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💞Seema Yadav💞
मेरा सजना सँवरना अब हुआ बेकार तेरे नख़रे उठाने के लिए लोग खड़े हैं हजार 🙄🙄🙄🙄 🙈🙈 #बिहारन #शेरशाहकीभूमिसे #YourQuoteAndMine Collaborating with ख़ामोश क़लम
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जीजी डुग्गी काहे पीट रही हो जो करना है वो कर लेना ......!😀😀 #बिहारन #openforcollaboration #YourQuoteAndMine Collaborating with खामोश क़लम
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read moreअभिलाष सोनी
मुझे बस यही अंदाज-ए-तमीज पसंद है। मुझे वो मेरी जाँ, मेरी अजीज पसंद है। #बिहारन #शेरशाहकीभूमिसे #मेरी_ख्वाहिश #YourQuoteAndMine Collaborating with याज्ञसेनी
#बिहारन #शेरशाहकीभूमिसे #मेरी_ख्वाहिश #YourQuoteAndMine Collaborating with याज्ञसेनी
read moreअभिलाष सोनी
लिखने को तो मैं तेरी मुस्कुराहट 😍को अपना लिख दूँ। पर काश ये मेरी होती तो फिर लिखना✍️ही क्यूँ पड़ता। #बिहारन #शेरशाहकीभूमिसे #openforcollaboration #YourQuoteAndMine #मेरी_ख्वाहिश #मुस्कुराहट Collaborating with खामोश क़लम
#बिहारन #शेरशाहकीभूमिसे #openforcollaboration #YourQuoteAndMine #मेरी_ख्वाहिश #मुस्कुराहट Collaborating with खामोश क़लम
read moreDR. SANJU TRIPATHI
बाबुल ना जाना मोहे शहर किसी भी शहरी बाबू के अंगना। ढूंढ़ो कोई घरजमाई मेरे लिए, उसी को बना लूंगी मैं सजना। भाए मुझे कुएं का ठंडा पानी, लुभाए खेतों की झूमती हरियाली। मैं भोली-भाली गांव की रहने वाली, मुझे ना चाहिए शहरी मवाली। रहूंगी जीवन भर संग बाबुल तुम्हारे, करूंगी तुम्हारी तन-मन से सेवा। घर जमाई को बना लेना अपना बेटा, बन के रहेंगे हम तुम्हारा गहना। एक बार कैप्शन अवश्य पढ़ें:- 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 12 🎀 शीर्षक- "बाबुल ना जाना शहरी बाबू के अंगना...!" 🎀 समय सीमा- आज शाम 6 बजे तक।
एक बार कैप्शन अवश्य पढ़ें:- 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 12 🎀 शीर्षक- "बाबुल ना जाना शहरी बाबू के अंगना...!" 🎀 समय सीमा- आज शाम 6 बजे तक।
read moreDR. SANJU TRIPATHI
गली गली में शोर मचा है देखो सांता, आया खुशियाँ लाया। देख कर सांता की अनोखी वेशभूषा, हर बच्चे का मन हर्षाया। उपहार बांटता बच्चों को, टॉफी चॉकलेट भी है खिलाता। हाथ में लेकर घंटी बजाता, वातावरण को गीतों से सजाता। सारे भेदभाव मिटाकर, हर बच्चे को खुशी से गले लगाता। मैरी क्रिसमस, मैरी क्रिसमस करके, देखो सबसे है हाथ मिलाता। आप सभी को क्रिसमस की ढेरों शुभकामनाएंँ.....! 🎀 प्रतियोगिता संख्या:- 12 🎀 शीर्षक:- देखो सांता आया खुशियाँ लाया..! 🎀 समय सीमा- आज शाम 6 बजे तक।
आप सभी को क्रिसमस की ढेरों शुभकामनाएंँ.....! 🎀 प्रतियोगिता संख्या:- 12 🎀 शीर्षक:- देखो सांता आया खुशियाँ लाया..! 🎀 समय सीमा- आज शाम 6 बजे तक।
read moreDR. SANJU TRIPATHI
गरीबों के फटे जेब से झांकते छेद और मुख पर इन सबके दिखती लाचारी है। ऐसे ही फटेहाल हालातों में जी रहे हैं हमारे ना जाने कितने ही गरीब देश वासी। लोग देख कर भी कर देते हैं अनदेखा, देखते ऐसे हैं जैसे कभी कोई गरीब ना हो देखा। दो वक्त की रोटी की जुगत में जिंदगी गुजारते ना रोते जानते हैं ये एक लाइलाज बीमारी है। शायद खून ही गर्म है इनका सर्दी हो या गर्मी चंद चीथड़ों में गुजार देते सारी जिंदगानी आंखें सुनाती दु:ख की व्यथा हरपल हर गरीब की जिंदगी की है एक जैसी ही कहानी। 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 11 🎀 शीर्षक- "शायद खून ही गर्म है...!" 🎀 समय सीमा- आज शाम 6 बजे तक। 🎀 सभी लेखकों को इस शीर्षक पर 6 पंक्तियांँ लिखनी हैं।
🎀 प्रतियोगिता संख्या- 11 🎀 शीर्षक- "शायद खून ही गर्म है...!" 🎀 समय सीमा- आज शाम 6 बजे तक। 🎀 सभी लेखकों को इस शीर्षक पर 6 पंक्तियांँ लिखनी हैं।
read moreDR. SANJU TRIPATHI
कास के फूल खिलने का तात्पर्य होता है वर्षा ऋतु की विदाई और शरद का आगमन। पुराने को छोड़कर नये वक्त की ओर देखने का नजरिया जगाता है करता मंत्रमुग्ध मन। खाली पड़े खेत,खलिहानों में पगडंडियों के किनारे लगे जैसे श्वेत बादल निकले हों सैर पर। सोंधी मिट्टी की खुशबू में घुलकर फूल इठलाते, बलखाते प्रकृति ने किया हो अद्भुत श्रृंगार। कास के फूल हैं अप्रतिम,अमिट,अलबेले मां दुर्गा भी इन्हें अपने स्वागत का पुष्प चुनती है। मौसम अंगड़ाई लेकर सुहावना होने लगता है और हवा की गर्माहट नरम सी होने लगती है। एक बार कैप्शन अवश्य पढ़ें:- 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 10 🎀 शीर्षक- "कास के फूल" 🎀 समय सीमा- आज शाम 6 बजे तक।
एक बार कैप्शन अवश्य पढ़ें:- 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 10 🎀 शीर्षक- "कास के फूल" 🎀 समय सीमा- आज शाम 6 बजे तक।
read moreDR. SANJU TRIPATHI
शरीर और मन की अनुकूलता और प्रतिकूलता को सहन करना ही सहनशीलता है। मानव व्यक्तित्व के विकास और उन्नयन का मुख्य आधार तत्व सौहार्द व सहिष्णुता है। सहनशीलता जीवन शक्ति का पर्याय है इससे व्यक्ति जिंदगी की हर जंग जीत सकता है। सहिष्णुता ही वसुधैव कुटुंबकम, सर्वे भवंतु सुखिनः और सर्व धर्म सद्भाव का आधार है। 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 9 🎀 शीर्षक- "सहनशीलता" 🎀 समय सीमा- आज रात 9 बजे तक। 🎀 परिणाम की घोषणा- सुबह 6 बजे के बाद।
🎀 प्रतियोगिता संख्या- 9 🎀 शीर्षक- "सहनशीलता" 🎀 समय सीमा- आज रात 9 बजे तक। 🎀 परिणाम की घोषणा- सुबह 6 बजे के बाद।
read moreWriter1
खूब महकी हूं, जी भर के चहकी हूं, मैं चिड़िया तेरे आंगन की, ना ब्याहना बाबुल मुझे, रूठ जाएंगी सब सखियां मेरे बचपन की, तुम ही तो कहते हो,तेरी छोटी सी गुड़िया हूं मैं, देख कितनी प्यारी हूं मैं, फिर क्यों, मुझे ब्याह कर मेरी खुशियों को नज़र लगाना चाहते हो, पल भर में तोड़कर मुझसे ताल्लुक, मेरे बचपन की याद मिटाना चाहते हो, क्यों अपने जिगर के टुकड़े को नजरों से दूर कर,शहरी बाबू के अंगना सजाना चाहती हो। एक बार कैप्शन अवश्य पढ़ें:- 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 12 🎀 शीर्षक- "बाबुल ना जाना शहरी बाबू के अंगना...!" 🎀 समय सीमा- आज शाम 6 बजे तक।
एक बार कैप्शन अवश्य पढ़ें:- 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 12 🎀 शीर्षक- "बाबुल ना जाना शहरी बाबू के अंगना...!" 🎀 समय सीमा- आज शाम 6 बजे तक।
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