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Best झर Shayari, Status, Quotes, Stories

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Rakesh frnds4ever

#जिंदगी_की_बारिशें #कहर #बरस रहा है जीवन में ज़हर उतर रहा है नशों में #टपक रहा है #जमीं पर बदन से ये खून सारा #झर रहा है प्राणों का तारा जर चुका है आत्मा का पिटारा गिर चुका है खड्डे में बदन से #दिल का पारा ,,,,,,

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Amit Singhal "Aseemit"

Baisa_Raj_Neha_Pandya

ये खुशियां कहां रहती है?

 दिल की धड़कन में,
मंदिर की घंटी की टन-टन में,
बच्चे की मुस्कान में,
चिड़ियों की चहचहाहट में,
पेड़ों की सरसराहट में,
बाग़ के खिलते फूलों में,
झरने की झर-झर में,
और उनकी बाहों में। #ये_खुशियां_कहां_रहती_है?

Deepak Sisodia

ग्राम सुन्दरी

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रंग रूप सब खिल उठता है
, धूप पड़े जो यौवन ऊपर 
मस्तक स्वेद चमकता जैसे, 
मोती श्वेत झरे झर झर 


दीपक सिसोदिया ग्राम सुन्दरी

sc_ki_sines

मधुरम मधुरम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले और चंद्र उठे आकाश की रोशनी बेला में फिर नया सवेरा जाग उठे फिर शाम ढले और रात जले मधुरी जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर पार लगी जीवन की रोशनी बेला में फिर नया सवेरा जाग उठे फिर पाव उठे और चलने लगे मधुरम जीवन की ज्योति जले नन्हे पग उठ फिर गिरने लगे फिर उठने लगे और चलने लगे टिम टिम करते तारे जैसे जीवन की नई उमंग उठे तरंग बने और भी और बहने लगी है झर झर करती नदिया जैसी झूम रहे इठलाने लगी नटखट टोली बन उठने लगी उठने लगी मन की ज्योत जले उठने लगी तो चलने लगी समझ ना पाया मन समझा न सके सब मन मेरा ज्ञान को हम अपनाने लगे मधुरी में जीवन की ज्योत जले आप बिछड़े वह  ऐसा आया जब दिल से दिल टकराया मन मन की मन ही मन मुस्कान ही ना कि आप प्रेम के गीत सुनाने लगे एक नई राह पर चलने को मन आतुर हो दिल धड़का आने लगी मधुरम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर चंद्र उठे अब बात पुरानी उठने लगी लगी बचपन की याद सताने लगी फिर से वो बचपन आया संग झूम के दिल भर आया फिर वही पुरानी बात बने फिर उठने लगी चलने लगे मधुरम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर चंद्र उठे  अब अंतिम क्षण वो आया बचपन से पचपन बीत गए उम्मीद लगाए बैठे हैं फिर वह बचपन जाग उठे इस दुनिया को प्यारा बचपन बीत गया कहां चला गया गुमनाम हुआ अभी आज रात रह जाती है वह सात को तरसाती है अब अब सांस उठे और दबने लगे जीवन की ज्योति बुझने लगे मंत्र एम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर चंद्र उठे #poetrymadhurim

sc_ki_sines

(aaya naya suhawan sawan) poetry

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देखो आया नया सुहावन सावन, सबके मन को भावत सावन ,मिट्टी की खुशबू मनभावन आया नया सुहावन सावन, हरे भरे हैं घास पूस और डाल डाल पर चहकत चिड़िया ,गीत नया सा गावत सावन आया नया सुहावन,  गरज गरज जब गरजे गगना धड़क-धड़क दिल धड़के है मन बरस बरस बरस बरसे जो सावन सबका मन ललचावत सावन ,देखो आया नया सुहावन सावन, डाल-डाल कहीं झूम रहे ,  झटक झटक कर झटकत झूले ,तरस तरस तरसत आवन ,देखो आया नया सावन सावन ,नदिया उमंग लिए करती झरना ,झर झर झरझर झरती झरना ,रिमझिम रिमझिम बरसत है सावन ,आया नया सुहागन सावन ,रंगा रंग रंग से रंग रसिया, इंद्रधनुष सबका मन बसिया, सब का मन तरसावत सावन, आया नया सुहावन सावन, सागर से नदिया मिल जाती प्रेम के गीत सुनावत जाती, चारों ओर दिखे घनघोर लगे तीन चोर बड़ा  नटखट है सावन ,आया नया सावन सावन ,कटकत मटकत चहूं ओर चले कुछ शोर करे  मन मोर नचे है प्यार भरा दिल दार  ये सावन, देखो आया नया सुहागन सावन सबके मन को भावत.सावन (aaya naya suhawan sawan) poetry

आला चौहान"मुसाफ़िर"

हिन्दी दिवस #nojotahindi #Nojoto

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हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं

हिन्दी हूँ हाँ हिन्दी हूँ
मां भारती के माथे की बिन्दी हूँ
प्रखर हूँ , वृहद हूँ, संम्पुर्ण विश्व की आवाज हूँ
भूत हूं , भविष्य हूं ,बदलते परिवेश का आज हूँ
आन हूँ ,बान हूँ, हर हिन्दी की शान हूँ
महकते गुलशन का ताज हूँ
देखे है उतार चढ़ाव मैंने
गुलामी का जंजीरों से निकला माहताब हूँ
दिलो में जोश को भरने वाली
तुफानों में जलती लौ का शबाब हूँ
अदद खड़ा हिमालय हूँ
झर झर बहती कालिन्दी हूँ
हिन्दी हूँ हाँ हिन्दी हूँ
मां भारती के माथे की बिन्दी हूँ हिन्दी दिवस #nojotahindi #nojoto

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