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Rakesh frnds4ever

#Train #दूर दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है #गंतव्य पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,, कभी #कन्द्राओ से कभी #रेगिस्तानों से,, #पर्वत पठारों से, #घाटी #मैदानों से शहर ओर गावों से , सभी जगहों से गुजरती हुई जब सरपट दौड़ती है तो ,, #ज़िन्दगी #एहसास #संगीत

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Rumaisa

Suparas Jain

यात्री की यात्रा गंतव्य तक, 
मुसाफिर की संयम तक, 
और जो निकल गया कर्म बंधन काटने, 
वो वैरागी, 
वो अंतर्मन का यात्री , 
यात्रा उसकी अनंत तक। #प्रयोगकविता #yqdidi #challenge #यात्री #यात्रा #गंतव्य  #अनंत #SAJALsays

रचना शर्मा राही

जीवन यात्रा है शुरू हुई,
सबकी अपनी अपनी मंज़िल।
यात्री सब निकल पड़े हैं,
करने गंतव्य हासिल।
जीवन पथ पर हैं डटे हुए,
सुख दुःख को सहते।
इस यात्रा में नए नए मुसाफ़िर,
रोज़ ही आकर जुड़ते।
सबसे मिलो मिलाओ,
अपनी यात्रा सफल बना लो।
इस धरती पर इस जीवन को,
ख़ुशमय तुम बना लो ।
रचना शर्मा "राही"
 #प्रयोगकविता #यात्रा #यात्री #गंतव्य #yqbaba #yqdidi #yqchallenge #yqhindi

VATSA

#गंतव्य #vatsa #dsvatsa #illiteratepoet #hindiquotes #hindipoetry #yqdidi माना वक़्त ने बेमतलब के इमतेहान लिए  देख सूरज है निकला, फिर नए अरमान लिए  रुक गया क्यूँ, कालकोठरी में बैठा, मौन है  उठ ज़रा, मुझको बता दे,  तू कौन है  मूक मत बन चार फ़ीट की ये ज़ुबान लिए 

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माना वक़्त ने बेमतलब के इमतेहान लिए 
देख सूरज है निकला, फिर नए अरमान लिए 
रुक गया क्यूँ, कालकोठरी में बैठा, मौन है 
उठ ज़रा, मुझको बता दे,  तू कौन है 
मूक मत बन चार फ़ीट की ये ज़ुबान लिए 
देख सूरज है निकला, फिर नए अरमान लिए 

सो चले थकान में सब, तू तब भी जागता रहा 
सब थक गए, सब रुक गए, तू तब भी भागता रहा 
पोतले ये चेहरा, तैयार वो, फिर वही पहचान लिए
देख सूरज है निकला, फिर नए अरमान लिए 

कुछ मिट गए, कुछ हट गए, कुछ रंजिशो में बंट गए 
कमज़ोर किया बेमतलब का, धागे सारे वो कट गए 
निकल काली कुटिया से, है धरती सारा जहाँ लिए 
देख सूरज है निकला, फिर नए अरमान लिए 

वो मूढ़ सबसे अज्ञानी हैं, उनसे ना बक-बक करना तू 
जो कल की बस बातें करे, उनसे भी बचके रहना तू 
मत सुन पंडित मौलवी की, चल ख़ुदका इंसान लिए 
देख सूरज है निकला, फिर नए अरमान लिए 

तेरे ही सपने थे, तेरे ही आँखों में अब पानी है 
कोस उसे मत, चिल्ला तू, ये तेरी अपनी कहानी है 
कुछ जक्म भी अच्छे होते है, उठजा ये निशान लिए 
देख सूरज है निकला फिर नए अरमान लिए #गंतव्य #vatsa #dsvatsa #illiteratepoet #hindiquotes #hindipoetry #yqdidi 

माना वक़्त ने बेमतलब के इमतेहान लिए 
देख सूरज है निकला, फिर नए अरमान लिए 

रुक गया क्यूँ, कालकोठरी में बैठा, मौन है 
उठ ज़रा, मुझको बता दे,  तू कौन है 
मूक मत बन चार फ़ीट की ये ज़ुबान लिए 

Manju kushwaha

Aprajita Jha

क्या खूबसूरत इतेफाक हैं
तेरे सफ़र का आरंभ वहीं
और गंतव्य भी हैं वहीं
 तेरे उस सफ़र की शुरुआत 
और अंत की है तारीख़ वहीं
बस बदला है तो साल,मंजिल
और उस सफ़र का हमसफ़र कहीं


 #yqdidi #yqbaba #yqhindi #itefaq #safar #आरंभ #गंतव्य #हमसफ़र

Anamika

#पुरूष #गंतव्य Roli Abhilasha से प्रेरित

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पुरूष..
   गंतव्य में पहुंचाने के बाद वो,अपनी इच्छानुसार
         खोलता और बंद करता रहता है ,
                   अपने मन के द्वार...

 #पुरूष
#गंतव्य
Roli Abhilasha से प्रेरित

Anamika

सेतु होती है
घर की स्त्री..

जोड़े रखती है
एक दूसरे को..

  समेट लेती है
सबके विचारों को..

बोझ ढो़ लेती है,
जिम्मेदारियों के...

पहुंचा देती है
सही गंतव्य पर.. #स्त्री #सेतु 
#बोझ #गंतव्य
#yourqoutehindi 
#tulikagarg

Parasram Arora

#गंतव्य.......

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माना क़ि  जीवन 
एक लम्बी  यात्रा है. और  यात्रा करने 
वाला  यात्री   भी  नहीं चाहता क़ि 
 उसकी यात्रा  कभी  थमे 
इसलिए   कई बार  वो मंद गति से  
चलने का प्रयास  भी  करता है  ताकि 
गंतव्य उससे दूरी  बनाये रखे  और 
यात्रा की  निरंतरता   जारी  रहे 
लेकिन कई यात्री  ऐसे भी होते हैँ 
जो तेज गति से चलकर  गंतव्य क़ेभी पार 
चले जाते हैँ  और  यात्रा  क़े 
   धीमी गति वाले  आनंद से 
वँचित  रह जाते हैँ

©Parasram Arora #गंतव्य.......
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