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अदनासा-

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अदनासा-

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 https://www.instagram.com/reel/Cz233HxxVyk/?igsh=NmRjOGRrOTNjY2g4 #भारत #हिंदी #मिल्खासिंह #प्रतियोगिता #दौड़ #धावक #FlyingSikh #कोशिश #Instagram #अदनासा #स्पोर्ट्स

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अदनासा-

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Author Munesh sharma 'Nirjhara'

'चित्र बोलते हैं' की दूसरी कड़ी आपके सामने प्रस्तुत है। चित्र को वर्णित करते हुए रचना लिखनी है। चित्र का वर्णन आप कैसे करेंगे यह पूर्णतया आप पर है। #चित्रबोलतेहैं से हमें टैग ज़रूर करें तभी हमारी टीम आपकी रचनाओं तक पहुंच पाएगी। रचना किसी भी विधा में हो सकती है। अगर रचना बड़ी हो रही हो तो आप अनुशीर्षक में भी रचनाओं को लिख सकते हैं। आभार! विशेष नोट - प्रथम कड़ी, द्वितीय एवं तृतीय कड़ी का सामूहिक परिणाम साथ मे प्रकाशित करेंगे। प्रथम कड़ी में लिखी गयी अधिकांश रचनाओं तक हम पहुंच गए हैं, कुछ रचनाएं अभी भी #YourQuoteAndMine #हिंदी_साहित्य #प्रतियोगिता #mनिर्झरा

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मौसम में बदलाव...परिवर्तन..निरन्तर चलता रहता है!प्रकृति में मौसम का,ऋतु का परिवर्तन जैसे ओढ़ा देता है बर्फ की चादर पेड़ों को,घरों को,रास्तों को,वैसा ही बदलाव आता है कभी-कभी रिश्तों में,संबंधों में,जो ला देता है बर्फ-सा सीलापन, ख़त्म कर देता है सारी नज़दीकियों की गर्मी को, दबा देता है सभी इच्छाओं को,भावनाओं को, एक मोटी बर्फीली 'चुप्पी' में...वो चुप्पी की सिला ...कभी टूटती है, कभी नहीं टूटती...पर इन्तज़ार सदैव बना रहता है.....तपते सूर्य के निकलने का....बर्फ़ के पिघलने का...!
(गद्य-शैली)
🌹 'चित्र बोलते हैं' की दूसरी कड़ी आपके सामने प्रस्तुत है। चित्र को वर्णित करते हुए रचना लिखनी है। चित्र का वर्णन आप कैसे करेंगे यह पूर्णतया आप पर है। #चित्रबोलतेहैं से हमें टैग ज़रूर करें तभी हमारी टीम आपकी रचनाओं तक पहुंच पाएगी।
रचना किसी भी विधा में हो सकती है। अगर रचना बड़ी हो रही हो तो आप अनुशीर्षक में भी रचनाओं को लिख सकते हैं।

आभार!

विशेष नोट - प्रथम कड़ी, द्वितीय एवं तृतीय कड़ी का सामूहिक परिणाम साथ मे प्रकाशित करेंगे। प्रथम कड़ी में लिखी गयी अधिकांश रचनाओं तक हम पहुंच गए हैं, कुछ रचनाएं अभी भी

Insprational Qoute

12 जवानों की शहादत बीजापुर में नक्सलियों से मुठभेड़ में 22 जवानों की शहादत पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि। भारत माता की जय विषय का रचना में होना अनिवार्य नहीं है। पंक्ति सीमा : 6-10 पंक्तियॉं #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #प्रतियोगिता #काव्य_ॲंजुरी #जवानोंकीशहादत

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अनन्त  से अनन्त की अनुभूति हृदय माही होती है,
जब भी जवान की शहादत में कलम मेरी चलती है,

ख़ुद  ब खुद ही अक्षरोंयोक्ति भावों में हो बहती है,
 मेरे  वीर जवानों  की वाणी में यह  कुछ कहती है,

हृदय गदगद हो जाता एवरेस्ट पर तिरंगा लहराता है,
मेरा हिंद भारत सर्वेश्वर हो यही तो महान कहलाता है,

 दी जी आहुति प्राणों की उनकी जवानी याद आती है,
सरफरोशी की तमन्ना भर दिल मे वो सूली चढ़ जाती है। #12   जवानों की शहादत

बीजापुर में नक्सलियों से मुठभेड़ में 22 जवानों की शहादत पर
भावपूर्ण श्रद्धांजलि।
भारत माता की जय

विषय का रचना में होना अनिवार्य नहीं है।
पंक्ति सीमा : 6-10 पंक्तियॉं

Insprational Qoute

काव्य-ॲंजुरी✍️ की साप्ताहिक प्रतियोगिता में आपका स्वागत है। विषय : देखा है हमने पंक्ति सीमा : 4 समय सीमा:25.02.2021 9:00pm विशेष : विषय का रचना में होना अनिवार्य नहीं है। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #काव्य_ॲंजुरी #देखाहैहमने

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देखा है हमनें भी उन बिलखते भूखे बच्चों को औऱ नेताओं की रोटी सिकती को,
नित नित रैन भगत से ही दकोसलाबाजी करते,न सुनते मासूम की सिसकी को,
वक़्त के साये में कुमलाहे है, मानो जमीं पर वो भी बिन बुलाये से मेहमान है,
इनकी शेख़ से आज तक तुम बचे हो,दो समय फिर सुनो इनकी शेर सी भभकी को।  काव्य-ॲंजुरी✍️ की साप्ताहिक प्रतियोगिता में आपका स्वागत है।

विषय : देखा है हमने
पंक्ति सीमा : 4
समय सीमा:25.02.2021
                9:00pm
विशेष : विषय का रचना में होना अनिवार्य नहीं है।

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समय सीमा : 21.01.2021 9:00 pm पंक्ति सीमा : 4 काव्य-ॲंजुरी में आपका स्वागत है। आइए, मिलकर कुछ नया लिखते हैं, #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #प्रतियोगिता #काव्य_ॲंजुरी #ख़ामोशबचपन

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चुपके..........से जिम्मेदारियों के बोझ से निकल गया ख़ामोश बचपन,
चली गई अब कोमल हाथों की ये नर्मी,पीड़ा में अब उम्र हो गई पचपन,
वो सर्द हवाओं सा बीता हर त्योहार,तनिक स्नेह मांगने को माँ-बाप लाचार,
कैसा ये आधुनिकीकरण का दौर है,अब औलाद ने पहन ली विदेशी अचकन। समय सीमा : 21.01.2021
                  9:00 pm
पंक्ति सीमा : 4
 
काव्य-ॲंजुरी में आपका स्वागत है।

आइए,
मिलकर कुछ नया लिखते हैं,

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उत्तरायण प्रतीक्षा *************** सूर्य देव आपको यह पावन पर्व समर्पित, हुये सक्रांति उत्तरायण में मन करूँ अर्पित, आई फिर झूम कर ढेरो खुशियों की बहार, नवोद्भिद सुमन पुष्प से चेहरे हुये पल्लवित, #YourQuoteAndMine #विशिष्ट #प्रतियोगिता #काव्य_ॲंजुरी

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उत्तरायण प्रतीक्षा
***************
सूर्य देव आपको यह पावन पर्व समर्पित,
हुये सक्रांति उत्तरायण में मन करूँ अर्पित,
आई फिर झूम कर ढेरो खुशियों की बहार,
 नवोद्भिद सुमन पुष्प से चेहरे हुये पल्लवित,

शरद ऋतु में आ तिल हम सब चटकाते,
बना सक्रांति आज से दिन वृद्धि कर जाते,
ठिठुरन को छोड़ आप शरद को ले जाते,
खग छोड़ नीड़ आलस्य गगन में दूर उड़ जाते,

कर दान पुण्य स्वर्गद्वार के लिए मिल जाये मोक्ष,
आपसी स्नेहाभाव भी बाँट दो ,दुआ दो परोक्ष,
बल बुद्धि विद्या का ज्ञान मिले नित शीश झुकाओ,
करे जो मनभावन इस पावन हृदय चंदन बन जाओ,

 उत्तरायण में आये सूर्य से महामारी का विनाश हो,
मन उल्लसित हो जाये ऐसा जीवन हमारा खास हो,
न करना कभी बैरभाव किसी भी प्राणी तुल्य से,
होगा जीवनसार जगत का ऐसी प्यार की मिठास हो।

कर उत्तरायण प्रतीक्षा जीवन मे नव ऊर्जा का संचार हो,
मिल जाता मोक्ष जो त्याग करे दुर्गुण न कभी दुराचार हो,

समूल भारत मे अनन्य नामों से प्रसिद्ध यह त्योहार है,
कहीं लोहड़ी, कही बिहू तो कही सक्रांति की बहार है। उत्तरायण प्रतीक्षा
***************


सूर्य देव आपको यह पावन पर्व समर्पित,
हुये सक्रांति उत्तरायण में मन करूँ अर्पित,
आई फिर झूम कर ढेरो खुशियों की बहार,
 नवोद्भिद सुमन पुष्प से चेहरे हुये पल्लवित,

Insprational Qoute

समय सीमा : 14.01.2021 9:00 pm पंक्ति सीमा : 4 काव्य-ॲंजुरी में आपका स्वागत है। आइए, मिलकर कुछ नया लिखते हैं, #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #प्रतियोगिता #काव्य_ॲंजुरी #कहॉंचलामानव

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कहाँ चला आज का मानव खो जीवन का परमार्थ?
कर रहा विनष्ट जीवन का लक्ष्य और नेक भावार्थ,
न सदाचार,न शिष्टाचार, समाप्त हुये सद्व्यवहार,
कर आभास लौटा दो नेक नियती, यही है सत्यार्थ।  समय सीमा : 14.01.2021
                  9:00 pm
पंक्ति सीमा : 4
 
काव्य-ॲंजुरी में आपका स्वागत है।

आइए,
मिलकर कुछ नया लिखते हैं,

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विशिष्ट प्रतियोगिता काव्य-ॲंजुरी✍️ विशिष्ट प्रतियोगिता में आपका स्वागत है। नियम :- 1. समय सीमा : 2 घंटे ( 9:00 pm - 11:00 pm ) 09.01.2021 #YourQuoteAndMine #विशेष #काव्य_ॲंजुरी #उम्मीदोंकाकारवॉं

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उम्मीदों का कारवाँ अब निकल पड़ा है अधूरी मंजिल को पाने,
चाहत मेरी सपनों को पूरा करूँ,चाहे हर प्रयास पड़े आजमाने,
हार जाऊँ ये मेरी शिद्दत नहीं,जीतने को ही अब आदत बनाई है,
मेरे हौसलों को बना जुनून,भर हुँकार लक्ष्य की सफलता पाई है।
  विशिष्ट प्रतियोगिता

काव्य-ॲंजुरी✍️  विशिष्ट प्रतियोगिता में आपका स्वागत है।

नियम :-

1. समय सीमा : 2 घंटे ( 9:00 pm - 11:00 pm )
                      09.01.2021
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