाईवे वाला पुल जहन में बना ही रहता है, जब तुमने अचानक बाइक रोकने को कहा था और हम कुछ देर रुके थे । तब पहलीवार तुमने हमें "किस" किया था,जो आज भी वो पुल वाला किस याद है जिसे भूलाया नही जा सकता।
        हर वो चीज याद है जो हम साथ में जिये हैं,वो गली - वो मोहल्ले! एक एक पल जो हम बातें करते थे और हां वो रेलवे का ओवरब्रिज कैसे भूल सकता हूं मै वहीं पर तो झगड़ा हुआ था हमारा, तुम उस दिन गुस्से में थी। फिर हमारी कई दिनों तक बात नहीं हुई और न ही मिलना जुलना। उस दिन बहुत कोशिश की थी तुमको समझाने की लेकिन तुमने अकेले ही फैसला कर लिया था।
         तुम्हारे लिए तो आसान था पर शायद आज तक मैं उन चीजों से उबर नहीं पाया हूं,खोजता रहता हूं मै तुम्हे ही उन्ही रास्तों में जहां जहां हम साथ चले थे। पर अब वो गलियां हमें चुभती हैं हवाओं में भी एक अजीब सी चुभन है जो गले ही नही उतरती। लेकिन तब भी उन सारी जगहों को एक बार फिर देख लेना चाहता हूं,मानो मै तुम्हे महसूस के रहा होता हूं जब उन सारी जगहों से गुजर रहा होता हूं चाहे वो तुम्हारे घर की पास वाली गली हो या रेलवे फाटक के खुलने का वो दो मिनट का इंतजार पर आज भी लगता है कि तुम उस पार से कहीं मुझे निहार रही होगी और दौड़कर फिर मेरे पास आना चाहती होगी लेकिन फिर मैं मौन हो जाता हूं तुम्हे खोकर,क्यूंकि मै जीना चाहता था तुम्हारे साथ,जब तुम साथ होती थी तो अच्छा लगता था लेकिन शायद अब तुम्हे मंजूर नहीं था मेरे साथ रहना , वो प्रश्न आज भी मेरे अंदर कहीं उस उत्तर को खोजना चाहता है जिसका जवाब सिर्फ तुम हो।
  मै तुम्हे ढूडना चाहता हूं फिर वही उसी पार्क में की तुम आओगी उसी मेज पर जहां हम साथ बैठा करते थे,आज भी मैं रोज उसी मेज़ पर जाकर अकेले बैठता हूं इसी उम्मीद में कि एक दिन तुम जरूर आओगी। अब तो दिल की धड़कने और तेज़ होने लगी थी क्यूंकि मेरे जाने का यानी इस शहर को छोड़ने का समय कुछ ही दिन और बचा था।
 उस शहर को छोड़ने से पहले मैं हर एक चीज को समेट लेना चाहता था,हर वो लम्हा जी लेना चाहता अब अकेले ही जैसे तुम्हारे साथ जिया था। तुम्हारे न होने का दुख तो था वो अकेलापन लेकिन तुम मुझमें हर वक्त होती थी ऐसा लगता था कि तुम मेरे साथ चल रही हो,कुछ कह रही हो और मैं सुनता जा रहा हूं आज भी उसी तरह पूरी तनमयता से।
     कुछ भी हो ये शहर तो अब जहन में बस गया है वो भी सिर्फ तुम्हारे लिए जिसे अब भूलाया नहीं जा सकता। इश शहर ने हमें बहुत कुछ दिया और बहुत कुछ सिखाया भी है। अब यहां खोने को कुछ बचा भी नहीं था क्यूंकि आप यहां अपना दिल हार चुके है और उससे बेहद कीमती कुछ हो भी नहीं सकता। 
      इस शहर ने प्रेम करना सिखाया, प्यार में होना सिखाया लेकिन प्यार से उबरना नहीं सिखा पाया जिसकी टीस आज भी चुभ रही है जो शायद अब जीवन पर्यंत रहे क्यूंकि जब कोई प्यार में होता है तो वो फुल स्विंग के साथ  पूरी ईमानदारी और लगन से होता है और फिर जब कोई बीच में ही छोड़ के चला जाए तो फिर बहुत दुखता है इसीलिए कहता हूं प्यार में होना और प्यार से उबरना दो अलग - अलग बात है। प्यार आज भी उससे है।

AKHIL

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छोड़ दिया था मैंने, मैं तो आगे बढ़ गया 
जिस्म जैसे चल रहा था और रूह वही पर रुक गयी थी
तुम मेरे दिल के घर का वो हिस्सा हो जो बन्द कर दो तो शांत हो जाता था ,
लेकिन जो हटाने को किया तो पूरा घर ही ढह गया
तुझे ना सोचू तो दिल मुझसे बगावत कर बैठता है
और जो रखूं ख्यालों में तुझे तो जमाना शिकायत करने लगता है
जब भी सोचता हूँ अब जहन में तू  नही आएगा रह रह के तू याद आता है
वाकिफ कराने को मुझे इस सच से मन अक्सर उदास हो जाता है
तुझे कहाँ खबर है ,कब तू मेरी सुनता है
तुझे चाहने को यह दिल मुझसे हर रोज लड़ता है
कभी खुद से कभी जमाने से अक्सर तुझे छुपाता हूँ
मैं कहाँ किसी से दिल का साझा कर पाता हूँ
छोड़ कर  सब ,जब भी आगे बढ़ता हूँ नए मुकाम पाने को
तभी मेरी रूह मुझे पुकारती है,वापस वहीं लौट आने को
जब दूर तुमसे रहने की ठानी थी 
यह दिल की मर्जी नहीं मेरी  मनमानी थी
जिद करने की मेरी आदत पुरानी थी
हर बार इससे अपनी बात मनवा  भी लेता था
पर इस बार  किस्सा तेरा था कैसे सुनता मेरा यह मन,
इसको तो तुझसे वफादारी निभानी थी
अब भी मैं सोचता हूँ अक्सर
छोड़ दिया था ना मैंने, मैं तो आगे बढ़ गया था
पर जिस्म जैसे चल रहा था और रूह वहीं रुक गयी थी।

Gudvin Barche

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धुआ हुई जिंदगी
 दुनिया के शोर से
 मैं भी "सिफारिश" करता रहा 
अपनी ओर से 
मुझ फकीर पर भी 
कदरदान हो खुदा 
खुदा से मैं मांगू दुनिया के लिए दुआ
 मैंने सुना है तू फकीरों की
 हर  "अर्जी "सुनता है 
बस "मर्जी "हो तेरी
 यह बात हर एक फकीर सुनता है
Gudvin.barche@g

Ruchi ki kalam se

#God ईश्वर से क्या शिक़ायत है? #complaints #QandA

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'''ईश्वर"' 

ऐसा नहीं की तुमको मानती नहीं,,
किस बात से नाराज हूँ, जानती नहीं,
है कैसा खुदा तु, जो सुनता मेरी कुछ नहीं..
होगा मजबूर तु भी कही,,
कितना भी तलाश करू मिलता नहीं,,
मेरी क्यू सुनता नहीं..! #God ईश्वर से क्या शिक़ायत है?
#Complaints #QandA
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